'अमेरिका ने कहा था, जंग मत शुरू करो...', पी. चिदंबरम का मुंबई हमले पर बड़ा कुबूलनामा, BJP ने घेर लिया
एक इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि भारत ने Mumbai Attack के बाद Pakistan के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने पर विचार किया था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते ऐसा नहीं किया गया. उनके इस बयान पर BJP ने क्या कहा?

कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने पर विचार किया था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते ऐसा नहीं करने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया दिल्ली में यह कहने आई थी कि जंग शुरू मत करो.
एक हिंदी न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पी. चिदंबरम ने बताया कि उन्होंने 2008 में हुए 26/11 हमलों के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला था, जिसमें करीब 175 लोगों की जान चली गई थी. कांग्रेस नेता ने बताया कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की. चिदंबरम ने कहा,
मेरे कार्यभार संभालने के दो या तीन दिन बाद कोंडोलीज़ा राइस, मुझसे और प्रधानमंत्री (तत्कालीन डॉ. मनमोहन सिंह) से मिलने आईं... और कहा कि “कृपया प्रतिक्रिया न दें”. मैंने कहा कि यह एक ऐसा निर्णय है जो सरकार लेगी. हालांकि, मेरे मन में बदले की कार्रवाई का विचार आया था.
आगे उन्होंने कहा,
BJP ने दी प्रतिक्रियाप्रधानमंत्री ने इस (जवाबी सैन्य कार्रवाई) पर तब भी चर्चा की थी जब हमला हो रहा था... और निष्कर्ष यह था कि हमें डायरेक्ट एक्शन नहीं लेना चाहिए. यह फैसला काफी हद तक विदेश मंत्रालय, IFS (भारतीय विदेश सेवा) और सीनियर डिप्लोमेट्स से प्रभावित था.
चिदंबरम के इंटरव्यू की एक क्लिप को X पर शेयर करते हुए, उपभोक्ता मामलों के मंत्री और BJP नेता प्रह्लाद जोशी ने लिखा,
17 साल बाद, पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने स्वीकार किया है कि राष्ट्र जानता था कि 26/11 को विदेशी ताकतों के दबाव के कारण गलत तरीके से संभाला गया था.

वहीं, BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस नेता सोनिया गांधी या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस कदम को रोका था. उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि UPA सरकार पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस के प्रभाव में काम कर रही थी. पूनावाला ने पूछा,
UPA उनसे आदेश क्यों ले रहा था? सोनिया गांधी गृह मंत्री पर क्यों हावी हो गईं?
ये भी पढ़ें: 'भारत को इससे क्या हासिल हुआ... ?' सीजफायर के फैसले पर भारत के दो पूर्व सेना प्रमुख हैरान
बताते चलें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाक के बीच सीजफायर को लेकर विपक्ष ने सरकार की भारी आलोचना की थी. विपक्ष ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच लड़ाई बंद करने के लिए कहा और BJP सरकार ने उनकी बात मान ली. हालांकि, भारत ने कई बार स्पष्ट किया कि 10 मई का सीजफायर दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था और इसमें अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.
वीडियो: 26/11 की रात क्या हुआ था? ग्राउंड पर मौजूद पत्रकार ने बता दिया