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सचिन, धोनी जिस टेरिटोरियल आर्मी में अफसर हैं, वहां से किसी को भी बुला सकती है सेना

Operation Sindoor के मद्देनजर भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने भारतीय सेना से Territorial Army को सक्रिय करने का आदेश जारी किया है.

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आर्मी चीफ को सरकार की तरफ से मिली स्पेशल आर्मी को बुलाने की इजाजत (फाइल फोटो)
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रविराज भारद्वाज
9 मई 2025 (Published: 12:56 AM IST)
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ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के मद्देनजर भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उसने भारतीय सेना से टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) को सक्रिय करने का आदेश जारी किया है. सरकार ने हाल ही में जारी एक अधिसूचना में कहा है कि आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी किसी भी टेरिटोरियल आर्मी के अधिकारी या जवान को सेना के नियमित बलों की सहायता के लिए बुला सकते हैं.

आर्मी चीफ को ये अधिकार 9 मई, 2025 को एक अधिसूचना जारी कर प्रदान किया गया है. ये अधिकार टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत दिया गया है. इस आदेश के तहत मौजूदा 32 इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को सक्रिय किया जाएगा. इन बटालियनों को देश के विभिन्न मिलिट्री कमांड में तैनात किया जाएगा. जिसमें साउदर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्दर्न कमांड, साउथ-वेस्टर्न कमांड, अंडमान व निकोबार कमांड और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) शामिल है. सरकार की तरफ से ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आपातकालीन परिस्थितियों में सेना की तत्परता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

कई बड़े नाम हैं टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा
टेरिटोरियल आर्मी में राजनीति, खेल जगत समेत कई फील्ड के बड़े नाम जुड़े हैं. इनमें महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, अभिनव बिंद्रा, अनुराग ठाकुर समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं. फिल्म अभिनेता मोहनलाल भी टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में जुड़े हैं.

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क्या है टेरिटोरियल आर्मी?

टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) भारत की सेना का एक स्वैच्छिक और अंशकालिक (part-time) संगठन है, जो भारतीय सेना का सहयोग करता है. इस आर्मी को भारत की ‘सेकेंड डिफेंस लाइन’ के तौर पर जाना जाता है. यह सेना आम नागरिकों को शामिल करके बनाई जाती है. नौकरी-पेशा वाले सामान्य नागरिक इसका हिस्सा बनते हैं. इन्हें जरूरत पड़ने पर या किसी इमरजेंसी सिचुएशन में सेना की मदद के लिए बुलाया जाता है.

टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना 1949 में टेरिटोरियल आर्मी एक्ट के तहत स्थापित किया गया था. 18 से 42 साल की आयु के नागरिक, जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हों, वो टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती हो सकते हैं. इनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. टेरिटोरियल आर्मी को 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में तैनात किया गया था. यह आतंकवाद विरोधी अभियानों के अलावा किसी बड़ी आपदा और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है. भर्ती होने के बाद सैनिकों को बुनियादी ट्रेनिंग दी जाती है. हर साल कम से कम 30-60 दिन की ट्रेनिंग और ड्यूटी अनिवार्य होती है.

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