The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Only 9 Delhi AQI Posts Worked On Diwali Top Court Told Of Missing Data

दिवाली पर दिल्ली में खेल? पॉल्यूशन लेवल बताने वाली 'ज्यादातर मशीनें बंद थीं', SC में दावा

सोमवार, 3 नवंबर को शहर के ज्यादातर हिस्सों में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) खतरनाक लेवल से काफी ऊपर था. आरके पुरम में 335. सोनिया विहार 350, रोहिणी 352 और वजीरपुर में ये 377 रिकॉर्ड किया गया.

Advertisement
Only 9 Delhi AQI Posts Worked On Diwali Top Court Told Of Missing Data
दिल्ली की एयर क्वालिटी अभी भी 'बहुत खराब' कैटेगरी में है. ये 316 पर बनी हुई है. (फोटो- PTI)
pic
प्रशांत सिंह
3 नवंबर 2025 (Published: 07:18 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार रिकॉर्ड किया गया. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र को फटकार लगाते हुए AQI मॉनिटरिंग स्टेशनों की प्रभावी निगरानी का आदेश दिया है. कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली के 37 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से सिर्फ नौ ही दीवाली के दिन काम कर रहे थे.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक CJI बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच पर्यावरण संबंधी याचिकाओं के बैच में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट की सहायक वकील (एमिकस क्यूरी) अपराजिता सिंह ने सवाल उठाया कि बिना जरूरी डेटा के दिल्ली का AQI सुधारने के लिए कैसे कोई कदम उठाया गया. उन्होंने कहा,

“हम तो GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) कब लागू करना है, ये भी नहीं जानते. इतनी गंभीर स्थिति है. CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी) इस सवाल का जवाब दे. मॉनिटरिंग स्टेशनों की क्या स्थिति है? क्योंकि दिवाली पर 37 में से सिर्फ नौ ही काम कर रहे थे. CAQM रिपोर्ट दाखिल करने से क्यों कतरा रहा है?”

इसके जवाब में CJI बीआर गवई की अगुआई वाली बेंच ने CAQM और CPCB (केंद्रीय प्रदूषिण नियंत्रण बोर्ड) को AQI सुधारने को लेकर एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. बेंच ने ये भी आदेश दिया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिक घनत्व वाले स्थानों से रेत और जल के नमूने जांच के लिए लेंगे.

एनडीटीवी की 21 अक्टूबर की रिसर्च में पता चला है कि फार्म फायर्स में 77.5% की भारी गिरावट के बावजूद AQI पिछले पांच सालों में दिवाली के बाद सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. फार्म फायर्स सामान्यतः वायु प्रदूषण का बड़ा कारण माने जाते हैं.

PM2.5 का लेवल खतरनाक

दिवाली के बाद दिल्ली में औसत PM2.5 का लेवल 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया. WHO की निर्धारित मात्रा से करीब 100 गुना ज्यादा. दिवाली के पहले के स्तर से इसमें 212% की बढ़ोतरी नोट की गई. वायु प्रदूषण स्तर तो तीन साल में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. ये सब तब, जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित घंटों में 'ग्रीन' पटाखे जलाने की अनुमति दी थी.

सोमवार, 3 नवंबर को शहर के ज्यादातर हिस्सों में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) खतरनाक लेवल से काफी ऊपर था. आरके पुरम में 335. सोनिया विहार 350, रोहिणी 352 और वजीरपुर में ये 377 रिकॉर्ड किया गया. पॉश साउथ दिल्ली के सिरी फोर्ट में भी 330+ का AQI रिकॉर्ड किया गया है. CPCB डेटा के अनुसार PM2.5 का लेवल 189.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (µg/m³) और PM10 का लेवल 316 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया. दोनों सेफ लिमिट से बहुत ऊपर. PM के कण फेफड़ों और खून में घुसकर चुपचाप जान लेने का काम करते हैं. बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये सबसे खतरनाक होते हैं.

दिल्ली की एयर क्वालिटी अभी भी 'बहुत खराब' कैटेगरी में है. ये 316 पर बनी हुई है. रविवार, 2 अक्टूबर को ये 366 रिकॉर्ड की गई थी. वहीं तीन AQI मॉनिटरिंग स्टेशनों में ये रीडिंग 400+ थी, जो कि 'गंभीर' कैटेगरी में आता है

वीडियो: दिवाली में इतने पटाखे फोड़े गए कि दिल्ली की हवा घातक हो गई, और ज्यादा बिगड़ने की आशंका है, AQI 400 के पार

Advertisement

Advertisement

()