The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • odisha Classmates put fevikwik in eyes while sleeping, 8 children's eyes got glued

8 बच्चों की आंखों में Fevikwik डाल दी, रात में सोते समय दोस्तों ने की ऐसी 'खतरनाक' शरारत

Odisha: हॉस्टल में देर रात जब सारे छात्र हॉस्टल में सो रहे थे, तब कुछ सहपाठियों ने उनकी आंखों में फेवीक्विक नाम का एक मजबूत ग्लू डाल दिया, जिससे आठ छात्रों की आंखे चिपक गई. क्या है पूरा मामला?

Advertisement
odisha Classmates put feviquick in eyes while sleeping, 8 children's eyes got glued
कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं (फोटो: आजतक)
pic
अजय कुमार नाथ
font-size
Small
Medium
Large
14 सितंबर 2025 (Updated: 14 सितंबर 2025, 10:08 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

ओडिशा में कंधमाल जिले के एक हॉस्टल में सो रहे छात्रों की आंखों में कुछ शरारती बच्चों ने फेवीक्विक डाल दिया. इससे उनकी आंखें चिपक गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है. जबकि कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

क्या है पूरा मामला?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा मामला सालगुडा के सेवाश्रम स्कूल का है. शुक्रवार, 12 सितंबर की देर रात जब सारे छात्र हॉस्टल में सो रहे थे, तभी उनके कुछ सहपाठियों ने उनकी आंखों में फेवीक्विक ग्लू डाल दिया, जिससे 8 छात्रों की आंखे चिपक गई. सभी पीड़ित बच्चे नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 12 से 14 साल के बीच बताई जा रही है. उन्हें पहले गोछापाड़ा अस्पताल ले जाया गया और बाद में आगे के इलाज के लिए फूलबनी के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

डॉक्टरों ने बताया कि इंस्टेंट ग्लू से आंखों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन समय पर इलाज मिलने से गंभीर परिणामों को रोकने में मदद मिली है. एक छात्र को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि सात छात्र डॉक्टरों की निगरानी में हैं.

ये भी पढ़ें: बच्चे के घाव को टांके से सिलने की जगह लगा दिया फेवीक्विक, नर्स अब सस्पेंड हुई है

जिला प्रशासन ने लिया एक्शन

घटना के बाद, जिला प्रशासन ने स्कूल के प्रिंसिपल मनोरंजन साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. हॉस्टल के अंदर यह घटना कैसे हुई, इसका पता लगाने की जांच शुरू कर दी गई है. जबकि वार्डन समेत स्टाफ सदस्यों की भूमिका की जांच भी की जा रही है. अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि बच्चों ने परिसर के अंदर फेवीक्विक ग्लू कैसे हासिल किया और इसके पीछे उनका मकसद क्या था? इन सभी सवालों के जवाब जांच के बाद ही सामने आएंगे.

अधिकारियों ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कंधमाल के फेलवेयर ऑफिसर ने अस्पताल में घायल छात्रों से मुलाकात की, जबकि कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. 

वीडियो: पटना एम्स की कर्मचारी के बच्चे कमरे में जिंदा जले, हत्या या हादसा?

Advertisement