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UPI पर GST? सरकार ने साफ किया-‘ऐसा कोई इरादा नहीं है!’

No GST on UPI transactions: सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर GST लगाने की तैयारी चल रही है. वित्त मंत्रालय ने साफ कहा - "ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है, ये खबरें भ्रामक और निराधार हैं."

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No GST on UPI transactions over rs 2000
UPI भुगतान पर फिलहाल GST जैसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगते हैं. (फ़ोटो - इंडिया टुडे ग्रुप)
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हरीश
19 अप्रैल 2025 (Updated: 19 अप्रैल 2025, 12:20 PM IST) कॉमेंट्स
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पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और कुछ खबरिया चैनलों पर ये चर्चा ज़ोरों पर थी कि सरकार 2,000 रुपये से ऊपर के UPI लेन-देन पर GST लगाने की तैयारी में है. लोग हैरान थे-"अब फ्री पेमेंट भी टैक्सेबल हो जाएगा क्या?"

लेकिन अब सरकार ने खुद सामने आकर इन तमाम अटकलों पर पानी फेर दिया है.
वित्त मंत्रालय ने साफ कहा है:

फिलहाल सरकार ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है.

यानी राहत की बात ये है कि अगर आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं-Google Pay, PhonePe, Paytm या किसी और ऐप से—तो आपके ऊपर फिलहाल कोई अतिरिक्त टैक्स बोझ नहीं पड़ने वाला.

तो फिर ये GST की बात आई कहां से?

दरअसल, GST उस चार्ज पर लगता है जो किसी सर्विस के बदले लिया जाता है-जैसे कि Merchant Discount Rate (MDR).

MDR एक छोटा-सा शुल्क होता है जो डिजिटल ट्रांजेक्शन पर लगाया जाता है, लेकिन जनवरी 2020 से सरकार ने P2M (Person to Merchant) UPI लेन-देन पर MDR ही हटा दिया था.
इसलिए जब कोई शुल्क है ही नहीं, तो उस पर टैक्स कैसे लगेगा?

वित्त मंत्रालय ने इस पर भी ज़ोर देते हुए कहा,

चूंकि वर्तमान में UPI लेन-देन पर कोई MDR नहीं लिया जाता है, इसलिए इन पर GST लगाने का सवाल ही नहीं उठता.

UPI का कद बढ़ता जा रहा है 

यूं ही नहीं कि लोग इस मुद्दे पर परेशान हो उठे. UPI आज हर गली-मोहल्ले से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों तक की पेमेंट लाइफलाइन बन चुका है.

वित्त वर्ष 2019-20 में UPI के जरिए 21.3 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था.

मार्च 2025 तक ये बढ़कर 260.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है-यानि करीब 12 गुना उछाल!

सरकार भी चाहती है कि लोग डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ें, और इसी के लिए वह 2021 से एक खास प्रोत्साहन योजना (Incentive Scheme) चला रही है. वित्त मंत्रालय ने स्थिति साफ करते हुए कहा,

यह योजना कम मूल्य वाले UPI (P2M) लेन-देन को टारगेट करती है. इससे लेन-देन की लागत कम होने से छोटे व्यापारियों को लाभ होगा. 

छोटे दुकानदारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार इन लेन-देन की लागत खुद वहन करती है, और कुछ मामलों में रिवॉर्ड भी देती है.

UPI डाउन हुआ और लोग ट्विटर पर ‘अप’ हो गए! 

12 अप्रैल को एक और खबर वायरल हुई थी-UPI डाउन हो गया!
गूगल पे, फोनपे, पेटीएम-सब ठप. लोगों ने सोशल मीडिया पर मीम्स और जोक्स की बारिश कर दी.

बाद में NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा:

NPCI को बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण आंशिक रूप से UPI ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहे हैं. इस असुविधा के लिए खेद है.

खुशखबरी ये रही कि ये समस्या जल्द ही सुलझा ली गई.

घबराइए मत, टैक्स नहीं लगेगा!

तो अगर आप सोच रहे थे कि अब हर चाय-समोसे के ऑनलाइन पेमेंट पर टैक्स लगेगा-तो थोड़ा आराम से बैठिए.
सरकार की तरफ से साफ संकेत है कि UPI पर GST जैसी कोई योजना नहीं है.

डिजिटल इंडिया की रफ्तार तेज़ है, और सरकार फिलहाल इसमें ब्रेक लगाने के मूड में नहीं है.

वीडियो: NPCI ने बताया UPI पेमेंट फेल होने का असली कारण

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