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महिला प्रोफेसर ने की थी गोडसे की तारीफ, अब मिला प्रमोशन, सीधे डीन बन गईं

पिछले साल NIT Calicut की प्रोफेसर डॉ. शैजा अंदावन ने Mahatma Gandhi के हत्यारे Nathuram Godse की तारीफ की थी. अब उन्हें डीन बनाया गया है. डॉ. शैजा को डीन बनाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. आखिर क्या है ये पूरा मामला?

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NIT Calicut professor Shaija Andavan
डॉ. शैजा अंदावन NIT कालीकट में प्रोफेसर हैं. (NIT Calicut)
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मौ. जिशान
27 फ़रवरी 2025 (Published: 06:30 PM IST)
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‘भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है’. बीते साल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NIT) की एक प्रोफेसर डॉ. शैजा अंदावन ने एक फेसबुक कॉमेंट में ऐसा लिखा था. महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जब लोगों की नज़र उनके कॉमेंट पर पड़ी तो बवाल मच गया था. उन्हें NIT से हटाने की मांग की गई. अब उन्हीं डॉ. शैजा को NIT कालीकट में डीन नियुक्त किया गया है. उनकी अपॉइंटमेंट पर कैंपस में विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं. कांग्रेस ने उनकी नियुक्ति रद्द करने की मांग की है.

इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस के हवाले से लिखा कि वो डॉ. शैजा की नियुक्ति रद्द कराने के लिए कड़ा विरोध दर्ज कराएगी. कांग्रेस ने कहा कि डॉ. शैजा को डीन (प्लानिंग एंड डेवलपमेंट) बनाने का फैसला गलत है, और इसे तुरंत रद्द करना चाहिए.

केरल कांग्रेस यूनिट ने एक्स पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. एक्स पोस्ट में कांग्रेस की राज्य यूनिट ने कहा कि डॉ. शैजा को सीनियरिटी से जुड़े नियमों को अनदेखा करते हुए डीन बनाया गया है. कांग्रेस के मुताबिक, इस पोस्ट पर बैठने के लिए डॉ. शैजा के पास दो योग्यताएं हैं- पहली वे NIT कालीकट की 'मालकिन' हैं, दूसरी, वे गांधी नहीं बल्कि गोडसे की तारीफ करती हैं.

कांग्रेस ने इस विवाद में IIT मद्रास को भी घसीट लिया. पार्टी ने सवाल किया कि क्या NIT कालीकट, IIT मद्रास के साथ मिलकर गौमूत्र पर रिसर्च करेगा?फिलहाल, डॉ. शैजा, NIT कालीकट में मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की प्रोफेसर हैं. डीन के तौर पर उनका कार्यकाल इस साल अप्रैल से शुरू होगा.

फेसबुक पर क्या-क्या लिखा था?

2024 में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक एडवोकेट ने फेसबुक पोस्ट किया था- ‘हिंदू महासभा के कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे भारत में कई लोगों के हीरो हैं.’ डॉ. शैजा ने इसी पोस्ट पर गोडसे की तारीफ करते हुए कॉमेंट किया था- ‘भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.’

ज्यादा बवाल मचने पर डॉ. शैजा ने अपना कॉमेंट डिलीट कर दिया. मगर इसका स्क्रीनशॉट जगह-जगह वायरल हो गया. इस कॉमेंट के लिए कोझिकोड पुलिस ने उनके खिलाफ IPC के सेक्शन 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) के तहत FIR दर्ज की थी.

कांग्रेस और कई वामपंथी संगठनों ने NIT कालीकट से उन्हें बाहर निकालने की मांग की थी. उस दौरान डॉ. शैजा ने सफाई देते हुए कहा था, 'मेरा कॉमेंट गांधीजी की हत्या की सराहना करने के लिए नहीं था. मैं ऐसा कभी नहीं करना चाहती थी. मैंने गोडसे की किताब 'मैंने गांधी को क्यों मारा' पढ़ी थी. गोडसे भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उनकी किताब में बहुत सी जानकारियां और खुलासे हैं, जो आम आदमी नहीं जानता.'

उन्होंने आगे कहा, "गोडसे ने अपनी किताब में हमें ज्ञान दिया है. इसी के आधार पर मैंने वकील की फेसबुक पोस्ट पर कॉमेंट किया था. जब मुझे लगा कि लोगों ने मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश करना शुरू कर दिया है, तो मैंने उसे डिलीट कर दिया."

दूसरी तरफ, कांग्रेस कोझिकोड डिस्ट्रिक्ट कमेटी प्रेसिडेंट प्रवीण कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि डीन के तौर पर उनकी (डॉ. शैजा) नियुक्ति को रद्द करना चाहिए. यह दिखाता है कि केंद्र सरकार की देखरेख में संस्थानों के अंदर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एजेंडे को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक प्रोफेसर जो महात्मा गांधी का अपमान करती हैं, उन्हें प्रोमोशन दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि उनकी अपॉइंटमेंट रद्द होने तक हम विरोध करेंगे.

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