क्या आपकी कंपनी बिना सरकार से पूछे आपको निकाल सकती है? नए लेबर कोड ने साफ कर दिया
New Labour Codes: पहले के 29 श्रम कानूनों को अब इन चारों लेबर कोड्स में समेट दिया गया है. श्रम और रोजगार मंत्रालय का कहना है कि इसके तहत सभी श्रमिकों (अनौपचारिक सेक्टर, गिग वर्कर्स और प्रवासी मजदूरों) को फायदा मिलेगा.

केंद्र सरकार के लागू किए गए चार नए लेबर कोड्स की खूब चर्चा है. इसमें फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयीज (FTA) को 5 साल के बजाय, 1 साल में मिलने वाली ग्रेच्युटी ने तो सबका ध्यान खींचा. लेकिन कुछ और भी बदलाव हैं, जिन्हें जानना जरूरी है. इन्हीं में से एक है कंपनियों की छंटनी के पैमानों में बदलाव.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले ये होता था कि ऐसी कंपनियां ही सरकार की मंजूरी के बिना कर्मचारियों की छंटनी कर सकती थीं, जिसमें 100 कर्मचारी हैं. लेकिन अब 299 कर्मचारियों वाली कंपनियां बिना सरकार से पूछे छंटनी कर सकती हैं. नए लेबर कोड के तहत कर्मचारियों की सीमा 100 से बढ़कर 300 हो गई है. माने 300 से कम कर्मचारी हैं, तो कंपनी आसानी से कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है.
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, ये नया नियम चार लेबर कोड्स में से एक औद्योगिक संबंध संहिता (2020) के तहत लाया गया है. बाकी तीन नियम हैं- वेतन संहिता (2019), सामाजिक सुरक्षा संहिता (2020) और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति (OSHWCC) संहिता (2020). सरकार का दावा है कि इन नए कोड से श्रमिकों को फायदा मिलेगा.
इन्हीं में से एक नियम ये भी है कि कंपनियां कर्मचारियों को 8-12 घंटे काम पर रख सकते हैं. लेकिन हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा नहीं. वर्तमान में शिफ्ट 9 घंटे तक सीमित है. अब ओवरटाइम का भुगतान सामान्य मजदूरी दर से कम से कम दोगुना होगा.
नए लेबर कोड लागू होने पर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने X पर पोस्ट किया,
"मोदी सरकार की गारंटी: हर श्रमिक का सम्मान!
आज से देश में नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं, जिससे मिलेगी:
- सभी कामगारों को समय से न्यूनतम वेतन की गारंटी
- युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी
- महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी
- 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
- फिक्स टर्म एंप्लॉयीज को एक साल बाद ग्रेच्युटी की गारंटी
- 40 साल से ज्यादा उम्र वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेक-अप की गारंटी
- ओवरटाइम करने पर दोगुने वेतन की गारंटी
- जोखिम-भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100% हेल्थ सिक्योरिटी की गारंटी
- इंटरनेशनल मानकों के मुताबिक श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटीयह सुधार सिर्फ बदलाव भर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा श्रमवीरों के कल्याण के लिए लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है. ये नए श्रम सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को नई गति प्रदान करेंगे."
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पहले के 29 श्रम कानूनों को अब इन चारों लेबर कोड्स में समेट दिया गया है. श्रम और रोजगार मंत्रालय का कहना है कि इसके तहत सभी श्रमिकों (अनौपचारिक सेक्टर, गिग वर्कर्स और प्रवासी मजदूरों) को फायदा मिलेगा. उन्हें बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी मिलेगी.
नए नियमों के मुताबिक, निश्चित अवधि के कर्मचारियों (Fixed-Term Employees) यानी FTE को स्थायी श्रमिकों के समान सभी लाभ मिलेगें. इनमें छुट्टी से लेकर मेडिकल और सोशल सिक्योरिटी शामिल हैं. उन्हें पांच के बजाय एक साल के काम के बाद भी ग्रेच्युटी मिल सकेगी.
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