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ऑटो चलाए बिना कमाता था 8 लाख रुपये महीना, एक शख्स ने तारीफ में किया पोस्ट, कमाना बंद

इस पोस्ट में ईमानदारी से लाखों रुपये महीने कमाने वाले ऑटो ड्राइवर का ज़िक्र किया गया था. उसकी फोटो भी डाली गई थी. जिससे बात पुलिस तक पहुंच गई और अब उसका लॉकर सर्विस के जरिए पैसा कमाना बंद हो गया.

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Mumbai: Viral Auto Driver Who Earn 8 Lakh Income By Locker Service Booked By Police
पोस्ट वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस.
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रिदम कुमार
12 जून 2025 (Published: 01:43 PM IST)
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बीते दिनों एक पोस्ट वायरल हुआ था. पोस्ट में एक ऑटो ड्राइवर का ज़िक्र था. उसकी कमाई 5 से 8 लाख रुपये प्रति महीना बताई गई थी. लेकिन उसकी यह इनकम ऑटो चलाने से नहीं होती थी. वह US कॉन्सुलेट के बाहर लोगों को ‘लॉकर’ सुविधा मुहैया करता था. इसके लिए कॉन्सुलेट आने वालों से 1,000 रुपये का चार्ज लेता था. अब ख़बर आई है कि वह मुसीबत में पड़ गया है. पुलिस ने उसकी ‘लॉकर’ सर्विस को बंद करा दिया है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑटो ड्राइवर को लेकर Lenskart के प्रोडक्ट हेड राहुल रुपानी ने LinkedIn पर एक पोस्ट लिखी थी. इसमें उन्होंने इस ऑटो ड्राइवर की कहानी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कैसे मुंबई का एक ऑटो ड्राइवर अपनी समझदारी और ईमानदारी से हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहा है. यह पोस्ट काफी वायरल हुआ तो अब मुंबई पुलिस ने ऑटो ड्राइवर और 12 अन्य लोगों को तलब किया. ये सभी लोग US Consulate के बाहर विज़िटर्स को लॉकर की सुविधा दे रहे थे.

बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) पुलिस स्टेशन के एक सीनियर अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि कड़ी सुरक्षा के कारण इस इलाके में पार्किंग की इजाज़त नहीं है. ऑटो ड्राइवरों को सिर्फ पैसेंजर्स को ड्रॉप करने की ही इजाज़त है.

यह भी पढ़ेंः ऑटो वाले की महीने की कमाई ₹5-8 लाख, वो भी बिना ऐप, बिना फंडिंग और बिना किसी टेक के

यही नहीं पुलिस ने यह भी पाया कि ड्राइवरों के पास लॉकर सर्विस देने या आसपास की दुकानों में सामान रखने की कोई लीगल परमिशन नहीं थी. अधिकारियों ने कहा,

ऐसी जगहों पर रखा गया कोई भी सामान इस जगह की सिक्योरिटी का जोखिम पैदा करता है. ऑटो ड्राइवर के पास यात्रियों को लाने और ले जाने का लाइसेंस है, न कि लॉकर सिर्विस देने का. इसलिए हमने मामले की जांच की और उसने अब लॉकर देना बंद कर दिया है.

राहुल रुपानी ने अपनी पोस्ट में बताया था कि ऑटो ड्राइवर US Consulate के ठीक बाहर अपना ऑटो पार्क करता था. हर ग्राहक ₹1,000/बैग रखने की सर्विस देता था. रोज़ क़रीब 20-30 ग्राहक आते थे. इस हिसाब से महीने में 5 से 8 लाख रुपये कमाता था. 

रुपानी के पोस्ट के मुताबिक, चूंकि वह कानूनी तौर पर अपने ऑटो में 30 बैग नहीं रख सकता, इसलिए उसने एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के साथ साझेदारी की थी. उनके पास एक छोटा लॉकर स्पेस था. बैग वहां रखे जाते थे. 

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