The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • MP police constable exam scam Solvers arrested for taking police exam and tampering Aadhar cards

MP पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पास करके जॉइन करने पहुंचा, पता चला 'मुन्नाभाई MBBS' है, बड़ी धांधली सामने आई

मुरैना के राम रूप गुर्जर अलीराजपुर के SP ऑफ़िस में अपना पदभार ग्रहण करने पहुंचे. लेकिन अधिकारियों को शक हुआ. क्योंकि कथित तौर पर उनके आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई थी. अधिकारियों ने पाया कि उनके एडमिट कार्ड की फ़ोटो उनके वर्तमान रूप से मेल नहीं खा रही.

Advertisement
MP Police Constable Exam Fraud
जॉइनिंग के पहले और बाद में लोगों के डॉक्यूमेंट्स चेंज हो गए हैं. (प्रतीकात्मक फ़ोटो- PTI)
pic
रवीश पाल सिंह
font-size
Small
Medium
Large
2 जून 2025 (Updated: 2 जून 2025, 04:28 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

साल 2003 में आई ‘मुन्नाभाई MBBS’ फ़िल्म का वो सीन आपको याद होगा, जिसमें मुन्नाभाई परीक्षा में पास होने के लिए एक डॉक्टर को डरा-धमका कर अपनी जगह पेपर देने भेज देता है. वो फ़िल्म थी, तो हंसी-ठिठोली में बात आई गई हो गई. लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में फिल्म का सीन हकीकत बना दिया गया. आरोप है कि कई फ़र्जी अभ्यर्थी (या सॉल्वर) असली कैंडिडेट की तरफ़ से एग्जाम में बैठे और परीक्षा के सभी पड़ाव सफलतापूर्वक पास कर लिए. जब इस धोखाधड़ी का पता चला, तो ये लोग पुलिस में शामिल होने के कगार पर थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती है कि गड़बड़ी सिर्फ़ एक ज़िले तक सीमित नहीं है. ये राज्य के कई इलाक़ों में फैली हुई है. इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया है कि परीक्षा में धांधली करने के आरोप में तीन ज़िलों से कम से कम एक दर्जन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इनमें आवेदन करने वाले अभ्यर्थी और उनके लिए परीक्षा देने वाले जालसाज भी शामिल हैं.

MP पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में धांधली

राज्य पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 12 अगस्त 2023 से 12 सितंबर 2023 के बीच आयोजित की गई थी. 7,090 पदों के लिए 7 लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिया. लिखित परीक्षा के रिज़ल्ट मार्च, 2024 में घोषित किए गए. इसके बाद फ़िजिकल टेस्ट हुआ. मार्च, 2025 में फ़ाइनल सेलेक्शन किया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक़, जॉइनिंग के दौरान ही पहचान के वेरिफ़िकेशन में विसंगतियां सामने आने लगीं. इसे एक उदाहरण के ज़रिए समझिए. मुरैना के राम रूप गुर्जर अलीराजपुर के SP ऑफ़िस में अपना पदभार ग्रहण करने पहुंचे. लेकिन अधिकारियों को शक हुआ. क्योंकि कथित तौर पर उनके आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई थी. अधिकारियों ने पाया कि उनके एडमिट कार्ड की फ़ोटो उनके वर्तमान रूप से मेल नहीं खा रही.

फिर अधिकारियों ने उनके फिंगरप्रिंट का एनालिसिस किया. इससे पुष्टि हुई कि परीक्षा देने वाला व्यक्ति राम रूप गुर्जर नहीं, बल्कि कोई और था. पूछताछ करने पर गुर्जर ने क़ुबूल किया कि बिहार के एक सॉल्वर अमरेंद्र सिंह ने उसके लिए 1 लाख रुपये लेकर परीक्षा दी थी. पुलिस ने मामले में दोनों को गिरफ़्तार कर लिया है.

जल्द ही अन्य ज़िलों में भी ऐसे मामले सामने आने लगे. आरोप है कि मुरैना में अभ्यर्थी राधा चरण और दिनेश सिंह ने भी इसी तरह अपने आधार डेटा में हेराफेरी की थी. उन्होंने कथित तौर पर पहचान बदलने के लिए परीक्षा से पहले और बाद में बायोमेट्रिक्स अपडेट किए थे.

श्योपुर ज़िले में भी एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ. यहां सात लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. जिनमें तीन सेलेक्टेट अभ्यर्थी सोनू रावत, संतोष रावत और अमन सिंह और उनके सॉल्वर शामिल थे. बायोमेट्रिक में बदलाव करने वाले आधार एजेंटों को भी हिरासत में लिया गया है.

जांच करने पर अधिकारियों को पता चला कि पूरा ऑपरेशन एक बेहद व्यवस्थित पैटर्न पर चल रहा था. सॉल्वर सबसे पहले उन उम्मीदवारों की पहचान करते थे, जो पास होने की गारंटी के लिए पैसे देने को तैयार थे. इसके बाद, इंटर्नल सिस्टम एक्सेस के ज़रिए आधार बायोमेट्रिक्स में हेरफेर किया जाता था. फिंगरप्रिंट और चेहरे के डेटा की अदला-बदली की जाती थी. इसके बाद सॉल्वर एग्जाम और फिजिकल के लिए बैठते थे.

इस प्रोसेस के बाद जॉइनिंग फेज़ में वो पकड़े ना जाएं, इसके लिए उम्मीदवारों के मूल बायोमेट्रिक्स को बहाल कर दिया जाता था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने इस मामले में गोपनीय जांच शुरू कर दी है.

इस प्रकरण ने मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षाओं की शुचिता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब सवाल उठता है कि परीक्षा में धांधली करके कितने लोग 'मुन्नाभाई MBBS' की तरह पास होकर पुलिस कांस्टेबल बन गए.

वीडियो: Railway की भर्ती में ‘घोटाला’, पत्नी ने ये कहकर खोल दी पति की पोल

Advertisement