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सरकारी अस्पताल ने शव को कचरा गाड़ी में भेजा, नगर पालिका उपाध्यक्ष बोलीं- 'शव वाहन लिखवा देंगे'

Damoh Government Hospital News: ये तब हुआ जब सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए दो शव वाहन या मुर्दागाड़ी (Hearse Vans) दमोह जिला अस्पताल में बेकार पड़े हैं. हालांकि, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरके अठया का कहना है कि ये वैन केवल उन मरीजों के लिए आरक्षित हैं, जिनकी अस्पताल के अंदर मौत हो जाती है.

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Damoh Government Hospital News
पीड़ित परिवार दमोह जिले के हटा कस्बे का रहने वाला है. (फोटो- आजतक)
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हरीश
19 सितंबर 2025 (Updated: 19 सितंबर 2025, 09:02 PM IST)
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मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक गांव के सरपंच के भाई की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. शव को पास के सरकारी अस्पताल में भेजकर पोस्टमॉर्टम कराया गया. आरोप है कि इसके बाद अस्पताल वालों ने शव को नगर पालिका के उस ट्रॉली वाहन में घर भेज दिया, जिसका इस्तेमाल कचरा इकट्ठा करने के लिए किया जाता है.

NDTV की खबर के मुताबिक, ये तब हुआ जब सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए दो शव वाहन या मुर्दागाड़ी (Hearse Vans) दमोह जिला अस्पताल में बेकार पड़े हैं. हालांकि, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरके अठया का कहना है कि ये वैन केवल उन मरीजों के लिए आरक्षित हैं, जिनकी अस्पताल के अंदर मौत हो जाती है. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, आरके अठया ने कहा कि अस्पताल के बाहर हुई मौत के मामलों में ये सुविधा नहीं दी जाती.

मृतक की पहचान पटेरा ब्लॉक के रहने वाले देवेंद्र लोधी के रूप में हुई है. बताया गया कि वो शिकारपुरा गांव के सरपंच के चचेरे भाई थे. पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने मुर्दागाड़ी की मांग की थी. लेकिन कोई नहीं आया. इसके बजाय, उन्हें एक नगर पालिका ट्रॉली सौंप दी गई. मृतक के एक रिश्तेदार चंदन सिंह ने NDTV से कहा,

हमें भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा. पुलिस ने हमारे लिए एक वाहन मांगा था और हमें ये वाहन मिला.

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आजतक से जुड़े शांतनू भरत की खबर के मुताबिक, सिविल सर्जन प्रहलाद पटेल का कहना है कि सरकार मृतक को घर ले जाने के लिए मुर्दागाड़ी उपलब्ध कराती है. परिवारों को सिर्फ जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ फोन करना होता है. हालांकि, जमीनी हकीकत अलग थी. 

इस पूरे मामले पर हटा नगर पालिका की उपाध्यक्ष नीलू पाठक का भी जवाब आया है. उन्होंने कहा कि उनके पास शव वाहन नहीं है. इसलिए उन्होंने इसी वाहन को शव वाहन बना लिया है. नीलू पाठक का दावा है कि इस वाहन में अब कचरा नहीं ढोया जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि जल्द ही इस पर 'शव वाहन' लिखवा दिया जाएगा.

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