सोशल मीडिया पर अश्लीलता का नया रूप, AI की मदद से बन रहे हाई-ग्राफिक एडल्ट वीडियो
Misuse Of AI: कई केसों में तो कंटेंट में पूरे न्यूड विजुअल तक होते हैं. इतना ही नहीं कुछ क्रिएटर्स ऐसे हाई-ग्राफिक वाले वीडियो बनाते हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर इंटिमेट सीन्स और अश्लील काम करते हुए दिखाया गया है.

कंटेंट, सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI). आजकल जमाना इन्हीं तीन चीजों का है. आपके पास कितनी डिग्रियां हैं, इससे फर्क नहीं पड़ा. हां, लेकिन अगर आप एक कंटेंट क्रिएटर हैं, उस पर आपके लाखों फॉलोअर्स हैं तो आप इज्जत भरी निगाह से देखा जा सकता है. लेकिन आज के इस दौर में AI ने कंटेंट क्रिएट करना आसान बना दिया है. यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि हमारे देश में टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल कम और गलत इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. कुछ कंटेंट क्रिएटर्स भी यही कर रहे हैं. व्यूज और फॉलोअर्स की चाह में अब कंटेंट क्रिएटर्स AI का इस्तेमाल करके हाइपर-रियलिस्टिक अश्लील वीडियो परोस रहे हैं. लेकिन इससे भी दिलचस्प बात यह है कि सोशल मीडिया पर लोग इस तरह के कंटेंट को काफी मात्रा में देख रहे हैं. इन हाइपर-रियलिस्टिक अश्लील वीडियो का एंगेजमेंट काफी तेजी से बढ़ रहा है.
सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अश्लीलताइंडिया टुडे में छपी आकाश शर्मा की रिपोर्ट में दो दर्जन से ज्यादा इंस्टाग्राम अकाउंट और यूट्यूब चैनलों का एनालिसिस किया गया है. इन अकाउंट्स और चैनलों पर भारी मात्रा में AI ने बनाई गए हाइपर-रियलिस्टिक अश्लील वीडियो पेश किए जा रहे हैं. इन वीडियो में सेक्सुअल बातें, सेक्सुअल जोक्स और हर तरह की अश्लील बातचीत शामिल होती है.
उम्र का अंतरइन अश्लील वीडियो में दिखाए जाने वाले AI अवतारों की उम्र में भी काफी अंतर होता है. अक्सर एक शख्स 20 साल का तो दूसरा 70 या 80 साल का होता है. यहां तक कि स्कूली लड़कियों और बच्चों के AI अवतारों को इस तरह के वीडियो में शामिल किया जाता है. कई वीडियो में तो AI अवतार वाले छोटे बच्चों को भी अश्लील बातें बोलते हुए दिखाया गया है.
पब्लिक प्लेस पर इंटिमेट सीन्सकई केसों में तो कंटेंट में पूरे न्यूड विजुअल तक होते हैं. इतना ही नहीं कुछ क्रिएटर्स ऐसे हाई-ग्राफिक वाले वीडियो बनाते हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर इंटिमेट सीन्स और अश्लील काम करते हुए दिखाया गया है. इस तरह के वीडियो लोगों की कल्पनाओं की सीमाओं को पार जाने के लिए धकेल रहे हैं. क्रिएटर्स फेमस बॉलीवुड एक्ट्रेस जैसी दिखने वाली साफ AI तस्वीरें भी बनाते हैं.
ऐसे करते हैं कामइंस्टाग्राम पर ऐसा ही एक अकाउंट AI Wi** है. इस अकाउंट्स के 5,82,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. इसकी फीड में महिलाओं की बहुत ज्यादा सेक्सुअल AI तस्वीरें दिखाई जाती हैं. इन तस्वीरों को खासकर भारतीय लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. इनमें दिखने वाली महिलाओं को कपड़े धोते, फर्श साफ करती, क्लास में पढ़ाते, किचन में खाना बनाते हुए दिखाया जाता है.
इन अकाउंट्स के लाखों फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर हैं. कुछ ही महीनों में इन्हें करोड़ों व्यूज मिल जाते हैं. सिर्फ दो महीने पहले 3 अगस्त, 2025 को बनाया गया एक यूट्यूब चैनल अब 12 करोड़ से ज्यादा व्यूज का दावा करता है. चैनल पर AI अवतारों वाले कुछ ‘शॉर्ट्स’ को 2 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.
सिर्फ मनोरंजन नहीं है मकसददिलचस्प बात यह है कि AI अवतार वाले ये अश्लील वीडियो सिर्फ व्यूज और फॉलोअर्स बढ़ाने के मकसद से ही नहीं बनाए जा रहे हैं, बल्कि इनसे पैसे भी कमाए जा रहे हैं. बहुत से अकाउंट्स अपने फॉलोअर्स से प्रीमियम कंटेंट के लिए पैसे लेते हैं. 15 मिनट की वीडियो कॉल्स के जरिए मार्केटिंग टिप्स बेचते हैं. यहां तक कि AI वीडियो बनाने की कोर्सेज भी बेचते हैं.
“का**का शर्मा” जैसे AI प्रोफाइल 499 रुपये में 15 मिनट की वीडियो कॉल का विज्ञापन करते हैं. वहीं “ज*** वाली दीदी” उन यूजर्स को AI कोर्स बेचती हैं, जिन्हें AI तकनीक में दिलचस्पी होती है. कुछ अकाउंट पैसे लेकर उन ग्रुप्स में पहुंचा देते हैं, जिन्हें बैन किया जा चुका है.
हाईटेक AI टूल्स का इस्तेमालइन अश्लील वीडियो को बनाने के लिए क्रिएटर्स एडवांस्ड AI टूल्स का इस्तेमाल करते हैं जैसे Google Veo और Tensor Art. ये टूल्स हाई-रेसोल्यूशन वीडियो और इमेज बनाते हैं. ये टूल्स इमेज-टू-इमेज, टेक्स्ट-टू-इमेज और इमेज-टू-वीडियो बना सकने में सक्षम होते हैं.
समाज पर असरएक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह का कंटेंट का कंज्यूम करना मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक समस्याएं पैदा कर सकता है. बच्चों और किशोरों पर इनका गहरा असर पड़ सकता है. नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी की ओर से 2024 में की गई एक रिसर्च के मुताबिक, इंस्टाग्राम बच्चों की फीड में इस तरह का कंटेंट भर देता है.
इसकी वजह से किशोरों में गलत यौन बर्ताव, शारीरिक असंतोष और मानसिक तनाव बढ़ सकता है. इस तरह के वीडियो सेक्स और रिश्तों के बारे में गलत धारणाएं बना सकते हैं, जिससे युवा पीढ़ी में असुरक्षा और भ्रम की स्थिति फैल सकती है.
क्या कहता है कानूनगौरतलब है कि इस तरह के वीडियो को अश्लील करार देते हुए भारत सरकार ने 43 OTT ऐप्स पर बैन लगाया था. लेकिन इसके बावजूद भारत में अभी AI द्वारा बनाए गए अश्लील कंटेंट के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है. 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस तरह के ऑनलाइन अश्लील कंटेंट के लिए कुछ ठोस कानूनों की जरूरत है.
फिलहाल अश्लील कंटेंट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स मेटा और यूट्यूब के अपने-अपने नियम हैं. वे अश्लील कंटेंट को खुद ही हटाने देने का दावा करते हैं. लेकिन इनका पालन बेहद कम ही दिखाई पड़ता है. मुमकिन है कि भविष्य में सरकार इस पर कोई कानून लेकर आए.
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