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विद्रोहियों के नाम पर सड़क? मणिपुर की रिंग रोड पर NGT का बड़ा आदेश

Manipur Ring Road Row: दावा किया गया है कि रिंग रोड के लिए संबंधित विभागों से मंजूरी नहीं ली गई हैं. NGT ने अब मणिपुर सरकार को आदेश जारी कर सड़क का काम रोकने के लिए कहा है. NGT ने मणिपुर के मुख्य सचिव से कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि इस पर कोई और कंस्ट्रक्शन न हो.

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Manipur a ring road allegedly constructed without approval and named after militants
NGT ने दिया काम रोकने का आदेश. (Photo: Facebook/ITG)
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सचिन कुमार पांडे
29 दिसंबर 2025 (Published: 09:39 AM IST)
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मणिपुर में कथित तौर पर एक रिंग रोड बिना मंजूरी के बन रही थी. आरोप यह भी है कि रिंग रोड का नाम विद्रोहियों के नाम पर रखा गया है. अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, NGT ने रोड का काम रोकने का आदेश दिया है. मणिपुर के मैतेई समुदाय के एक संगठन कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने रिंग रोड को अवैध निर्माण बताते हुए NGT को आवेदन दिया था.

COCOMI ने अपने आवेदन में कहा था कि पर्यावरण और जियोलॉजी (भूविज्ञान) को होने वाले नुकसान का आकलन किए बिना जंगल में रोड बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. संगठन ने इस प्रोजेक्ट का इंस्पेक्शन करने वाले और उसकी रिपोर्ट देने वाले अधिकारी को सजा देने की मांग की. इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी से जांच कराने की भी मांग रखी. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक COCOMI का कहना है कि यह सड़क चुराचांदपुर, कांगपोकपी, नोनी और उखरुल जिलों में जंगल और पहाड़ी इलाकों से गुजरती है. दावा किया गया कि सड़क का निर्माण कुकी समुदाय द्वारा किया जा रहा है.

'नहीं ली गई है मंजूरी'

संगठन ने आवेदन में यह भी दावा किया है कि उसने वन विभाग, एनवायरनमेंट एंड क्लाइमेट चेंज और रूरल इंजीनियरिंग जैसे विभागों के अधिकारियों से जानकारी भी इकट्टा की है. इसके मुताबिक संबंधित रिंग रोड बनाने के लिए न तो कोई आधिकारिक मंजूरी ली गई है और न ही कोई NOC या फॉरेस्ट क्लीयरेंस जारी किया गया है. आवेदन में सैटेलाइट इमेज का हवाला देकर बताया गया कि इकोलॉजीकली यानी पर्यावरण के लिहाज से नाजुक क्षेत्रों में यह अवैध निर्माण किया जा रहा है.

विद्रोहियों के नाम पर सड़क

COCOMI ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मणिपुर में संकट के दौरान सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें सामने आई थीं. इनमें एक विधायक के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने की तस्वीरें भी थीं, जिसमें 'टाइगर रोड' नाम के गेट वाली फोटो देखी गई थी. संगठन ने दावा किया कि स्थानीय रूप से इस सड़क को 'जर्मन रोड' और कुछ हिस्सों में 'टाइगर रोड' कहा जाता है. एक स्थानीय ग्रामीण ने NDTV को बताया कि 'जर्मन' और 'टाइगर' कुकी विद्रोहियों के उपनाम हैं. यानी कथित तौर पर इन सड़कों का नाम विद्रोहियों पर रखा गया है.

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NGT ने दिया काम रोकने का आदेश

रिपोर्ट के मुताबिक इन आरोपों पर NGT ने 20 अगस्त को मणिपुर के चीफ सेक्रेटरी को चार हफ्ते के अंदर शुरुआती रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इसकी डेडलाइन फिलहाल बढ़ा दी गई है और मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी. इस बीच NGT ने 23 दिसंबर को मणिपुर सरकार को आदेश जारी कर सड़क का काम रोकने के लिए कहा है. NGT ने मणिपुर के मुख्य सचिव से कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि इस पर कोई और काम न हो. बताया गया है कि यह जंगल वाली 'रिंग रोड' उस सरकारी मंज़ूरी वाली रिंग रोड से अलग है, जो एशियाई विकास बैंक की मदद से राज्य की राजधानी इंफाल में बन रही है.

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