'संतुलित रहिए वर्ना खतरा है', नए उपराष्ट्रपति से संसद में ये क्या कह गए मल्लिकार्जुन खरगे?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति सीपी राधाकृष्णन से मजाकिया लहजे में कहा कि वो उधर यानी सत्ता पक्ष की तरफ ज्यादा न देखें. ये खतरे की बात है. पीएम मोदी की मौजूदगी में खरगे ने जगदीप धनखड़ को याद किया जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया.

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर, 2025 से शुरू हो गया है. सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने अपने तेवर दिखा दिए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार हाउस कितना हंगामेदार रहने वाला है. राज्यसभा में पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया. उन्हें शुभकामनाएं दीं. खरगे ने तो पुराने वाले सभापति को याद कर नए सभापति को चेता भी दिया कि ज्यादा इधर-उधर न देखिए. संतुलित रहिए. नहीं तो आपको भी खतरा है.
हालांकि, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जिक्र करने पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने खरगे का विरोध भी किया और राज्यसभा में कुछ देर के लिए कलह मच गई.
मोदी की मौजूदगी में सब कह दियाजो भी हो. खरगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अपनी वाली बात कह ही गए. पहले तो उन्होंने नए उपराष्ट्रपति के 'हमनाम' देश के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का सदन में दिया एक उद्धरण कोट किया. इसके जरिये उन्होंने सभापति सीपी राधाकृष्णन को सलाह दी कि वह निष्पक्षता से सदन का संचालन करें. खरगे ने कहा,
मैं यहां डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ शब्द पढ़ रहा हूं. हमारे सभापति ने भी इसी तरह की बात कही है, लेकिन राधाकृष्णन जी की यह लाइन बहुत अहम है. यह उनके 16 मई 1952 को राज्यसभा के पहले सभापति और उपराष्ट्रपति के तौर पर दिए गए भाषण से है. इसमें उन्होंने कहा था, "मैं किसी भी पार्टी से नहीं हूं. मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि कई लोग दावा करते हैं कि मैं उनकी पार्टी का हूं. लेकिन सच यह है कि मैं किसी पार्टी से नहीं हूं, और इसका मतलब है कि मैं इस सदन की हर पार्टी से हूं."
सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भाषण का अंश पढ़ते हुए खरगे बोले,
देश के पहले उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मेरा प्रयास रहेगा कि मैं संसदीय लोकतंत्र की सबसे ऊंची परंपराओं को बनाए रखूं और हर पार्टी के साथ पूरी निष्पक्षता और न्याय के साथ पेश आऊं. किसी के प्रति बदनीयती नहीं और सबके लिए भलाई की भावना हो.”
खरगे ने आगे कहा कि उन्होंने (सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने) एक बहुत जरूरी बात कही कि अगर लोकतंत्र में विपक्ष को सरकार की नीतियों की खुले तौर पर बिना डर के आलोचना करने की आजादी न मिले तो लोकतंत्र तानाशाही में बदल सकता है.
ये सब बताते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,
कांग्रेस के घराने से हैं उपराष्ट्रपतिः खरगे"सभापति जी अपनी बात पूरी करने से पहले मैं आपसे अपील करना चाहूंगा कि आप अपने आसन से उस तरफ (सत्ता पक्ष की तरफ) ज्यादा न देखें. उसमें खतरा है. लेकिन अगर आप इधर भी (विपक्ष की ओर) नहीं देखेंगे तो ये भी खतरा है. इसलिए दोनों तरफ आप संतुलन बनाए रखेंगे तो अच्छा होगा."
खरगे ने मजे लेते हुए कहा, "आप (सभापति) जिस बैकग्राउंड से आए हैं और जिसका जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पर किया है. ठीक है हम मानते हैं, लेकिन आपको ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आप कांग्रेस के घराने से आए हैं." खरगे ने बताया कि सभापति राधाकृष्णन तीन बार के लोकसभा MP सीके कुप्पुस्वामी के भतीजे हैं, जो कांग्रेस के मेंबर थे.
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ का जिक्र करते हुए उनके इस्तीफे को ‘एकदम अप्रत्याशित’ बताया और कहा कि राज्यसभा के सभापति पूरे सदन के संरक्षक होते हैं और इसलिए वे सरकार के साथ-साथ विपक्ष के भी हैं. उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि उन्हें जगदीप धनखड़ को विदाई देने का मौका नहीं मिला. खरगे ने कहा,
"मुझे उम्मीद है कि आपको (सभापति को) बुरा नहीं लगेगा कि मुझे आपके पहले वाले राज्यसभा के चेयरमैन (जगदीप धनखड़) के ऑफिस से अचानक जाने का जिक्र करना पड़ रहा है. मुझे दुख हुआ कि सदन को उन्हें विदाई देने का मौका नहीं मिला. फिर भी, पूरे विपक्ष की ओर से मैं उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं."
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अपने भाषण को खत्म करते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रामा वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बाहर बहुत जोरदार तकरीर करके आए. हमारे ऊपर भी बहुत इनडायरेक्टली हमला किए. उसका मुंहतोड़ जवाब तो हम देंगे.
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