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जेल में 9 साल रहने वाले कर्नल पुरोहित को 17 साल बाद मिला प्रमोशन, अब मिली ये रैंक

29 सितंबर 2008 को Malegaon में एक मस्जिद के पास बम फटा था. इस केस में Lt Col Purohit समेत पूर्व भाजपा सांसद Pragya Thakur, मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड), अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को गिरफ्तार किया गया था.

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After acquittal in Malegaon bomb blast case Lt Col Prasad Purohit promoted to Colonel rank in indian army
कर्नल पुरोहित के प्रमोशन पर उनके कंधे पर बैज लगाते हुए वरिष्ठ अधिकारी (PHOTO-X)
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मानस राज
26 सितंबर 2025 (Updated: 26 सितंबर 2025, 10:29 AM IST)
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मालेगांव बम ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद आखिरकार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित (Lt Col Prasad Srikant Purohit) को 17 साल बाद प्रमोशन मिल गया. उन्हें इंडियन आर्मी में कर्नल के पद पर प्रमोट (Col Purohit Promoted) किया गया है. कर्नल पुरोहित उन 7 आरोपियों में शामिल थे, जिन पर मालेगांव (Malegaon Blast) में बम धमाके की साजिश रचने का आरोप था. 31 जुलाई को NIA की स्पेशल कोर्ट ने कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सिर्फ शक ही सबूत की जगह नहीं ले सकता.

क्या हुआ था मालेगांव में?

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव नामक कस्बे में एक मस्जिद के पास बम फटा था. यह बम एक दोपहिया वाहन में बंधा हुआ था. धमाके में 6 लोग मारे गए जबकि 100 से अधिक घायल हुए थे. इस केस में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड), अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को गिरफ्तार किया गया. इन सभी पर इस धमाके में शामिल होने का आरोप था.

col purohit
कोर्ट में पेशी के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित (PHOTO-X)

इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को साल 2008 में जेल भेजा गया. 9 साल बाद 2017 में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली थी. उनकी गिरफ्तारी खूब चर्चा का विषय बनी क्योंकि किसी आतंकी घटना के आरोप में पहली बार इंडियन आर्मी के किसी अफसर को गिरफ्तार किया गया था. पुरोहित की कानूनी टीम का कहना था कि वे मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी थे, जिन्होंने आतंकी संगठनों में घुसपैठ कर जानकारी जुटाई थी और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित रिपोर्ट भेजते थे. उनकी टीम ने गवाहों के बयानों में विरोधाभास की ओर भी इशारा किया था. जब तक ये मामला चला, तब तक लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित का कोई प्रमोशन नहीं हुआ. कहा जा रहा है कि अगर वो इस मामले में गिरफ्तार नहीं होते तो अब तक ब्रिगेडियर के पद तक पहुंच सकते थे.

कैसे होता है इंडियन आर्मी में प्रमोशन?

इंडियन आर्मी में पदों को 'अदर रैंक्स' (OR), जूनियर कमीशंड ऑफिसर्स (JCO) और कमीशंड ऑफिर्स में बांटा जाता है. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित एक कमीशंड ऑफिसर हैं. कमीशंड ऑफिसर्स में लेफ्टिनेंट से पद शुरू होता है. लेफ्टिनेंट के बाद कैप्टन, मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल और फिर जनरल बनते हैं. सबसे बड़ा पद फील्ड मार्शल का है, जिस पर आज तक सिर्फ दो लोग ही हुए हैं. फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा.

वीडियो: मालेगांव और समझौता ट्रेन ब्लास्ट में कर्नल पुरोहित का नाम आने का सच ये है?

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