दिवाली से पहले मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स का बायकॉट क्यों हो रहा? वजह 'पाकिस्तान से जुड़ी' है
Festive Season में जब जूलरी की ज्यादा खरीदारी होती है, तब Malabar Gold And Diamonds के बायकॉट की बात हो रही है. Diwali से पहले उठे विवाद के पीछे एक Pakistani Influencer बड़ा कारण हैं.

दिवाली से पहले केरल बेस्ड जूलरी की दिग्गज कंपनी ‘मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स’ को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा है. वजह, लंदन में मौजूद पाकिस्तानी इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अलिश्बा खालिद के साथ कंपनी का ‘कॉलैबोरेशन’. अलिश्बा ने ऑपरेशन सिंदूर का मजाक उड़ाते हुए भारत के खिलाफ कई आपत्तिजनक बयान दिए थे.
इसी को लेकरभारत के सोशल मीडिया यूजर्स ने मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को निशाने पर लिया है. दूसरी तरफ, इंडिया टुडे ने कंपनी के सूत्रों के हवाले से बताया कि अलिश्बा खालिद के साथ ये उनका ‘कुछ समय के लिए और एक बार का’ जुड़ाव था. इसके मुताबिक, अलिश्बा कंपनी के किसी भी ब्रांड कैंपेन का हिस्सा नहीं थीं, न ही भविष्य में होंगी. दावा किया गया कि अलिश्बा लंदन स्टोर के उद्घाटन समारोह में मौजूद थीं और उसका प्रचार किया था.
कंपनी के सूत्र ने आगे कहा कि अलिश्बा खालिद मालाबार के फ्यूचर प्लान का हिस्सा नहीं हैं. उन्हें मालाबार ने सीधे तौर पर नियुक्त नहीं किया था, बल्कि थर्ड पार्टी के जरिए कंपनी के साथ उनका जुड़ाव था. मालाबार ने इस ‘चूक’ के लिए उस एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है.

दरअसल, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ब्रिटेन के बर्मिंघम में एक शोरूम खोलने की योजना बनाई थी. इसके प्रचार के लिए कंपनी ने इन्फ्लुएंसर्स को जुटाने के लिए जेएबी स्टूडियो को नियुक्त किया था. स्टूडियो ने जिनको जुटाया, उनमें से एक ब्रिटेन में रहने वाली पाकिस्तानी नागरिक और इन्फ्लुएंसर अलिश्बा खालिद थीं.
Bombay High Court गई थी कंपनीहिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने बीते महीने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था. कंपनी ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म पर कुछ अनजान यूजर्स द्वारा कंपनी को पाकिस्तान से जोड़ने वाले पोस्ट और कॉन्टेंट अपलोड करने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया कि ये पोस्ट कंपनी की बिक्री को नुकसान पहुंचा रहे हैं, खासकर त्योहारों के मौसम में.
कंपनी ने कथित रूप से अपमानजनक कॉन्टेंट वाले 442 URL की एक लिस्ट भी सौंपी और आगे ऐसी पोस्ट डालने से रोकने के लिए राहत की मांग की थी. याचिका में कंपनी ने साफ किया था कि अलिश्बा खालिद को अप्रैल में पहलगाम हमले से काफी पहले शोरूम के प्रचार के लिए नियुक्त किया गया था. कंपनी के मुताबिक, उस समय उसे अलिश्बा के पाकिस्तानी मूल के बारे में जानकारी नहीं थी. मालाबार गोल्ड ने कहा कि अलिश्बा के साथ काम बंद कर दिया गया था.
इस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए सोशल मीडिया पर उन पोस्ट्स को हटाने का आदेश दिया था, जिनमें अलिश्बा खालिद को शामिल करने के लिए ब्रांड को ट्रोल किया गया था. जस्टिस संदीप मार्ने ने अपने आदेश में कंपनी को अंतरिम राहत दी. उन्होंने सोशल मीडिया कंपनियों को मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को ‘पाकिस्तान का हमदर्द’ बताने वाले पोस्ट हटाने का निर्देश दिया.
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