महाराष्ट्र में कितने बच्चे कुपोषण से जूझ रहे? हाई कोर्ट की सुनवाई में पता चला
महाराष्ट्र में कुपोषण से 32 हजार बच्चों की मौत की खबर पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है और विभागों से इस संबंध में जानकारी मांगी है. पता चला कि प्रदेश में 1 लाख 37 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं.

महाराष्ट्र में ‘1 लाख 37 हजार 407 बच्चे कुपोषण से जूझ रहे’ हैं. इस गंभीर हालत के बारे में जानकारी तब सामने आई, जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुपोषित बच्चों की मौत से जुड़ी एक खबर को स्वतः संज्ञान लिया. इस खबर में बताया गया कि पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र में 5 साल से कम उम्र के 32 हजार 226 बच्चों की मौत हो गई. वहीं 2861 मांओं की भी जान गई है.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम ए अंखाड़ की पीठ ने कहा कि इस रिपोर्ट के मुताबिक नवजात बच्चों की मौत की बड़ी वजह कुपोषण थी और मांओं की मौत इन्फेक्शन की वजह से हुई है.
कोर्ट ने ये भी कहा कि बच्चों के कुपोषण से निपटने के लिए जैसी योजनाओं और मेडिकल सुविधाओं की जरूरत है, वैसी उपलब्ध नहीं हैं. मामले में हाई कोर्ट ने एडवोकेट अखिलेश दुबे को एमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) नियुक्त किया और इस मामले में Suo Moto (स्वतः संज्ञान) याचिका दर्ज करने का आदेश दिया.
इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वित्त विभाग और महिला-बाल विकास विभाग ने कोर्ट को बताया कि वे इस समस्या से निपटने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं.
वित्त विभाग ने कहा कि प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी गई है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डॉक्टरों और स्टाफ की कमी दूर होगी. वहीं, महिला और बाल विकास विभाग ने आंकड़ों के जरिए बताया कि कैसे बच्चों में कुपोषण के मामलों में लगातार कमी आ रही है.
विभाग ने कहा कि Moderate Acute Malnutrition (MAM) यानी मध्यम तीव्र कुपोषण वाले पीड़ित बच्चों का प्रतिशत 2023-24 में 4.21% से घटकर 2025-26 में 3.43% हो गया है. जबकि गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) से पीड़ित बच्चों का प्रतिशत 2023-24 में 1.44% से घटकर 2025-26 में 0.7% हो गया है. ये आंकड़े उस वर्ष के औसत को ध्यान में रखते हुए बताए गए हैं.
विभाग ने बताया कि पोषण ट्रैकर के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2023 में SAM बच्चों की संख्या 80 हजार 248 और MAM बच्चों की संख्या 2 लाख 12 हजार 203 थी, जो लगातार घट रही है. नवंबर 2025 में SAM बच्चों की संख्या 18 हजार 390 और MAM बच्चों की संख्या 1 लाख 19 हजार 17 है. यानी अब भी महाराष्ट्र में कुल 1 लाख 37 हजार 407 बच्चे कुपोषित हैं.
पोषण ट्रैकर क्या होता है?पोषण ट्रैकर एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिससे आंगनबाड़ी केंद्र, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सेहत, उनके पोषण पर नजर रखी जाती है.
राज्य के एक तीसरे विभाग लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण ने इस बारे में जानकारी देने के लिए कोर्ट से दो हफ्ते का समय मांगा है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि यही सबसे अहम विभाग है, जिससे डिटेल मांगे जाते हैं. इस विभाग को कुल बजट, टीकाकरण कार्यक्रम और डेटा की भी जानकारी देनी होगी. एमिकस क्यूरी अखिलेश दुबे ने सरकार से अब तक की मौतों की ऑडिट रिपोर्ट भी देने का सवाल उठाया तो कोर्ट ने कहा कि ‘ये लोग वो नहीं देंगे. उसे दबा देंगे.’
इस पर सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सरकारी वकील ओंकार चंदुरकर ने भरोसा दिलाया कि कोई जानकारी नहीं छुपाई जाएगी और अगली सुनवाई में पूरी डिटेल दी जाएगी.
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