सेना की वर्दी में गांव पहुंची बेटी, निकाला जुलूस, मनाया जश्न, फिर सच सामने आया तो FIR करानी पड़ी
यूपी के महराजगंज के इस गांव में ढोल-नगाड़े बजे, देशभक्ति के गाने गूंजे, और गांव की लड़की को वर्दी में देख सबने गर्व से फूल-मालाएं पहनाईं. पूरा परिवार और गांव खुशी से झूम उठा. लेकिन यह जश्न जल्द ही एक बुरे सपने में बदल गया.

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का डोमाकाटी गांव कुछ दिन पहले तक खुशियों में डूबा हुआ था. मौका था गांव की बेटी नगमा के सेना में भर्ती होने का. ढोल-नगाड़े बजे, देशभक्ति के गाने गूंजे, और गांव की लड़की को वर्दी में देख सबने गर्व से फूल-मालाएं पहनाईं. पूरा परिवार और गांव खुशी से झूम उठा. लेकिन यह जश्न जल्द ही एक बुरे सपने में बदल गया. नगमा को एहसास हुआ कि सेना में भर्ती के नाम पर उसके साथ लाखों की ठगी हुई है. मामला अब पुलिस के पास पहुंचा है. अब केस में जांच चल रही है.
आज तक से जुड़े अमितेश त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे मामले की शुरुआत होती है 10 अगस्त से. महाराजगंज जिले में डोमाकाटी गांव है. यहीं की रहने वाली हैं नगमा. 12वीं की स्टूडेंट हैं. नगमा ने एनसीसी ज्वाइन किया हुआ था. 10 अगस्त को जिले में ही सलेमपुर में एक फायरिंग ट्रेनिंग थी. नगमा यहां ट्रेनिंग के लिए पहुंची. यहीं उसे मिला धीरज कुमार नाम का शख्स. उसने खुद को सेना से जुड़ा हुआ बताया. नगमा की तारीफ की. कहा तुम अच्छा कर रही हो. मेरी सेना में पहचान है. तुम्हें भर्ती करा दूंगा. धीरज नाम के इस शख्स ने नगमा को अपना फोन नंबर दिया और नगमा का भी नंबर ले लिया.
तारीख आती है 23 सितंबर 2025- नगमा को एक फोन आता है. सामने वाला शख्स एनसीसी के फायरिंग ट्रेनिंग में मिले धीरज होने का परिचय देता है. वो नगमा को 24 सितंबर को गोरखपुर ये कहकर बुलाता है कि यहां सेना की भर्ती हो रही है. कहे मुताबिक नगमा 24 सितंबर को गोरखपुर पहुंच जाती है. धीरज नाम का ये आदमी उसे बस स्टैंड पर लेने आता है. वहीं नगमा को सेना की वर्दी देता है. कहता है कि अगले दिन फिजिकल ट्रेनिंग है.

25 सितंबर को वो नगमा को फील्ड में लेकर जाता है. पुलिस को दी शिकायत में लड़की ने बताया कि वहां फील्ड पर पहले से 5 लड़कियां और 6 लड़के थे. वहां सभी की दौड़ कराई, एक्सरसाइज और मार्च कराया. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गए, वहां ब्लड टेस्ट भी कराया.
इसके बाद मांगे 2 लाख 70 हजार रुपए. धीरज ने उन सभी से कहा कि इतने पैसे दे दो फिर जॉइनिंग लेटर दे देंगे. लेकिन ठगी का खेल अभी खत्म नहीं हुआ था. पैसे मांगने के बाद धीरज नगमा समेत सभी लड़के-लड़कियों को लेकर राजस्थान के पुष्कर पहुंचा. उसने इन्हें कहा कि वहां सीओ रहते हैं. उनसे मीटिंग के बाद पैसे और फिर नौकरी पक्की.
वहां नगमा को अंगद मिश्रा नाम के व्यक्ति से मिलाया. इस व्यक्ति ने कहा कि पैसे जमा कर दो मार्च में जॉइनिंग लेटर आएगा. इसके बाद सभी को घर भेज दिया. नगमा घर लौटी तब तक गांव में बात फैल चुकी थी कि वो सेना में भर्ती हुई है. जश्न हुआ, जुलूस निकाले गए. लेकिन पैसे की बात से नगमा और घरवालों को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है. अब शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. और जांच की जा रही है.
हालांकि, ये पहली बार नहीं हैं जब सेना, पुलिस या दूसरे किसी सरकारी नौकरी में इस तरह की ठगी हुई हो. अक्सर इसमें लोगों के लाखों रुपए चले जाते हैं. तब उन्हें ठगी का पता चलता है. सिर्फ पिछले कुछ महीनों में ही कई ऐसे मामले सामने आए हैं. गिरोह तक पकड़े गए हैं. उन पर कार्रवाई भी हुई है.
यूपी के मैनपुरी में जून महीने में पुलिस ने सेना भर्ती के एक फर्जी सेंटर का खुलासा किया था. यूपी के ही लखनऊ में STF ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया था. टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती के नाम पर लाखों की ठगी कर चुके थे. बिहार में जुलाई महीने में सेना भर्ती के नाम पर एक व्यक्ति से 5 लाख रुपए ठग लिए. हरियाणा के सोनीपत में 9 अक्टूबर को सेना में भर्ती के नाम पर 7.80 लाख रुपए ठगी का मामला दर्ज हुआ है.
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