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बेटिकट पकड़ाया तो डिप्टी सीएम बन गया! RPF ने खोली पोल, सलाखों के पीछे पहुंचा युवक

सूरत GRP ने Ranjeet Yadav पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 204 (लोक सेवक के तौर पर प्रस्तुत करना) और 319(2) (पहचान बदलकर धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.

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रणजीत यादव ने डिप्टी सीएम बनकर सूरत रेलवे स्टेशन पर तैनात कुलदीप सिंह को कॉल किया था. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)
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आनंद कुमार
2 सितंबर 2025 (Published: 10:59 AM IST)
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का एक युवक बेटिकट यात्रा कर रहा था. सूरत रेलवे स्टेशन (Surat Railway Station) पर उसे RPF ने पकड़ लिया. और जुर्माना लगा कर छोड़ दिया. जुर्माने की राशि वापस पाने के लिए युवक ने खुद को मध्य प्रदेश का डिप्टी सीएम बताकर सूरत स्टेशन पर तैनात RPF के सब इंस्पेक्टर को कॉल लगा दिया. हालांकि ये चालाकी उसके काम नहीं आई. और उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना 29 अगस्त की है. रात को 9 बजकर 10 मिनट हुए थे.  सूरत स्टेशन पर तैनात RPF सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह के मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले व्यक्ति ने उनसे एक व्यक्ति को छोड़ने को कहा, जिसे दिन में बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ा गया था. साथ ही उस व्यक्ति ने कुलदीप से पकड़े गए यात्री को जुर्माने की राशि वापस दिलाने और आगे की यात्रा की व्यवस्था करने को भी कहा.

फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद का परिचय मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के तौर पर दिया. और बताया कि बेटिकट यात्रा करने वाला रणजीत यादव उनका परिचित है. इस फोन कॉल के तुरंत बाद कुलदीप सिंह ने मामले के बारे में पता लगाया. उन्हें बताया गया कि यादव को RPF ने सुपरफास्ट ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा था. लेकिन जुर्माना लगाने के बाद उसे छोड़ दिया गया.

पहले फोन कॉल के 20 मिनट बाद यानी 9.30 बजे कुलदीप सिंह के पास फिर से फोन आया. और उनको धमकाते हुए रणजीत यादव के बारे में पूछताछ की गई. जवाब में सिंह ने यादव के छूटने की जानकारी देते हुए फोन करने वाले से यादव का नंबर मांगा.

मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के नाम से कॉल करने वाले शख्स ने कुलदीप सिंह को रणजीत यादव का नंबर दे दिया. सिंह ने इस नंबर की जांच कराई. इस नंबर के डिस्प्ले पर उनको उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला की तस्वीर मिली. इसके बाद सब इंस्पेक्टर को शक हुआ. और उन्होंने रणजीत यादव को फोन कर 30 अगस्त को RPF ऑफिस बुलाया.

इस बीच 30 अगस्त की सुबह कुलदीप सिंह के फोन पर फिर से राजेंद्र शुक्ल के नाम से फोन आता है. और उनको रणजीत यादव का मोबाइल रिचार्ज करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद कुलदीप सिंह को यादव पर शक हुआ. उन्होंने  RPF ऑफिस में उससे पूछताछ की, जिसके बाद आरोपी ने कबूल किया कि उसने ही मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के नाम से कॉल किया था.

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कुलदीप सिंह ने बताया कि आरोपी जुर्माने की राशि वापस पाने और सूरत से महाराष्ट्र के भुसावल तक फ्री में यात्रा करने के लिए मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के नाम से कॉल कर रहा था. सूरत GRP ने रणजीत यादव पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 204 (लोक सेवक के तौर पर प्रस्तुत करना) और 319(2) (पहचान बदलकर धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है. सूरत GRP इंस्पेक्टर हीरल व्यास ने बताया,

 हमने रणजीत यादव को गिरफ्तार कर लिया है. वह मध्य प्रदेश के सतना जिले का रहने वाला है. उसके फोन में कई नंबर मंत्रियों और नौकरशाहों के नाम से सेव थे.

उन्होंने आगे बताया कि आरोपी के मोबाइल में सेव नंबरों से ये साफ है कि वो लंबे समय से फर्जी पहचान और झूठे प्रभाव के जरिए कई जगहों पर दबाव बनाने की कोशिश करता आ रहा था. GRP अब यह जांच कर रही है कि आरोपी ने इस तरह से और कहां कहां ठगी की है.

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