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240 मीटर लंबी नाली ढकने में 16 हज़ार किलो लोहा लगा? निगम कमिश्नर ने अब पूरी बात बताई

भोपाल में एक नाली को ढकने के लिए 16 हज़ार किलो लोहे के इस्तेमाल की बात सामने आई. मेज़रमेंट बुक में हुई एंट्री से ये बात पता चली. अब निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने इसे लेकर सब बताया है.

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bhopal 240 meter drain fraud
फोटो: आजतक
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रवीश पाल सिंह
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19 दिसंबर 2025 (Updated: 19 दिसंबर 2025, 01:45 PM IST)
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मध्य प्रदेश के भोपाल में एक नाली को ढकने के लिए कथित तौर पर 16 हज़ार किलो सरिया लगा दिया गया. बताया गया कि भेल संगम इलाके में 240 मीटर लंबी नाली को ढकने के लिए इस लोहे का इस्तेमाल हुआ. इस बात का पता तब चला जब इंजीनियर के मेज़रमेंट वाली किताब में 16 हज़ार किलो लोहे की एंट्री देखी गई. हालांकि, जब जांच पड़ताल हुई तो पूरा मामला कुछ और ही निकला. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, इस नाली को ढकने के लिए 13 लाख का टेंडर निकाला गया था. इसमें सरिया और सीमेंट का इस्तेमाल होना था. काम होने के बाद नगर निगम के इंजीनियर ने अपनी मेज़रमेंट बुक में इसकी एंट्री कर दी. इस मामले की जानकारी संगम नगर इलाके में एक रूटीन इंस्पेक्शन के दौरान मिली. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, दफ्तर में जब वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी एंट्री देखी तो उनका माथा ठनका. एंट्री में 240 मीटर नाली को ढकने के लिए 16 हज़ार 139 किलो का लोहा इस्तेमाल हुआ है. मामले की जानकारी निगम कमिश्नर संस्कृति जैन को दी गई. उन्होंने ज़मीनी स्तर पर इंस्पेक्शन के निर्देश दे दिए. 

बवाल कैसे मचा?

जब इंजीनियर्स को इंस्पेक्शन की खबर लगी तो वो तुरंत एक्शन में आ गए. एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बृजेश कौशल ने असिस्टेंट इंजीनियर निशांत तिवारी और जूनियर इंजीनियर रूपांकन वर्मा को एक चिट्ठी लिखी. चिट्ठी में आदेश दिया कि नाली में 30-30 मीटर की दूरी पर 3-3 फ़ीट सीमेंट काटा जाए ताकि निरीक्षण हो पाए. जब ये चिट्ठी भोपाल नगर निगम में पहुंची तो हड़कंप मच गया.

लोगों ने सवाल खड़े कर दिए. पूछा गया कि 240 मीटर छोटी नाली को बनवाने में 16 हज़ार किलो लोहा कैसे लग गया?

म्युनिसिपल कमिश्नर ने अब पूरी बात बताई

म्युनिसिपल कमिश्नर संस्कृति जैन ने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया, 

ये एक टाइपिंग मिस्टेक थी जिसकी वजह से लोगों को कंफ्यूशन हो गया. मेज़रमेंट वाली किताब में डाटा एंट्री के वक़्त एक डेसीमल (बिंदु) पॉइंट मिस हो गया. जिसकी वजह से ये स्थिति बनी गई. 

उन्होंने ये भी बताया कि इस नाली को बनवाने के लिए 13 लाख का टेंडर पास हुआ था. लेकिन अभी तक ये पैसे रिलीज़ नहीं हुए हैं. 

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