लुधियाना सेंट्रल जेल में 250 कैदियों ने किया हमला, अफसरों को पीटा, जेल सुपरिंटेंडेंट का सिर फोड़ा
Ludhiana Jail Fight: पंजाब के लुधियाना जिले की सेंट्रल जेल में मंगलवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कैदियों के बीच हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया. कैदी आपस में किसी बात को लेकर भिड़ गए. इसी दौरान रूटीन चेकिंग के लिए जेल के अंदर पहुंचे अधिकारियों पर कैदियों ने हमला कर दिया.

पंजाब के लुधियाना में ताजपुर रोड स्थित सेंट्रल जेल में करीब 250 कैदियों ने मंगलवार 16 दिसंबर की शाम तगड़ा बवाल काटा. जेल के भीतर कुछ कैदियों के बीच किसी बात पर झगड़ा शुरू हुआ था. उसी वक्त जेल के अफसर रोज की चेकिंग के लिए अंदर गए. माहौल पहले से गरम था. इसी बीच कुछ कैदियों ने एक पुलिसवाले पर हमला कर दिया.
जेलर को दे मारी ईंटइसके बाद मामला बिगड़ता चला गया. जेल सुपरिंटेंडेंट कुलवंत सिद्धू खुद मौके पर पहुंचे और कैदियों को शांत कराने की कोशिश करने लगे. लेकिन तभी एक कैदी ने ईंट उठाकर उनके सिर पर मार दी. सिर में गंभीर चोट लगी और उन्हें तुरंत एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया.
डॉक्टरों ने बताया कि सिर में गहरी चोट थी. ऑपरेशन तक करना पड़ा. लेकिन अब उनकी हालत स्थिर है. वहीं, अफरा-तफरी में डीसीपी सिक्योरिटी जगजीत सिंह के घुटने में भी चोट आई. उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
घटना के बाद जेल के बाहर का माहौल भी काफी तनावपूर्ण था. अंदर से करीब 20 मिनट तक सायरन बजते रहे. थोड़ी देर में पुलिस और जेल प्रशासन के बड़े अफसर एक-एक करके जेल पहुंचने लगे. जेल के अंदर और बाहर पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई और एंबुलेंस भी बुलाई गई.
घटना वाले दिन की ही शाम जमानत पर जेल से बाहर आए एक शख्स ने बताया कि एक बैरक में करीब 200 से 250 कैदी थे. इन्होंने मिलकर पुलिस पर हमला किया. उसके मुताबिक दिन में भी कैदियों के बीच झगड़ा हुआ था. शाम होते-होते यह फिर से भड़क गया और बात हाथ से निकलने लगी.
जेल मंत्री ने मांगी रिपोर्टइस मामले पर जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने पूरी रिपोर्ट तलब की है. पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और हालात को कंट्रोल में लिया. अफसरों ने साफ कहा है कि जिन कैदियों ने हिंसा की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
क्या जेलों में संख्या से ज्यादा कैदी होना ऐसी घटना की वजह?NCRB के आंकड़े बताते हैं कि देश की जेलें लगातार ओवर क्राउडेड होती जा रही हैं. साल 2022 के आखिर तक जेलों में क्षमता से करीब 30 फीसदी ज्यादा कैदी थे. दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हालत और खराब है. यहां जेलों में तय संख्या से लगभग दोगुने कैदी हैं. नई जेलें और इंतजाम उतनी तेजी से नहीं बन रहे, जितनी तेजी से कैदियों की तादाद बढ़ रही है.
लुधियाना जेल में जो हुआ और जो आंकड़े सामने हैं, वे साफ इशारा करते हैं कि जेल सिस्टम में बड़े बदलाव की जरूरत है और वह भी जल्दी. वरना ऐसे हंगामे, हिंसा और अफसरों पर हमले आगे भी होते रहेंगे. इसका खामियाजा जेल में काम करने वालों और वहां बंद लोगों, दोनों को भुगतना पड़ेगा.
वीडियो: लुधियाना जेल में कैदी आपस में भिड़े, पुलिस पर ईंट चला दी!

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