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डिजिटल अरेस्ट में उड़ने वाले थे 1 करोड़, साइबर ठगों से कैसे बची 75 साल की बुजुर्ग महिला?

साइबर ठगों ने 75 साल की बुजुर्ग महिला को पांच दिनों तक Digital Arrest कर रखा था. इस दौरान उन्होंने महिला को धमकी दी कि अगर वो किसी को कुछ बताएंगी तो उनके परिवार की हत्या कर दी जाएगी.

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साइबर अपराधियों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया. (प्रतीकात्मक तस्वीर, इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
24 दिसंबर 2025 (Published: 12:05 AM IST)
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उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पंजाब नेशनल बैंक की मामा चौराहा ब्रांच में एक बुजुर्ग महिला पहुंची. उन्होंने बैंक मैनेजर से अपने 12 फिकस्ड डिपॉजिट (FD) तोड़ने और सेविंग अकाउंट के सारे पैसे एक दूसरे खाते में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया. कोई सामान्य रकम होती तो बैंक मैनेजर को कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन 12 एफडी और सेविंग अकाउंट मिलाकर महिला के खाते में कुल 1 करोड़ 13 लाख रुपये जमा थे. इतने पैसे ट्रांसफर करने बुजुर्ग महिला की बातचीत से मैनेजर को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ. और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी.

पुलिस के मुताबिक, 75 वर्षीय महिला को भरोसे में लेकर बातचीत की गई. तब पता चला कि साइबर ठगों ने उनको 11 से 15 दिसंबर तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. विकास नगर थाने के SHO आलोक सिंह ने बताया कि महिला शुरुआत में कुछ भी नहीं बता रही थी, क्योंकि ठगों ने धमकी दी थी कि अगर किसी को बताया तो उनके परिवार की हत्या कर दी जाएगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने पुलिस को बताया कि 11 दिसंबर की शाम एक अनजान नंबर से उनको वॉट्सएप कॉल आया, जिसके बाद उनके साथ ठगी शुरु हुई. कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके पति का मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है. महिला के पति सरकारी कर्मचारी थे. कई साल पहले उनका निधन हो चुका है, लेकिन वह अब भी उनका फोन इस्तेमाल करती हैं. उसी नंबर पर फोन आया था.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, साइबर ठगों ने कहा कि 50 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग से आतंकी फंडिग हुई है. ठगों ने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल कश्मीर और दिल्ली में आतंकी घटनाओं में हुआ है. इसके बाद ठगों ने खुद को पुणे स्थित सीबीआई कार्यालय का अधिकारी बताकर महिला को धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने महिला को देशद्रोह के मामले में जेल भेजने और पूरे परिवार का एनकाउंटर कराने की धमकी दी.

महिला ने आगे पुलिस अधिकारियों को बताया कि उनसे कहा गया कि केस से बचने के लिए अपने सभी बैंक खातों और एफडी की पूरी रकम उनके दिए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दें. साथ ही उन्होंने झांसा दिया कि जांच पूरी होने के बाद सारे पैसे वापस कर दिए जाएंगे. 15 दिसंबर को महिला घबराकर अपने सारे फिक्सड डिपॉजिट के कागज और बैंक पासबुक लेकर पंजाब नेशनल बैंक के मामा चौराहा शाखा पहुंच गईं.

महिला के बैंक खाते फ्रीज किए गए

साइबर ठगी का मामला सामने आने के बाद महिला का बैंक खाता फ्रीज करवाया गया. पुलिस के साथ मिलकर एफडी का भुगतान भी रुकवाया गया. इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और दूसरे बैंकों में मौजूद उनके खातों को भी फ्रीज कराया गया. SHO आलोक सिंह ने बताया कि ठगी की कोशिश करने वालों ने महिला से कई डॉक्यूमेंट ले लिए थे. दूसरे बैंक खातों की जानकारी भी उनको मिल गई थी, जिनमें करीब 30 लाख रुपये जमा थे.

डिजिटल अरेस्ट क्या होता है?

डिजिटल अरेस्ट एक तरह का साइबर फ्रॉड है. इसमें अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर वीडियो कॉल या ऑडियो कॉल के जरिए लोगों को डराते हैं. वे लोगों को फर्जी पुलिस केस का डर दिखाते हैं. साइबर ठग लोगों को बताते हैं कि उनका बैंक अकाउंट किसी गैरकानूनी काम, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स से जुड़ा है.और उसे डिजिटल तौर पर हिरासत में लिया गया है. यह कोई वास्तविक गिरफ्तारी नहं होती, बल्कि डर पैदा कर पैसे वसूलने का एक तरीका है.

वीडियो: खर्चा-पानी: दिल्ली के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड की पूरी कहानी

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