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दलित बुजुर्ग को पेशाब चाटने के लिए किया मजबूर, अखिलेश यादव ने उठाया मामला, आरोपी गिरफ्तार

UP News: 60 वर्षीय रामपाल, काकोरी स्थित शीतला माता के मंदिर में बैठे थे. रामपाल के पोते के मुताबिक उसके दादाजी सांस की बीमारी से पीड़ित हैं. मंदिर में बैठे रहने के दौरान उनसे गलती से पेशाब हो गया.

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lucknow old man beaten forced to drink urine in shhetla mata temple accused arrested
वीडियो में बुजुर्ग माफी मांगते रहे लेकिन आरोपियों ने एक न सुनी (PHOTO-Screengrab)
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मानस राज
22 अक्तूबर 2025 (Published: 02:21 PM IST)
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लखनऊ को तहज़ीब और अदब का शहर कहा जाता है. लेकिन इसी लखनऊ के काकोरी में में एक ऐसी घटना हुई है जिसने न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरी इंसानियत और उसकी तहजीब पर सवाल खड़े कर दिए हैं. काकोरी के शीतला माता मंदिर में बैठे एक बीमार दलित बुजुर्ग को गलती से पेशाब हो गया. इसके बाद वहां मौजूद कुछ लोगों ने उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया. लोगों ने बुजुर्ग को भद्दी-भद्दी गालियां दीं. हद तो तब हो गई जब उन्होंने बुजुर्ग से मंदिर शुद्धिकरण के नाम पर 'पेशाब चटवाया'. इसके बाद भी वो लोग जातिसूचक गालियां देते रहे.

क्या है पूरी घटना?

ये पूरी घटना 20 अक्टूबर की है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 60 वर्षीय रामपाल, काकोरी स्थित शीतला माता के मंदिर में बैठे थे. रामपाल के पोते के मुताबिक उसके दादाजी सांस की बीमारी से पीड़ित हैं. पोते मुकेश ने बताया कि

शाम के करीब 7 बजे वो शीतला माता मंदिर में बैठे थे. उन्हें सांस की बीमारी है. अगर वो दवा न लें तो उनका बचना संभव नहीं है. उस समय अचानक से उन्हें खांसी आने लगी. इसी दौरान उनसे गलती से पेशाब हो गया. इसके बाद स्वामीकांत (पम्मू) वहां आया और मेरे दादाजी को जातिसूचक शब्द कहने लगा.

मुकेश ने बताया कि इस सबके बाद उसके दादा से उस जगह पर चटवाया गया जहां उन्होंने पेशाब किया था. मुकेश ने दावा किया कि उसके दादा से वो जगह धुलवाई भी गई. मुकेश कहते हैं कि उस रात उसके दादा ने किसी से कुछ नहीं बताया लेकिन अगले दिन उन्होंने इसका जिक्र किया. इसके बाद पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई. मुकेश ने ये भी दावा किया कि जहां उससे  पेशाब हुआ वो जगह मुख्य मंदिर से लगभग 40 मीटर दूर है.

आरोपी ने पेशाब चटवाने वाली बात नकारी, गिरफ्तार

आरोपी स्वामीकांत के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या दलित व्यक्ति को वास्तव में पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया था, एक पुलिस सूत्र ने मीडिया को बताया,

यह जांच का विषय है. पीड़ित कह रहा है कि उसे ज़मीन चाटने के लिए मजबूर किया गया था, जबकि आरोपी कह रहा था कि उसे जमीन चाटने के लिए नहीं, बल्कि छूने के लिए मजबूर किया गया था. आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

अखिलेश यादव का सरकार पर हमला

उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और इस घटना को ‘मानवता पर कलंक’ बताया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा,

किसी की गलती का मतलब यह नहीं कि उसे अपमानजनक और अमानवीय सजा दी जाए.

वहीं एक और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा

लखनऊ में एक आरएसएस कार्यकर्ता ने एक बुज़ुर्ग दलित व्यक्ति को अपना पेशाब चाटने पर मजबूर किया. बुजुर्ग व्यक्ति एक मंदिर प्रांगण में बैठा था, तभी बीमारी के कारण उसने गलती से पेशाब कर दिया. एक आरएसएस कार्यकर्ता गुस्से में मौके पर पहुंचा और जातिसूचक गालियां देते हुए उसे पेशाब चाटने पर मजबूर किया.

हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी पम्मू का आरएसएस से कोई संबंध नहीं है.

वीडियो: दलित लड़के ने इंटरकास्ट शादी की, बीवी के घरवालों ने पीट-पीटकर मार डाला

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