छुड़ाए नहीं छूट रही थी ऑनलाइन गेमिंग की लत, परेशान लखनऊ के छात्र ने जान दे दी
Lucknow Class 12 Student Suicide: एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवक लंबे समय से ऑनलाइन गेम का आदी था. उसने अपनी मौत के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया और अपने माता-पिता से आग्रह किया कि उसके जाने के बाद दोनों एक-दूसरे का ख्याल रखें.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक 18 साल के युवक ने कथित तौर पर ‘ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते’ अपनी जान दे दी. युवक ने अपने कथित नोट में ऑनलाइन गेमिंग के प्रति अपने लगाव और पढ़ाई में दिक्कतों का जिक्र किया था. ये घटना ऐसे समय में हुई, जब हाल ही में संसद में सभी प्रकार के ‘ऑनलाइन मनी गेम्स’ पर बैन लगाने वाले कानून को मंजूरी दी गई है.
इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक, घटना लखनऊ के गोमतीनगर एक्सटेंशन इलाके में गुरुवार, 21 अगस्त को हुई. 12वीं के इस छात्र के परिवार ने ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे में उसका शव देखा. फिर इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
युवक ने कथित तौर पर अपने नोट में बताया था कि वो अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रहा था. और कई बार कोशिश करने के बावजूद गेमिंग छोड़ने में असफल रहा. उसने माना कि परिवार के लोग उसकी इस लत से परेशान थे. ऑनलाइन गेम में जुआ खेलने से उसे आर्थिक नुकसान होगा और उसके परिवार को परेशानी होगी.
युवक ने अपनी मौत के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया और अपने माता-पिता से आग्रह किया कि उसके जाने के बाद दोनों एक-दूसरे का ख्याल रखें. मामले में सीनियर पुलिस अधिकारी बृज नारायण सिंह ने बताया कि युवक लंबे समय से ऑनलाइन गेम का आदी था. उन्होंने कहा,
शुरुआत में उसने गेम के पेड वर्जन खेलना शुरू किया था. लेकिन बाद में पैसे खत्म होने पर उसने फ्री वर्जन खेलना शुरू कर दिया.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है.
Online Gaming Bill को संसद की मंजूरीगुरुवार, 21 अगस्त को ही संसद ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 (Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) पास किया. जो ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देते हुए, सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर बैन लगाता है. सरल शब्दों में, ये ऐसे खेल हैं, जिनमें खिलाड़ी ज्यादा वित्तीय पुरस्कार जीतने की उम्मीद में पैसा जमा करते हैं.
इस बिल में ऑनलाइन गेमिंग पर निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है. सरकार का तर्क है कि ‘युवाओं को शोषण से बचाने’ के लिए ऐसा कानून जरूरी है.
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