लंदन में महात्मा गांधी की मूर्ति से तोड़फोड़, काले रंग मे लिखे आपत्तिजनक शब्द
Gandhi Statue In London Vandalized: गांधी की यह कांस्य प्रतिमा 1968 में भारतीय लीग के सहयोग से स्थापित की गई थी. यह प्रतिमा महात्मा गांधी के उन दिनों की याद दिलाती है, जब वे लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में कानून की पढ़ाई कर रहे थे.

2 अक्टूबर गांधी जयंती से पहले लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई है. मूर्ति के आसपास काले रंग से कुछ आपत्तिजनक शब्द भी लिखे गए हैं. भारत ने इस शर्मनाक हरकत की कड़ी निंदा की है. इसे अहिंसा के सिद्धांतों और गांधीजी की विरासत पर हमला बताया है. प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि वे घटना की जांच कर रहे हैं.
कहां तोड़ी गई गांधी की प्रतिमामीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर को तीन दिन पहले हुई. गांधी की मूर्ति पर आपत्तिजनक नारे भी लिखे मिले हैं. महात्मा गांधी की यह प्रतिमा शांत मुद्रा में बैठी हुई है. भारतीय उच्चायोग ने स्थानीय अधिकारियों से इस घटना की जानकारी दी है. उन्होंने इसके तुरंत बाद अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिमा को फिर से उसको ठीक करने का काम शुरू कर दिया है.
भारतीय उच्चायोग ने क्या कहाभारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा,
“लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग टैविस्टॉक स्क्वायर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ हुई इस शर्मनाक तोड़फोड़ की घटना से बेहद दुखी है. वे इसकी कड़ी निंदा करते हैं.”

भारतीय उच्चायोग ने आगे कहा,
पुलिस ने क्या बताया“यह सिर्फ तोड़फोड़ नहीं है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस से तीन दिन पहले अहिंसा के विचार और महात्मा गांधी की विरासत पर एक हिंसक हमला है. हमने तुरंत एक्शन के लिए लोकल अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है. हमारी टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है और लोकल अधिकारियों के साथ तालमेल कर रही है ताकि प्रतिमा को पहले जैसी स्थिति में बहाल किया जा सके.”
वहीं, घटना को लेकर मेट्रोपोलिटन पुलिस और स्थानीय कैम्बडन काउंसिल ने कहा कि वे इस हमले की जांच कर रहे हैं. बता दें कि लंदन में गांधी की मूर्ति के साथ तोड़फाड़ ऐसे समय में हुई है, जब दो दिन बाद 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है. हर साल गांधी की इस प्रतिमा के पास संयुक्त राष्ट्र की ओर से यहां कार्यक्रम किया जाता है. फूल चढ़ाए जाते है. भजन होते हैं.
कब स्थापित की गई थी मूर्ति
गांधीजी की यह कांस्य प्रतिमा 1968 में भारतीय लीग के सहयोग से स्थापित की गई थी. यह प्रतिमा महात्मा गांधी के उन दिनों की याद दिलाती है, जब वे लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में कानून की पढ़ाई कर रहे थे.
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