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लोको पायलट ने पत्नी की डिलीवरी के लिए छुट्टी मांगी, रेलवे ने देने से मना कर दिया!

Loco Pilot Leave: लोको पायलट ने पूरा डिटेल देते हुए HRMS में ऑनलाइन छुट्टी की मांग को अपलोड किया था. न कि मौखिक रूप से, जैसा कि दावा किया गया था. पूरा मामला क्या है?

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Southern Railway says loco pilot was not denied leave
लोको पायलट अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए चला गया था. (प्रतीकात्मक फ़ोटो - इंडिया टुडे)
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हरीश
15 अप्रैल 2025 (Published: 09:41 AM IST)
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लोको पायलट बिबिन थॉमस (Loco Pilot Bibin Thomas) 7 अप्रैल की रात अपनी ड्यूटी पर थे. लेकिन तभी उन्हें अपनी गर्भवती पत्नी से इमरजेंसी कॉल आया. बताया गया कि उसे प्रसव पीड़ा हो रही है. ऐसे में बिबिन डेस्टिनेशन पर पहुंचकर तुरंत घर के लिए निकल पड़े. उन्होंने पांच दिनों की छुट्टी के लिए अप्लाई भी किया. लेकिन दक्षिण रेलवे की तरफ़ से छुट्टी देने से ‘इनकार कर दिया’ गया. सिर्फ़ इसलिए कि इस छुट्टी के लिए 'प्रॉपर डॉक्यूमेंट्स' नहीं थे. इस पर ख़बरें छपीं. दक्षिण रेलवे की भद्द पीटने लगी. बाद में रेलवे की सफाई आई और कहा गया कि छुट्टी अप्रूव कर ली गई है. लेकिन अब एक रिपोर्ट आई है, जिसने रेलवे के काम पर सवाल उठाए हैं.

द हिंदू ने आधिकारिक रिकॉर्ड्स के हवाले से बताया है कि बिबिन ने उनकी ‘पत्नी की मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देते हुए’ छुट्टी के लिए आवेदन किया था. लेकिन इसके बावजूद छुट्टी को मंजूरी नहीं दी गई. पूरा मामला क्या है, सिलसिलेवार तरीक़े से समझते हैं.

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छुट्टी के लिए अप्लाई

दक्षिण रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) एम. सेंथमिल सेल्वन ने मामले की जानकारी दी. बताया कि बिबिन थॉमस ने 'व्यक्तिगत कारणों' का हवाला देते हुए 9 से 13 अप्रैल तक पांच दिनों की छुट्टी के लिए आवेदन किया था. बिबिन ने बाकायदा ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) के ज़रिए छुट्टी अप्लाई की थी.

ऐसे में चीफ़ क्रू कंट्रोलर (CCRC), मंगलुरु ने ‘लिमिटेड छुट्टी को प्राथमिकता’ देने और डिपो में असिस्टेंट लोको पायलट की ‘भारी कमी’ के चलते इस छुट्टी को अप्रूव नहीं किया. 

CPRO ने आगे बताया कि बिबिन थॉमस 8 अप्रैल के लिए ड्यूटी पर तैनात किये गए थे. लेकिन उन्होंने ‘बिना कोई डिटेल बताए’ मौखिक रूप से इमरजेंसी मैसेज भेजा और ‘बिना औपचारिक मंजूरी’ के हेडक्वार्टर छोड़ दिया. नतीजतन उचित डॉक्युमेंट्स की कमी के कारण उन्हें अनुपस्थित माना गया.

CPRO के मुताबिक़, बिबिन थॉमस ने 12 अप्रैल, 2025 को उसी पांच-दिनों के समय के लिए मैन्युअल छुट्टी का आवेदन किया. जिसमें कहा गया कि उनकी पत्नी प्रेगनेंसी से जुड़े कारणों से अस्पताल में भर्ती थीं. छुट्टी के इस आवेदन को CCRC ने ‘तुरंत मंजूर कर ली’. फिर उसी हिसाब से क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) को अपडेट कर दिया.

लेकिन अब द हिंदू ने दक्षिण रेलवे के CPRO के दावों से विपरीत आंकड़े दिये हैं. अख़बार ने बताया है कि छुट्टी के आवेदन को CCRC ने अस्वीकार कर दिया था. जबकि बिबिन थॉमस ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि उनकी पत्नी को डॉक्टर की सलाह के अनुसार, बताए गए डिलीवरी की डेट से पहले ही डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

कर्मचारी ने पूरा डिटेल देते हुए HRMS में ऑनलाइन छुट्टी की मांग को अपलोड किया था. न कि मौखिक रूप से, जैसा कि दावा किया गया था.

उसी दिन प्रॉपर चैनल के ज़रिए उन्होंने CCRC को संबोधित करते हुए एक हैंड रिटन लेटर दिया. इसमें उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को मेडिकल इमरजेंसी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उन्होंने पांच दिनों की छुट्टी मांगी.

बहरहाल, लेटेस्ट अपडेट ये है कि कॉल आने पर वो केरल के तिरुवल्ला में अपने घर पहुंचे और अपनी पत्नी को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया. 8 अप्रैल को उनकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया. वहीं, दक्षिणी रेलवे के अधिकारियों ने बिबिन थॉमस से संपर्क किया और उन्हें बताया कि उनकी छुट्टी मंजूर कर ली गई है. ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के दिनों को भी छुट्टी के रूप में माना जाएगा.

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