लद्दाख प्रोटेस्ट: 'नेपाल के Gen Z का जिक्र करके भड़काऊ भाषण दिया' सोनम वांगचुक पर केंद्र के गंभीर आरोप
हिंसा के बाद Sonam Wangchuk ने अपना अनशन समाप्त कर दिया. उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों को Gen Z कहा और संयम बरतने का आह्वान किया. हालांकि, केंद्र सरकार ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन (Ladakh Protest) के दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई है और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं. प्रदर्शनकारियों ने लेह में BJP कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था. केंद्र सरकार ने कहा है कि फिलहाल वहां स्थिति नियंत्रण में है. सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
लेह प्रशासन ने एहतियात के तौर पर चार या चार से अधिक लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. मामले को लेकर 25 और 26 सितंबर को केंद्र की ओर से लद्दाख के नेताओं के साथ बातचीत की योजना बनाई गई है. मामले में 50 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है.
पिछले दो हफ्तों से भूख हड़ताल पर बैठे क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने हिंसा का हवाला देते हुए अपना अनशन समाप्त कर दिया है. इस प्रदर्शन के पीछे दो प्रमुख मांगें हैं. वांगचुक के नेतृत्व में ‘लेह एपेक्स बॉडी’ लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है. साथ ही उनकी मांग है कि इसे संविधान की छठवीं अनुसूची में भी शामिल किया जाए.
24 सितंबर को छात्र और युवा संगठनों ने इन मांगों को लेकर बंद का आह्वान किया था. ये हड़ताल तब बुलाई गई जब वांगचुक के साथ भूख हड़ताल पर बैठे 72 साल और 62 साल के दो बुजुर्ग बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा. हिंसा के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए वांगचुक ने कहा,
हजारों प्रदर्शनकारी अनशन स्थल पर शांतिपूर्वक बैठे थे, प्रार्थना कर रहे थे और भाषण सुन रहे थे, तभी युवाओं का एक बड़ा समूह अलग हो गया और नारे लगाते हुए बाहर निकल आया. उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें पता चला कि युवा उग्र हो गए थे और उन्होंने कार्यालयों, पुलिस वाहनों और भाजपा कार्यालय पर हमला किया.
वांगचुक ने कहा कि लोग निराश हैं क्योंकि अगले चुनाव होने वाले हैं लेकिन केंद्र ने पिछले चुनावों में किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं किया है. उन्होंने हिंसा के लिए पिछले पांच-छह सालों के दबे हुए गुस्से को जिम्मेदार ठहराया, प्रदर्शनकारियों को Gen Z कहा और संयम बरतने का आह्वान किया.
सोनम वांगचुक पर केंद्र के आरोपहिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें वांगचुक के ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने भड़काऊ बयान देकर भीड़ को उकसाया. ये भी आरोप लगाया गया है कि वांगचुक ने अरब स्प्रिंग शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में Gen Z के विरोध प्रदर्शनों का भड़काऊ उल्लेख करके लोगों को गुमराह किया. केंद्र सरकार ने अपने बयान में लिखा,
ये स्पष्ट है कि सोनम वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों के माध्यम से भीड़ को उकसाया था. संयोगवश, इस हिंसक घटनाक्रम के बीच, उन्होंने अपना उपवास तोड़ दिया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई गंभीर प्रयास किए बिना एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए.
BJP कार्यालय पर हुए हमले का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार ने कहा,
24 सितंबर को लगभग 11.30 बजे उनके (वांगचुक के) भड़काऊ भाषणों से उकसाई गई भीड़ भूख हड़ताल स्थल से निकली और एक राजनीतिक दल के कार्यालय के साथ-साथ लेह के CEC के सरकारी कार्यालय पर हमला किया.
उन्होंने इन कार्यालयों में आग लगा दी, सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया और पुलिस वाहन को आग लगा दी. बेकाबू भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया जिसमें 30 से अधिक पुलिस/सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए. भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना और पुलिसकर्मियों पर हमला करना जारी रखा. आत्मरक्षा में, पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी जिसमें दुर्भाग्य से कुछ लोगों के हताहत होने की खबर है.
जिन मांगों को लेकर वांगचुक भूख हड़ताल पर थे, वे हाई पावर कमेटी (HPC) में चर्चा का अभिन्न अंग हैं. कई नेताओं द्वारा भूख हड़ताल समाप्त करने का आग्रह करने के बावजूद, उन्होंने भूख हड़ताल जारी रखा और अरब स्प्रिंग शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में Gen Z के विरोध प्रदर्शनों का भड़काऊ उल्लेख करके लोगों को गुमराह किया.
आगे बताया गया कि शाम 4 बजे तक स्थिति नियंत्रण में आ गई थी. उन्होंने कहा,
सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर 2025 को छठी अनुसूची और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी. भारत सरकार इन्हीं मुद्दों पर Apex Body Leh और Kargil Democratic Alliance के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है.
मंत्रालय ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दों को लेकर कई बैठकें की हैं.
वांगचुक को वार्ता से बाहर रखना चाहती है केंद्र सरकार?केंद्र और ‘लेह एपेक्स बॉडी’ के बीच चार महीने के अंतराल के बाद 6 अक्टूबर को वार्ता होनी है. केंद्र के सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि सरकार चाहती थी कि वांगचुक को वार्ता से बाहर रखा जाए, क्योंकि वो वार्ता में बाधा बन रहे थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों से आग्रह किया है कि वो पुराने और भड़काऊ वीडियो, मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसारित न करें.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: लद्दाख में BJP ऑफिस जलाया, 4 की मौत, Gen Z के विरोध पर क्या बोले सोनम वांगचुक?