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'मुझे अपनी पत्नी को निहारना पसंद... ', 90 घंटे काम वाले विवाद पर आनंद महिंद्रा ने गजब मौज ले ली

L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के हालिया बयान पर देश के दो बड़े बिजनेसमैन ने अपनी बात रखी है. बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर Rajiv Bajaj और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन Anand Mahindra ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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Anand Mahindra and Rajiv Bajaj Respond
बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज (बाईं ओर), दाईं ओर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमेन आंनद महिंद्रा (सोर्स : PTI)
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सौरभ शर्मा
11 जनवरी 2025 (Updated: 11 जनवरी 2025, 11:19 PM IST) कॉमेंट्स
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लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने वाले बयान की काफी आलोचना हो रही है. आम आदमी के बाद अब बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज (Rajiv Bajaj) और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है.

राजीव बजाज ने CNBC-TV18 को दिए एक इंटरव्यू में कई बाते कही हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि काम के घंटे मायने नहीं रखते, बल्कि काम की गुणवत्ता मायने रखती है. उनके मुताबिक आज के समय में एक दयालु और नरम दुनिया की ज्यादा जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर आप 90 घंटे काम करवाना चाहते हैं, तो शुरुआत ऊपर से करें. यानी सबसे ऊपर बैठे अधिकारियों से इसकी शुरुआत की जानी चाहिए.

राजीव बजाज ने वर्क-लाइफ बैलेंस को अहमियत देते हुए कहा कि भले ही कोई 70 या 90 घंटे काम करता हो, लेकिन उसकी  जिंदगी अन्य पहलुओं जैसे परिवार, स्वास्थ्य और भालई के काम करने से जुड़ी रहती है. ऐसी में इस आपसी जुड़ाव को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है. 

आनंद महिंद्रा क्या बोले?

आनंद महिंद्रा रविवार, 11 जनवरी को दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. ये प्रोग्राम भारत मंडपम में हुआ. इस दौरान उनसे भी 90 घंटे काम करने और वर्क लाइफ बैलेंस पर सवाल किया गया. इस पर आनंद महिंद्रा ने अपनी असहमति जताई. उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘हमें काम के घंटो की जगह क्वालिटी ऑफ वर्क पर ध्यान देना चाहिए. आप 10 घंटों में दुनिया बदल सकते हैं.’

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महिंद्रा ग्रुप के चेयरमेन आनंद महिंद्रा (सोर्स : PTI)

उन्होंने निर्णय लेने की क्षमता पर बात की और कहा कि वो सभी को आर्ट की तरफ ध्यान देने को कहते हैं. इससे जीवन में कई दृष्टिकोण आते हैं. जब एक व्यक्ति अपने घर, परिवार और दोस्तों से मिलता है और किताबें पढ़ता है, तब उसके पास नए आइडिया आते हैं, इसी तरीके से हम समझ पाते हैं कि हमें क्या निर्माण करना है. साथ ही हम समझ पाते हैं कि लोग किस तरह की कार में बैठना चाहते हैं. महिंद्रा के मुताबिक कोई भी व्यक्ति दिनभर ऑफिस में बैठ कर ऐसा नहीं कर सकता.

कितने घंटे काम करते हैं आनंद महिंद्रा? इस सवाल पर महिंद्रा ने कहा, ‘मुझे यह सवाल नहीं पसंद. आप मेरे से काम के घंटे न पूछें, आप मेरे काम की क्वालिटी पूछें.’

इस दौरान उनसे सोशल मीडिया को मैनेज करने पर सवाल किया गया, जिस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा,

“मैं सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं कि मैं अकेला हूं. मेरी पत्नी बहुत प्यारी हैं. मुझे उन्हें निहारना पसंद है.”

इससे पहले एलएंडटी के चेयरमैन सुब्रह्मण्यन ने अपने बयान में कहा था कि रविवार को आप घर बैठकर क्या करेंगे? आप अपनी पत्नी को कब तक निहारेंगे? पत्नियां अपने पतियों को कब तक निहारेंगी? ऑफिस जाइए और काम शुरू कीजिए. उनके इस बयान पर कई लोगों ने नाराजगी जताई थी.

हालांकि, इसके बाद एलएंडटी के एक कर्मचारी ने यह सफाई दी थी कि यह टिप्पणी मजाक में की गई थी.

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