बेल पर छूटे मदरसा शिक्षक ने नाबालिग का यौन शोषण किया, कोर्ट ने 187 साल की सजा दी
8 अप्रैल को तलिपरम्बा कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मदरसा शिक्षक मोहम्मद रफी को दोषी करार दिया. इस दौरान कोर्ट ने दोषी पर 9 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

केरल के कन्नूर जिले में पॉक्सो कोर्ट ने एक मदरसा शिक्षक को नाबालिग से रेप के मामले में दोषी ठहराते हुए 187 साल की सजा सुनाई है. दोषी की पहचान मोहम्मद रफी के रूप में हुई है. कोर्ट ने दोषी पर 9 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
इंडिया टुडे से जुड़ीं शिबिमोल केजी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला साल 2020 और 2021 के दौरान का है. आरोप था कि मदरसा शिक्षक ने एक 16 साल की नाबालिग लड़की को अंगूठी का लालच देकर पहले उसका विश्वास जीता. इसके बाद उसका कई बार यौन शोषण किया. बाद में जब इसकी जानकारी लड़की के घरवालों को हुई तो उन्होंने पझायंगडी थाने में पहुंचकर मदरसा शिक्षक के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले में जांच-पड़ताल शुरू की. उसने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया. बाद में जांच में पाया गया कि उसके खिलाफ पहले भी पॉक्सो के तहत मुकदमे दर्ज थे. वो गिरफ्तार भी हो चुका था. यानी मदरसा शिक्षक ने जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से यह अपराध किया. इस बात को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान गंभीरता से लिया.
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मदरसा शिक्षक की पहले के आपराधिक प्रोफाइल कीजांच की. पता चला कि मोहम्मद रफी पहले भी यौन अपराधों और पॉक्सो अधिनियम के तहत एक अन्य मामले में शामिल रहा है. इसके बाद मंगलवार, 8 अप्रैल को तलिपरम्बा कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मदरसा शिक्षक मोहम्मद रफी को दोषी करार दिया. इस दौरान कोर्ट ने दोषी पर 9 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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तलिपरम्बा पॉक्सो कोर्ट के इस फैसले को नाबालिगों के खिलाफ अपराधों पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. स्थानीय लोगों में भी इस सजा से खुशी का माहौल है. उनको उम्मीद है कि इससे भविष्य में ऐसे अपराधों पर अंकुश लगेगा.
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