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केरल में कोऑपरेटिव बैंक ने नीलाम किया 84 साल के बुजुर्ग का घर, पत्नी के साथ बाहर रहने को मजबूर

Kerala Old Couple Homeless: जिस बैंक ने बुजुर्ग दंपति के खिलाफ यह कार्रवाई की है, वह राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी CPI-M के सपोर्ट से चलता है.

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Kerala CPI M supported bank auctions old couple house forcing them to sleep outside
थिरुवल्ला ईस्ट कोऑपरेटिव बैंक की प्रतीकात्मक तस्वीर. (Photo: File/X)
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सचिन कुमार पांडे
4 दिसंबर 2025 (Updated: 4 दिसंबर 2025, 12:58 PM IST)
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केरल में एक कोऑपरेटिव बैंक ने 84 साल के बुजुर्ग और उनकी पत्नी को उनके घर से निकाल दिया. दोनों बुजुर्ग अब घर के बाहर रहने को मजबूर हैं. उनके पास रहने का कोई दूसरा ठिकाना नहीं है. कोऑपरेटिव बैंक ने उनके घर की नीलामी करवा दी. उन्हीं के पड़ोसी ने यह घर खरीद लिया है.

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार मामला केरल के पथनमथिट्टा के वझूर ग्राम पंचायत का है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस बैंक ने यह कार्रवाई की है, वह राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी CPI-M के सपोर्ट से चलता है. वहीं ग्राम पंचायत में भी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के समर्थन से CPI(M) सत्ता में है. ऐसे में बुजुर्ग दंपति के घर छीने जाने से स्थानीय लोगों में सरकार और बैंक के खिलाफ नाराजगी है.

सीएम ने दिया था भरोसा

खास बात यह है कि कार्रवाई तब हुई है, जब इसी साल केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भरोसा दिलाया था कि कोऑपरेटिव बैंक में लोन के लिए अपना घर गिरवी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को उसके घर से बेदखल नहीं किया जाएगा. इसे लेकर केरल सरकार अक्टूबर 2025 में एक कानून भी लेकर आई थी. इसमें ऐसे लोगों को घर छीनने से सुरक्षा दी गई थी, जिनकी आय कम है और उनके पास रहने के लिए एक ही घर है. हालांकि इसके बावजूद बुजुर्ग दंपति के घर की नीलामी करा दी गई.

रिपोर्ट के अनुसार बैंक का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी प्रक्रिया का पालन किया है. बैंक ने बताया कि बुजुर्ग दंपति ने साल 2014 में 2.5 लाख रुपये का लोन लिया था. अब वह लोन डिफॉल्ट हो गया है यानी दंपति ने उसे चुकाया नहीं. हालांकि दंपति का कहना है कि वह ब्याज सहित लोन से दोगुनी रकम अब तक बैंक को दे चुके हैं.

84 साल के मकान मालिक जनार्दनन मिश्रा का कहना है कि पिछले दिनों बैंक के अधिकारी उनके पास आए और उन्हें घर के बाहर निकालकर उसे बंद कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि वह ऐसा करने के लिए मजबूर हैं, नहीं तो उनकी नौकरी चली जाएगी. जनार्दन ने कहा कि उनके बुढ़ापे और खराब सेहत के बावजूद, बैंक अधिकारियों ने कार्रवाई की. वहीं उनकी पत्नी विजयम्मा का कहना है कि अब उनके पास रहने के लिए और कोई जगह नहीं है.

उधर, बैंक के मुताबिक दंपति ने बेटे का भी मकान है, लेकिन वो वहां जाने से मना कर रहे हैं. बैंक ने कहा कि वह नीलामी जीतने वाले को घर देने के लिए मजबूर हैं. रिपोर्ट के अनुसार बैंक का नाम थिरुवल्ला ईस्ट कोऑपरेटिव बैंक है और सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई एम ही इसे कंट्रोल करती है.

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इस पूरे मामले पर CPI(M) डिस्ट्रिक्ट कमेटी के मेंबर सतीश ने कहा कि उन्हें हालात के बारे में पता है, लेकिन वह लोकल बॉडी इलेक्शन में बिज़ी हैं, इसलिए इसे देख नहीं पाए. वहीं विपक्षी दलों ने इस मामले में राज्य सरकार पर जन विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया है.

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