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'आप कोई इतिहासकार हैं?', कमल हासन को 'कन्नड़ विवाद' पर कर्नाटक हाईकोर्ट की फटकार

Karnataka High Court slams Kamal Haasan: कोर्ट ने कमल हासन से पूछा कि क्या वो इतिहासकार या भाषाविद् हैं, जो इस तरह का बयान दे रहे हैं. उच्च न्यायालय ने उनसे माफी मांगने को कहा.

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Karnataka High Court slams Kamal Haasan
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कमल हासन को फटकार लगाई है. (फ़ाइल फ़ोटो- PTI/इंडिया टुडे)
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हरीश
3 जून 2025 (Updated: 3 जून 2025, 03:41 PM IST) कॉमेंट्स
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कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने मंगलवार, 3 जून को एक्टर कमल हासन (Kamal Haasan) को फटकार लगाई है. जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने कहा कि हासन के कॉमेंट से कन्नड़ लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. स्थिति को शांत करने के लिए एक्टर को माफ़ी मांगनी चाहिए.

अदालत ने कहा, ‘किसी भी नागरिक को भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है.’ कोर्ट ने कमल हासन से पूछा कि क्या वो इतिहासकार या भाषाविद् हैं, जो इस तरह का बयान दे रहे हैं.

कन्नड विवाद क्या है?

कमल हासन की फ़िल्म 'ठग लाइफ' 5 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है. 24 मई को इसी फिल्म के ऑडियो लॉन्च का इवेंट था. इस दौरान कमल हासन ने बातों-बातों में कन्नड़ा भाषा को तमिल से जन्मी हुई भाषा बता दिया. इसके बाद से ही विवाद मचा हुआ है.

बवाल ज़्यादा बढ़ा, तो कर्नाटक सरकार ने इस फ़िल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दी. कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने घोषणा की कि जब तक हासन अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी नहीं मांगते, तब तक फ़िल्म कर्नाटक में नहीं दिखाई जाएगी.

याचिका में क्या-क्या है?

इसी के ख़िलाफ़ कमल हासन कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचे. फिल्म के को-प्रोड्यूसर राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल और कमल हासन ने याचिका दायर की. मांग की कि हाई कोर्ट कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) को निर्देश दे. ताकि फ़िल्म को कर्नाटक में बिना किसी समस्या के दिखाई जाए.

राजकमल फिल्म्स ने तर्क दिया कि कमल हासन के बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है और संदर्भ से बाहर ले जाया गया है. उनकी टिप्पणी का मकसद तमिलनाडु और कर्नाटक के लोगों के बीच प्रेम और सौहार्द दिखाना था.

याचिका में राज्य के अधिकारियों को ये भी निर्देश देने की मांग की गई, कि वो फ़िल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एकटर्स और फ़िल्म बनाने से जुड़े लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. ताकि ताकि 5 जून से फिल्म का बिना किसी रुकावट के प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सके.

याचिका में ये भी तर्क दिया गया कि बयान का मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था और ये बहुत ग़लत भी नहीं था. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि कमल हासन की एक माफ़ी से सब कुछ हल हो जाएगा. सुनवाई के दौरान जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा,

अब आप व्यावसायिक हित के लिए यहां आए हैं. ताकि पुलिस आपके द्वारा पैदा की गई स्थिति से सुरक्षा करे. एक माफ़ी से सब कुछ हल हो जाता. कानून के मुताबिक़, हम इस पर विचार करेंगे. लेकिन अपने रवैये पर विचार कीजिए.

कोर्ट ने ये भी कहा कि वो कानून के अनुसार आदेश पारित करेगा. लेकिन ये भी कहा कि याचिकाकर्ता के वकील कमल हासन को सलाह दें कि वो माफी मांगना चाहते हैं या नहीं. ख़बर लिखे जाने तक मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट में चल रही है. जैसे ही कोई फ़ैसला आता है, हम आपको अपडेट करेंगे.

वीडियो: कमल हासन ने कन्नड़ भाषा पर क्या बोला जो विवाद खड़ा हो गया?

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