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अब सरकारी परिसरों में कार्यक्रम कर सकेगा RSS, हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार के आदेश पर लगाई रोक

Karnataka की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में एक सरकारी आदेश जारी किया था, जिसमें निजी संगठनों को सरकारी जगहों पर कार्यक्रम आयोजित करने से पहले सरकार की मंजूरी लेना अनिवार्य था. इस आदेश को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधने के तौर पर देखा जा रहा था.

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Karnataka High Court halts government order targeting RSS activities in state
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है (फोटो: आजतक)
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अर्पित कटियार
28 अक्तूबर 2025 (Published: 02:49 PM IST)
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कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने राज्य सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें निजी संगठनों को सरकारी जगहों पर कार्यक्रम आयोजित करने से पहले सरकार की मंजूरी लेना अनिवार्य किया गया था. इस आदेश को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की गतिविधियों पर निशाना साधने के तौर पर देखा जा रहा था. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आदेश को चुनौती देने के लिए ‘पुनश्चैतन्य सेवा संस्था’ ने कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें तर्क दिया गया था कि यह कदम निजी संगठनों के अधिकारों का उल्लंघन करता है. मंगलवार, 28 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए जस्टिस नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को तय कर दी.

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में एक सरकारी आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया कि कोई भी निजी या सामाजिक संगठन, लिखित अनुमति के बिना सरकारी स्थानों और कॉलेज कैंपसों में कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकता. आरोप लगे कि यह आदेश RSS की गतिविधियों को कंट्रोल करने के लिए जारी किया गया. 

ये भी पढ़ें: "दो दिन से डराया-धमकाया जा रहा है" प्रियांक खरगे ने संघ और बीजेपी पर बड़ा इल्जाम लगा दिया

इन आरोपों पर कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी (IT-BT) मंत्री प्रियांक खरगे ने बताया था,

हम किसी भी संगठन को नियंत्रित नहीं कर सकते. लेकिन अब से आप सार्वजनिक जगहों या सड़कों पर अपनी मनमर्जी नहीं कर सकते. आपको जो भी करना है, सरकार की अनुमति लेकर ही करना होगा.

प्रियांक खरगे ने कहा कि ये सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वो ऐसी गतिविधियों की अनुमति दे या नहीं. मंजूरी देने के लिए कुछ मानदंडों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,

आप सिर्फ अधिकारियों को सूचना देकर सड़क पर लाठी लहराते हुए नहीं चल सकते या पथ संचलन नहीं निकाल सकते. ये सभी चीजें हमारे द्वारा लागू किए जाने वाले नियमों का हिस्सा होंगी.

इससे पहले, कर्नाटक के संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने भी स्पष्ट किया था कि सरकार का यह कदम किसी खास संगठन के खिलाफ नहीं है.

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