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'सरकार के खिलाफ फैसला तो तभी लोग...' रिटायरमेंट के तुरंत बाद Ex CJI गवई ने बहुतों को आईना दिखा दिया

Ex CJI B R Gavai ने कहा कि यह सोच पूरी तरह से गलत है कि कोई जज तभी स्वतंत्र है जब वह सरकार के खिलाफ फैसला दे. इसके साथ ही उन्होंने Collegium सिस्टम में अपना भरोसा जताया है.

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जस्टिस बीआर गवई ने कॉलेजियम सिस्टम का बचाव किया है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
25 नवंबर 2025 (Published: 08:14 AM IST)
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस पद से रिटायर हुए जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (B R Gavai) ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि जब तक कोई जज सरकार के खिलाफ फैसला न सुनाए उसे स्वतंत्र नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा कि जज अपने सामने मौजूद दस्तावेजों के हिसाब से फैसला करते हैं.

जस्टिस गवई ने अपने आधिकारिक आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा,

 कोर्ट में हम हर मामले को एक नजर से देखते हैं. केस की मेरिट के हिसाब से फैसला होता है. इसमें यह नहीं देखा जाता कि कौन सा पक्ष इसमें शामिल है. सरकार है या फिर कोई निजी पार्टी इसका हिस्सा है.

जस्टिस बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम पर भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम बना रहना चाहिए, क्योंकि यह जनता का न्यायपालिका पर भरोसा मजबूत करता है. जस्टिस गवई ने कॉलेजियम में जस्टिस विपुल पंचोली के प्रमोशन वाले फैसले पर जस्टिस बीवी नागरत्ना की असहमति पर भी बात की. उन्होंने कहा,

 कॉलेजियम में असहमति कोई बहुत नई चीज नहीं है. ऐसा पहले भी होता रहा है. उन्होंने कहा कि जस्टिस नागरत्ना की बात में अगर मेरिट होता तो कॉलेजियम के 4 अन्य जज भी उनकी बात से सहमत हो जाते. आखिर इस असहमति को प्रकाशित क्यों नहीं किया गया?

सुप्रीम कोर्ट में महिला जज नहीं ला पाने का अफसोस

जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि उनके कार्यकाल के दौरान किसी महिला जज को सुप्रीम कोर्ट में लाने की सिफारिश नहीं हुई. इसके साथ ही जस्टिस गवई ने यह भी साफ कर दिया कि रिटायरमेंट के बाद वह कोई सरकारी पद या राज्यपाल जैसी भूमिका स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वो अपने गृह जिले में आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए काम करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के 52 वें चीफ जस्टिस बीआर गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को समाप्त हो गया. शुक्रवार यानी 20 नवंबर को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपना आखिरी कार्यदिवस पूरा किया था. सोमवार यानी 24 नवंबर को  जस्टिस सूर्यकांत ने CJI पद की शपथ ली.

वीडियो: अदालत में बढ़ती व्यवस्था को लेकर वकीलों पर गुस्सा हो गए जस्टिस गवई

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