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राहुल गांधी से नाराज कई पूर्व जज, सेनाधिकारी और IAS अफसरों ने लिखा लेटर, 'वोट चोरी' पर घेरा

Rahul Gandhi Vote Chori Charge: राहुल गांधी को लेटर लिखने वाले लोगों में 16 रिटायर्ड जज, 123 नौकरशाह और 133 सशस्त्र बल के अधिकारी शामिल हैं.

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Rahul Gandhi Vote Chori Charge
राहुल गांधी को लेटर लिखने वाले लोगों में 272 प्रमुख नागरिक शामिल हैं. (फोटो- PTI)
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हरीश
19 नवंबर 2025 (Published: 06:34 PM IST)
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक लेटर लिखकर 272 प्रतिष्ठित लोगों ने उनसे नाराजगी जताई है. इन लोगों में रिटायर्ड जज, नौकरशाह और सेना के पूर्व अधिकारी शामिल हैं. उनका कहना है कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी बार-बार वोट चोरी के दावे कर ‘चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को बदनाम करने की कोशिश’ कर रहे हैं. लेटर में ये भी कहा गया कि भारतीय लोकतंत्र में इसके आधारभूत संस्थानों के खिलाफ ‘जहरीली बयानबाजी बढ़ रही’ है.

कांग्रेस सांसद को लेटर लिखने वाले लोगों में 16 रिटायर्ड जज, 123 नौकरशाह और 133 सशस्त्र बल के अधिकारी शामिल हैं. इसमें कहा गया है,

भारत के लोकतंत्र पर बल प्रयोग से नहीं, बल्कि इसकी आधारभूत संस्थाओं के खिलाफ जहरीली बयानबाजी की बढ़ती लहर से हमला हो रहा है. कुछ नेता असल नीतिगत विकल्प पेश करने के बजाय, भड़काऊ और निराधार आरोपों का सहारा लेते हैं. भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और उपलब्धियों पर सवाल उठाकर उन्हें कलंकित करने की कोशिशें. न्यायपालिका की निष्पक्षता, संसद और उसके संवैधानिक पदाधिकारियों पर सवाल उठाकर उनकी छवि खराब करने के प्रयास. इन सबके बाद, अब चुनाव आयोग की बारी है कि वो अपनी ईमानदारी और प्रतिष्ठा पर व्यवस्थित और षड्यंत्रकारी हमलों का सामना करे.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, लेटर में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी के वोट चोरी के दावों का जिक्र किया गया. फिर कहा गया कि ‘निराधार आरोप लगाने और अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले लोक सेवकों को धमकाने’ के लिए कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई थी. उन्होंने आगे कहा,

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने बार-बार चुनाव आयोग पर हमला बोला है और कहा है कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है. उन्होंने दावा किया कि उनके पास 100 प्रतिशत सबूत हैं… उन्होंने ये भी धमकी दी है कि चुनाव आयोग में ऊपर से नीचे तक जो भी इस काम में शामिल है, वो उन्हें नहीं छोड़ेंगे. उनके अनुसार, आयोग देशद्रोह में लिप्त है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से धमकी दी कि अगर मुख्य चुनाव आयुक्त/चुनाव आयुक्त रिटायर हो गए, तो वो उन्हें परेशान करेंगे.

बता दें कि लेटर पर साइन करने वाले प्रमुख लोगों में रिटायर्ड जस्टिस शुभ्रो कमल मुखर्जी, राजीव लोचन और विवेक शर्मा शामिल हैं. वहीं, नौकरशाहों में पूर्व रॉ प्रमुख संजीव त्रिपाठी, पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रवीण दीक्षित, पूर्व आईएएस अधिकारी नवीन कुमार के नाम हैं. इसके अलावा, पूर्व सैनिकों में लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. वेद चतुर्वेदी, वाइस एडमिरल अभय कर्वे और मेजर जनरल आरपीएस भदौरिया भी शामिल हैं.

लेटर में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की कांग्रेस द्वारा की गई आलोचना की निंदा की गई है. कहा गया,

नेता SIR के खिलाफ तीखी बयानबाजी में शामिल हो गए हैं. यहां तक ​​कि उन्होंने ये भी कहा है कि आयोग 'भाजपा की बी-टीम' की तरह काम करके पूरी तरह से बेशर्मी पर उतर आया है… ऐसी उग्र बयानबाजी भावनात्मक रूप से मजबूत हो सकती है. लेकिन जांच के दौरान ये ध्वस्त हो जाती है. क्योंकि चुनाव आयोग ने अपनी SIR मेथेडोलॉजी को सार्वजनिक रूप से शेयर किया है. अदालत से स्वीकृत तरीकों से वेरिफिकेशन की निगरानी की है. अयोग्य नामों को सही तरीके से हटाया है और नए पात्र वोटर्स को जोड़ा है.

लेटर में ये भी कहा गया कि जब कुछ राज्यों में चुनावी नतीजे अनुकूल होते हैं, तो चुनाव आयोग की आलोचना खत्म हो जाती है. लेकिन जब नतीजे विपक्षी दलों के पक्ष में नहीं जाते, तो आयोग को खलनायक के रूप में पेश किया जाता है. लेटर के मुताबिक, ये चयनित गुस्सा अवसरवाद को उजागर करता है, दृढ़ विश्वास को नहीं.

वीडियो: बिहार में महागठबंधन की हार पर क्या बोले राहुल गांधी? फिर लगाए ये आरोप

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