राजस्थान पुलिस ने दो पत्रकारों को किया अरेस्ट, डिप्टी सीएम दीया कुमारी पर झूठी खबरें छापने का आरोप
मध्य प्रदेश के रहने वाले दोनों पत्रकार ‘The Sootr’ नाम का न्यूज पोर्टल और यूट्यूब चैनल चलाते हैं. दोनों पर झूठी खबरें फैलाने और उन्हें हटाने के लिए करोड़ों रुपये मांगने के आरोप है. पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान सभी आरोप सही पाए गए हैं. उधर, पत्रकारों के संस्थान ने आरोपों को झूठा और चौंकाने वाला बताया है.

राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार,17 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दो पत्रकारों को हिरासत में लिया है. पत्रकारों पर आरोप है कि इन्होंने राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के खिलाफ ‘झूठी’ और ‘अपमानजनक’ खबरें चलाईं. उन्हें हटाने के लिए 5 करोड़ रुपये भी मांगे. पत्रकारों के नाम आनंद पांडे और हरीश दिवेकर है. उधर, जहां पत्रकार काम करते हैं उस संस्था ने पुलिस की कार्रवाई को चौंकाने वाला और गैरकानूनी बताया है.
किसने और क्यों दर्ज कराई शिकायतइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आनंद पांडे और हरीश दिवेकर मिलकर ‘द सूत्र’ (The Sootr) नाम का न्यूज पोर्टल और यूट्यूब चैनल चलाते हैं. पांडे पोर्टल के एडिटर-इन-चीफ हैं जबकि दिवेकर मैनेजिंग एडिटर हैं. दोनों के खिलाफ नरेंद्र सिंह राठौर नाम के शख्स ने जयपुर के करणी विहार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.
शिकायत में पत्रकारों पर झूठी और अपमानजनक खबरें चलाने, ब्लैकमेलिंग, खबरों को हटाने के नाम पर करोड़ों रुपये मांगने और दीया कुमारी को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि न्यूज पोर्टल ‘दीया तले अंधेरा’ नाम से एक सीरीज भी चला रहा था. झूठी खबरें चलाने के लिए बड़ी रकम मिलने का भी आरोप लगाया गया है.
पुलिस ने क्या कहा?रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के दफ्तर ने एक बयान में कहा कि शिकायत के बाद FIR दर्ज की गई है. जांच में पता चला कि प्रसारित की गई खबरें तथ्यों पर आधारित नहीं थीं. यह भी पता चला है कि आरोपियों ने ‘द सूत्र’ चैनल और वेब पेज से खबरें हटाने और भविष्य में ऐसी खबर प्रसारित नहीं करने लिए 5 करोड़ रुपये मांगे.
पुलिस ने दावा किया कि पैसे न देने की एवज में पत्रकारों ने राजस्थान के डिप्टी सीएम के खिलाफ ‘दीया को खत्म करो’ (Destroy Diya) नाम का एक अभियान शुरू करने की भी धमकी दी. जांच के दौरान दोनों पत्रकारों के खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं. दोनों पत्रकारों को भोपाल से हिरासत में लिया गया. जयपुर लाकर उनसे पूछताछ की जाएगी. इसमें शामिल अन्य लोगों की भूमिका के बारे में भी जांच की जा रही है.
‘द सूत्र’ ने क्या कहा?'द सूत्र' के एक प्रवक्ता ने अखबार से बातचीत में पुलिस की कार्रवाई को चौंकाने वाला और गैरकानूनी बताया. कहा कि पिछले सात वर्षों में उन्होंने शासन, जवाबदेही और जनहित पर लगातार सवाल उठाए हैं. राजस्थान की डिप्टी सीएम से जुड़ी रिपोर्टिंग, दस्तावेजों और सबूतों पर आधारित है. यह स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने और चुप कराने की कोशिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले में पुलिस को शिकायत देने की कोशिश की तो पुलिस ने उनकी शिकायत लेने से इनकार कर दिया.
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