जावेद अख्तर को नहीं भाया तालिबानी विदेश मंत्री मुत्तकी का स्वागत, बोले- "सिर शर्म से झुक जाना चाहिए"
Javed Akhtar जिस बात का जिक्र कर रहे हैं वो घटना साल 2021 के अगस्त महीने से शुरू हुई थी. तब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा कर अपनी सरकार बना ली थी.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी अपने 7 दिनों के भारत दौरे पर हैं. मुत्तकी के दौरे को लेकर भारत में लोग दो समूहों में बंटे हैं. कहीं उनके लिए फूल बरसाए जा रहे हैं, कहीं विरोध हो रहा है. इस पर अब लेखक और गीतकार जावेद अख्तर का बयान आया है. उनका कहना है कि मुत्तकी के इस दौरे पर सिर शर्म से झुक जाना चाहिए.
मुत्तकी 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद पहुंचे थे. बड़ा ज़ोरदार स्वागत हुआ था. खूब फूल बरसाए गए थे. इसे लेकर जावेद अख्तर ने कहा,
जो लोग आतंकवादियों के खिलाफ मंच पर बोलते हैं, वो दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि का स्वागत कर रहे हैं. ये देखकर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है. देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए. आपने अपने "इस्लामिक हीरो" का इतना सम्मान पूर्वक स्वागत किया. जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. मेरे भारतीय भाइयों और बहनों, हमारे साथ ये हो क्या रहा है?
जावेद अख्तर जिस बात का जिक्र कर रहे हैं वो घटना साल 2021 के अगस्त महीने से शुरू हुई थी. तब तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था. फिर वहां कब्ज़ा करके अपनी सरकार बना ली थी. इसमें कई लोग मारे गए थे. लोगों के अधिकार छीन लिए गए थे. सबसे ज़्यादा शिकार हुई थीं महिलाएं. अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा और रोज़गार पर रोक लगा दी गई थी. दुनियाभर में इसका विरोध हुआ था. भारत ने भी खुलकर तालिबान की हरकत का विरोध किया था.
लेकिन आज हम अक्टूबर 2025 में हैं जहां तालिबान शासित अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का स्वागत किया जा रहा है. मुत्तकी ने कई प्रेस कांफ्रेंस भी की. पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखा गया था. जब विरोध हुआ तो दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हें बुलाया गया. महिला पत्रकारों ने मुत्तकी से सीधा सवाल किया था कि बच्चियों की शिक्षा और महिलाओं के रोज़गार पर रोक क्यों लगी? मुत्तकी इसका कोई ठीक-ठीक जवाब नहीं दे पाए थे.
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