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जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर बवाल, कल तो पर्चे ही फटे थे, आज धक्का मुक्की हो गई

Jammu and Kashmir विधानसभा ने राज्य में स्पेशल स्टेट्स की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित किया है. National Conference के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने ये प्रस्ताव पेश किया. BJP के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. वहीं Congress के सदस्यों ने इस पर चुप्पी साध ली.

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जम्मू और कश्मीर विधानसभा ने विशेष दर्जे का प्रस्ताव पास किया. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
6 नवंबर 2024 (Updated: 7 नवंबर 2024, 11:45 AM IST) कॉमेंट्स
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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की विधानसभा ने 6 मार्च को राज्य के विशेष दर्जे की बहाली (Special status) का प्रस्ताव पारित किया. यह प्रस्ताव नेशनल कांफ्रेंस के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने पेश किया. इस प्रस्ताव को पेश करते ही सदन में हंगामा मच गया. बीजेपी के विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. जबकि कांग्रेस को छोड़कर बाकी दूसरे सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर इसका समर्थन किया. जम्मू कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख तारिक कर्रा और नेता पीरजादा मोहम्मद सईद इस प्रस्ताव पर चुप रहे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 

इस प्रस्ताव में कहा गया कि विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटियों को बहाल करने की मांग करती है. इनसे जम्मू कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा होती है. हम इसे एकतरफा हटाए जाने से चिंतित हैं. इसमें आगे कहा गया कि विशेष दर्जे की बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू -कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षांओं दोनों की रक्षा होनी चाहिए.

जम्मू -कश्मीर विधानसभा से पारित इस प्रस्ताव में भारत सरकार से केंद्र शासित प्रदेश के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने का आह्वान किया है. ताकि इन प्रावधानों को बहाल करने के लिए संवैधानिक तंत्र तैयार किया जा सके. वहीं बीजेपी ने इस कदम का विरोध किया.

6 नवंबर को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेशनल कांफ्रेस के विधायक और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे का प्रस्ताव पेश किया. नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह नियमों के खिलाफ है. और सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं है. भाजपा के विधायक इस प्रस्ताव के विरोध में हंगामा करने लगे.

बीजेपी सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने देने पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की चेतावनी दी. लेकिन बीजेपी ने विरोध जारी रखा. जिसके बाद दोनों पक्षों ने प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में नारे लगाए. सदन में हो रहे हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव पर वोटिंग कराई और ध्वनिमत से प्रस्ताव को पारित कर दिया. इसके विरोध में बीजेपी के सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

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