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जयपुर के SMS अस्पताल में भीषण आग, ICU में 7 मरीजों की मौत, भगदड़ में एक और की जान गई

Jaipur Sawai Man Singh Hospital Fire: राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए इस हादसे में मरने वाले सभी मरीज ICU में भर्ती थे. अचानक लगी आग के बाद आनन-फानन में कई कई मरीजों को बाहर निकालकर उनकी जान बचाई गई. उनमें से कुछ की हालत अब भी गंभीर है.

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Jaipur Fire breaks out at Sawai Man Singh Hospital trauma centre 6 patients admitted in ICU died
अस्पताल के ICU वार्ड से तेजी से निकलता धुआं (बाएं), मरीजों को लेकर बाहर की तरफ भागते लोग (दाएं)
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शरत कुमार
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6 अक्तूबर 2025 (Updated: 6 अक्तूबर 2025, 08:44 AM IST)
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जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात आग लग गई. इसके बाद ट्रॉमा सेंटर के ICU वार्ड से आग की लपटें उठने लगीं. हादसे में अब तक सात मरीजों की मौत की खबर है. आग लगने के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. भगदड़ से अस्पताल के बाहर एक और मरीज की भी मौत हो गई. फिलहाल आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है. सीएम भजनलाल शर्मा के आदेश पर घटना की जांच के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है. 

न्यूरो वार्ड से अचानक निकला धुआं

जानकारी के अनुसार रविवार रात तकरीबन 11 बजकर 10 मिनट पर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के दूसरे फ्लोर पर स्थित न्यूरो वार्ड के स्टोर से धुआं निकलना शुरू हुआ था. कुछ मरीजों ने बताया कि धुआं इतनी तेजी से फैला कि अफरा-तफरी मच गई. अचानक लगी आग से मरीजों के रिश्तेदार उन्हें लेकर बाहर की ओर भागे. अस्पताल के कर्मचारियों ने कई मरीजों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया. फायर ब्रिगेड की टीम ने कई घंटों की कोशिश के बाद आग पर काबू पाया. 

रात में नहीं था ICU का स्टाफ

आजतक से जुड़े शरत कुमार ने बताया के मुताबिक सवाई मान सिंह के ट्रामा सेंटर में हादसे के वक्त 210 मरीज थे. यहां के चार ICU में 40 मरीज थे. रात के समय एक ICU में एक ही स्टाफ रहता है और वो भी भाग गया, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ. अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी अनुराग धाकड़ ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया,

हमारे ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो ICU हैं: एक ट्रॉमा ICU और एक Semi ICU. वहां 24 मरीज़ थे. 11 ट्रॉमा ICU में और 13 Semi ICU में. ट्रॉमा ICU में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेजी से फैल गई, जिससे जहरीली गैसें निकलीं. ज्यादातर गंभीर मरीज बेहोशी की हालत में थे. हमारी ट्रॉमा सेंटर टीम, हमारे नर्सिंग ऑफिसर और वार्ड बॉय ने तुरंत उन्हें ट्रॉलियों पर लादकर बचाया और जितने मरीजों को ICU से बाहर निकाला जा सका, उन्हें दूसरी जगह ले गए. उनमें से छह मरीज़ों की हालत बहुत गंभीर थी. हमने सीपीआर से उन्हें होश में लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. पांच मरीज अभी भी गंभीर हैं. मृतकों में दो महिलाएं और चार पुरुष थे. पांच की हालत गंभीर है. हमने 24 लोगों को निकाला: 11 ट्रॉमा ICU में और 13 बगल वाले ICU में.

कैसे लगी आग?

वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक सुनील भाटी ने आजतक से कहा कि कुल 11 मरीज ट्रॉमा के न्यूरो ICU में थे. उनमें से 4 मरीजों को बचा लिया गया है, लेकिन सात लोगों की मौत हो गई है. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि आग किसकी लापरवाही से लगी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. वहीं ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर जगदीश मोदी का कहना है कि आग इतनी तेजी से फैली कि उन्हें मौका ही नहीं मिला. पुष्टि तो नहीं हुई है, मगर 6 मरीजों की मौत हुई है. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने एएनआई को बताया,

हमारी FSL टीम की जांच से आग लगने का कारण पता चलेगा. प्रथम दृष्टया, यह शॉर्ट सर्किट लग रहा है, लेकिन अंतिम कारण FSL जांच के बाद ही पता चलेगा. 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. बाकी लोगों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है और उनका इलाज चल रहा है. मृतकों के शवों को शवगृह में रखवा दिया गया है. सभी आवश्यक जांच पूरी होने के बाद, शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा.

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मृतकों के नाम

हादसे में मारे गए छह मरीजों की पहचान भी हो गई है. इनके नाम हैं- पिंटू सीकर, दिलीप आंधी, श्रीनाथ भरतपुर, रुक्मणि भरतपुर, खुशमा भरतपुर और बहादुर सांगानेर. इसके अलावा सवाईमाधोपुर के बौली का रहने वाले दिगंबर वर्मा एक्सीडेंट केस में ट्रामा में आए थे. उनकी अस्पताल के बाहर भगदड़ में मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने उनकी मौत को अग्नि कांड में नहीं माना है. घटना की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत गृह मंत्री जवाहर सिंह बेढम, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और अन्य मंत्री वहां पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. गृह मंत्री का कहना है कि अभी सब लोग लगे हुए हैं और हम पूरी जानकारी ले रहे हैं. हेल्थ बुलेटिन के बाद ही कुछ कह पाएंगे.

जांच के लिए बनी कमेटी

एएनआई के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए जाच कमेटी बनाने की घोषणा की गई है. कमेटी की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के कमिश्नर इकबाल खान करेंगे. यह समिति आग के कारणों का पता लगाएगी. साथ ही जांच करेगी कि अस्पताल प्रबंधन की आग पर प्रतिक्रिया क्या रही, ट्रॉमा सेंटर और एसएमएस अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था कैसी है, आग लगने की स्थिति में मरीजों की सुरक्षा और निकासी की क्या व्यवस्था है और भविष्य में ऐसी आग की घटनाओं से अस्पताल को बचाने और फिर से होने से रोकने के लिए क्या उपाय हो सकते हैं.

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