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सिंधु संधि पर ब्रेक के बाद भारत ने बहाया चिनाब का पानी, पाकिस्तान की फसलें संकट में

Pahalgam Terror Attack के बाद Indus Water Treaty को स्थगित करने के बाद से यह भारत की तरफ से की गई पहली जल-आधारित कार्रवाई मानी जा रही है. इससे Pakistan की तरफ बहने वाले पानी का प्रभाव प्रभावित होगा. जिसका असर खरीफ फसलों की बुवाई पर पड़ेगा.

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Indus Water Treaty stopping India released the water from jammu kashmir dams Pakistan
चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांधों से पानी छोड़ा गया (फोटो: PTI)
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अर्पित कटियार
6 मई 2025 (Published: 09:33 AM IST) कॉमेंट्स
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भारत ने जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांधों से अचानक पानी छोड़ दिया. ये पानी जलाशयों की सफाई करने के लिए छोड़ा गया था. इस प्रक्रिया को ‘जलाशय फ्लशिंग’ कहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पानी से पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा तो नहीं है, लेकिन इसका असर पाकिस्तान की फसल पर जरूर पड़ेगा (India-Pakistan Tensions). 

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 900 मेगावाट की क्षमता वाले बगलिहार और 690 मेगावाट की सलाल जलविद्युत परियोजनाओं के जलाशयों की फ्लशिंग की प्रक्रिया इस हफ्ते के आखिर में शुरू हुई. उन्होंने कहा,

फ्लशिंग पूरी होने के बाद जलाशयों को दोबारा भरा जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह से लेकर पंद्रह दिन तक में पूरी हो सकती है. इस दौरान पाकिस्तान की तरफ नीचे की ओर बहने वाले पानी का प्रवाह प्रभावित होगा, जिससे खरीफ फसलों की बुवाई पर असर पड़ेगा. 

चूंकि, जलाशयों को साफ करने के बाद उन्हें दोबारा भरा जाएगा. इससे पाकिस्तान की तरफ बहने वाले पानी का प्रवाह प्रभावित होगा. जिसके चलते, पाकिस्तान के सियालकोट जिले में बने ‘मराला बैराज’ के पास सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी छोड़ने में दिक्कत होगी. इसका असर ये होगा कि धान, मक्का और कपास जैसी खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित होगी. जो इसी महीने शुरू होने वाली है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित करने के बाद से यह भारत की तरफ से की गई पहली जल-आधारित कार्रवाई मानी जा रही है. हालांकि, बगलिहार और सलाल दोनों की भंडारण क्षमता सीमित है. इसलिए लंबे वक्त ये बांध जल प्रवाह को नहीं रोक सकते. 

ये भी पढ़ें: सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद भारत का अगला कदम, हाइड्रो प्रोजेक्ट की क्षमता बढ़ाने पर काम में शुरू

क्या होता है जलाशय फ्लशिंग?

जलाशय फ्लशिंग (Reservoir Flushing) का मतलब होता है जलाशय से गाद यानी मिट्टी और गंदगी निकालना. यह एक सालाना गतिविधि है ताकी जलाशयों से जुड़े बिजली संयंत्रों को बेहतर तरीके से चलाया जा सके. जिससे बिजली उत्पादन बेहतर हो सके. ये गतिविधि आमतौर पर अगस्त महीने में मानसून के दौरान होती है, लेकिन इस बार ये जल्द ही शुरू हो गई.

वीडियो: India का बैन एक्शन, Pakistan के रक्षा मंत्री Khawaja Asif बोले- 'सिंधु पर कुछ बनाया तो...'

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