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सिंधु नदी का पानी रोकने के बाद अब भारत सरकार के इरादे कुछ ऐसे हैं, पाकिस्तान त्राहिमाम कर उठेगा

Pahalgam terror attack के बाद से भारत ने चिनाब नदी पर बने दो बांधों को रिचार्ज करने के लिए फ्लशिंग करने का फैसला किया था. अब खबर है कि केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने हर महीने फ्लशिंग करने की सिफारिश की है.

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Indus water treaty baglihar and salal dam reservoir
बगलिहार और सलाल बांध (तस्वीर) चेनाब नदी पर बनाए गए हैं. (PTI)
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आनंद कुमार
16 मई 2025 (Updated: 16 मई 2025, 11:15 AM IST) कॉमेंट्स
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भारत ने जब सिंधु जल संधि को स्थगित किया तो सवाल उठा भारत इस पानी का करेगा क्या? क्योंकि भारत के पास नदी के पानी को रोकने का कोई बुनियादी ढांचा नहीं है. जल बंटवारे की संधि निलंबित किए जाने के महीने भर के भीतर ही इस सवाल का जवाब मिलने लगा है. चिनाब नदी (Chenab River) पर बने दो बांधों को रिचार्ज करने के लिए फ्लशिंग शुरू करने से पाकिस्तान दहशत में आ गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 4 मई को जम्मू और कश्मीर में चिनाब नदी पर स्थित बगलिहार और सलाल बांध (Baglihar and Salal Dam) का गेट बंद करना शुरू किया था. ताकि नदी से गाद और तलछट को हटाने के लिए फ्लशिंग ऑपरेशन चलाया जा सके.

फ्लशिंग का इस्तेमाल नदियों और जलाशयों में जमा रेत, गाद और तलछट को साफ करने के लिए किया जाता है. इस प्रक्रिया में पानी को तेज प्रवाह के साथ बाहर निकाला जाता है. यह तलछट को नीचे की ओर धकेलकर नदी को साफ करता है.

1987 में सलाल और 2008-09 में बगलिहार बांध बनाया गया था. इनके बनने के बाद से पहली बार फ्लशिंग मेथड का इस्तेमाल किया गया है. इससे पहले सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान की आपत्तियों के चलते फ्लशिंग नहीं की जाती थी. मई महीने के शुरू में हुई फ्लशिंग से सलाल और बगलिहार बांध से 7.5 मिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा तलछट हटा दी गई है.

एक सीनियर अधिकारी की मानें तो पाकिस्तान की परेशानी अभी और बढ़ने वाली है. क्योंकि केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने हर महीने फ्लशिंग करने की सिफारिश की है. और इसके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी करने की बात भी कही है.

पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताई है क्योंकि फ्लशिंग से अचानक नीचे की ओर फ्लो बढ़ जाएगा. और गेट बंद कर बांधों को रिचार्ज करने के बाद पाकिस्तान को मिलने वाले पानी में भी कमी आएगी. पाकिस्तान पहले से ही चेनाब नदी में जल स्तर घटने से पानी की दिक्कत से जूझ रहा है. ऐसे में भारत का ये कदम उसकी परेशानी और बढ़ा देगी. 

ये भी पढ़ें- भारत-पाकिस्तान के जल युद्ध में कूदेगा चीन? सिंधु नदी के बदले ब्रह्मपुत्र का पानी रोका तो क्या होगा?

पाकिस्तान की सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण सलाहकार समिति ने चेनाब नदी के वाटर फ्लो में आई गिरावट पर गहरी चिंता जताई है. समिति ने बताया कि खरीफ सीजन की शुरुआत में पाकिस्तान के हिस्से आने वाले पानी में 21 फीसदी की कमी हो सकती है.

पहलगाम हमले के बाद भारत ने 22 अप्रैल को सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला किया था. दोनों देशों के बीच 19 सितंबर 1960 को ये संधि हुई थी. इसके मुताबिक, पूर्वी नदियों (सतलुज, व्यास और रावी ) का सारा पानी भारत को मिलेगा. और पाकिस्तान के हिस्से पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का पानी आएगा. 

वीडियो: सिंधु जल समझौता सस्पेंड, पाकिस्तान का पानी रोकने में इंडिया को कितना समय लगेगा?

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