The Lallantop
Advertisement

'टीवी पर नहीं, हमारी खिड़की के बाहर हो रही जंग', ईरान में फंसे भारतीय छात्रों ने बताए जमीनी हालात

ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग के बीच भारतीय छात्र फंस गए हैं. ईरान में पढ़ने के लिए गए छात्रों ने बताया कि उनके हॉस्टल के पास भी मिसाइलें गिरीं, जिससे वो काफी डरे हैं. उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि उन्हें यहां से सुरक्षित निकाला जाए.

Advertisement
Iran Israel War
ईरान-इजरायल युद्ध के चलते सैकड़ों भारतीय छात्र फंस गए हैं (Photo: AFP)
pic
राघवेंद्र शुक्ला
16 जून 2025 (Updated: 16 जून 2025, 11:41 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष का खामियाजा वहां रह रहे भारतीय छात्र भी झेल रहे हैं. मेडिकल की पढ़ाई के लिए ईरान गए इन छात्रों की आंखों के सामने मिसाइलें गिर रही हैं. बम फूट रहे हैं. लड़ाकू विमान गरज रहे हैं और सायरन की आवाजें गूंज रही है. इन भारतीय छात्रों का कहना है कि वे ईरान में पढ़ने के लिए आए थे लेकिन अब ऐसी जंग में फंस गए हैं, जिससे उनका कोई लेना-देना ही नहीं है. 

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कुछ छात्रों ने 12-13 जून की रात के खौफनाक मंजर को याद किया है, जब इजरायल ने ईरान पर अचानक हमला किया था. दोनों देशों के बीच ये जंग 4 दिनों से जारी है. तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में पढ़ने वाली हैदराबाद की 22 साल की एक MBBS छात्रा ने बताया,

13 जून को सुबह 3:20 बजे के आसपास हमने एक तेज गड़गड़ाहट सुनी. फिर काला धुआं दिखा. सब लोग भागने लगे. हमें लड़ाकू विमान की आवाज सुनाई दी. फिर गोलीबारी होने लगी. ऐसा लगा जैसे युद्ध हमारे सिर के ऊपर हो रहा हो. ये जंग टीवी पर नहीं, हमारी खिड़की के बाहर हो रही थी.

एक अन्य भारतीय छात्र ने कहा,

हॉस्टल में बिजली चली गई थी. 2 दिन तक खाना-पीना मुश्किल हो गया था. फिर एक दिन डीन आए और कहा कि हॉस्टल ही सबसे सुरक्षित जगह है, लेकिन यहां भी हालात बिगड़ गए. इसके बाद छात्रों को बंकरों और बेसमेंट में भेजा गया. 

अन्य छात्रों ने बताया कि बमबारी से उनके हॉस्टल की खिड़कियां टूट गईं. वो इतना डरे हैं कि 4 रातों से उन्हें नींद नहीं आ रही है. तेहरान यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के पास भी बमबारी होने की खबर है. शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फंसी एक छात्रा ने बताया कि यहां शोर रुकने का नाम नहीं ले रहा था. ऐसे हालात थे कि लग रहा था कि हम युद्ध वाली किसी फिल्म में हैं.

छात्रों ने बताया कि उनके विश्वविद्यालय की ओर से खाने-पीने का प्रबंध किया जा रहा है. उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह ईरान से उनके निकासी की व्यवस्था करें. इंटरनेट कनेक्शन खराब होने की वजह से छात्रों का अपने परिवार से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि सिक्योरिटी के मद्देनजर कई भारतीय छात्रों को तेहरान से 200 किमी दूर कोम शहर में शिफ्ट किया गया है. यहां स्टूडेंट्स सेफ तो हैं लेकिन काफी डरे हुए हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में पढ़ने वाले बहुत से भारतीय छात्र जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (JKSA) ने भारत सरकार के सामने उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. JKSA ने दावा किया है कि रविवार 15 जून की शाम को तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में छात्रावास के पास हमले में ‘कश्मीर के 2 छात्र’ घायल हो गए हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

JKSA ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर ईरान से भारतीय छात्रों को वापस लाने की अपील की है. अपने पत्र में JKSA के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने आरोप लगाया कि स्टूडेंट्स तेहरान में भारतीय दूतावास से बार-बार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें वहां से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा है.

वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि तेहरान में इंडियन एंबेसी हालात पर लगातार नजर रख रही है. भारतीय छात्रों से संपर्क किया जा रहा है.

ईरान में भारतीय दूतावास ने अराक यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज को पत्र लिखकर भारतीय छात्रों की निकासी में मदद मांगी है. पत्र में दूतावास ने छात्रों की सुरक्षा और निकासी की जिम्मेदारी ली है. 

विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2022 में तकरीबन 2000 से ज्यादा भारतीय छात्र ईरान में पढ़ने के लिए गए थे. इनमें से अधिकांश तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी और इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे.

वीडियो: ईरान के निशाने पर आई इजरायल स्थित US एम्बेसी, अमेरिकी राजदूत ने ये कहा

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement