भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला स्पेस में जो घड़ी पहनेंगे उसकी खासियत क्या है?
1965 में NASA ने सभी मानवयुक्त स्पेस मिशन के दौरान समय देखने के लिए आधिकारिक रूप से ओमेगा की ‘स्पीडमास्टर’ घड़ी को मंजूरी दी थी. तब से यह घड़ी अंतरिक्ष मिशनों की पहचान बन गई है.

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 6 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले हैं. इस दौरान शुभांशु विशेष रूप से तैयार की गई दो ओमेगा स्पीडमास्टर (Omega Speedmaster) घड़ियां पहनेंगे जो अंतरिक्ष में काम करने और रहने के दौरान उनके काम आएंगी.
इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, यह घड़ियां एक स्टाइल स्टेटमेंट से ज्यादा स्पेस की विषम परिस्थियों जैसे कि माइक्रोग्रैविटी, तेज तापमान बदलाव और शून्य दबाव जैसे कठोर हालात को सहन कर सकती हैं. इस मिशन को ऑर्गनाइज करने वाली संस्था ‘Axiom Space’ ने इसकी पुष्टि की. उसने बताया,
"हम Ax4 मिशन की लॉन्चिंग के लिए तैयार हैं. हमें एक बार फिर Omega की घड़ियों को बोर्ड पर पाकर गर्व हो रहा है. यह 60 साल पुरानी परंपरा है, जिसकी शुरुआत नासा के ‘स्पीडमास्टर घड़ी’ को फ्लाइट सर्टिफिकेशन देने से हुई थी."
दरअसल 1965 में NASA ने सभी मानवयुक्त स्पेस मिशन के दौरान समय देखने के लिए आधिकारिक रूप से ओमेगा की ‘स्पीडमास्टर’ घड़ी को मंजूरी दी थी. तब से यह घड़ी अंतरिक्ष मिशनों की पहचान बन गई है. लंबे समय से यह NASA और Axiom की पसंदीदा स्पेस वॉच बनी हुई है.
इन घड़ियों को विशेष रूप से स्पेस के लिए डिजाइन किया गया है. यह घड़ी मायनस 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 70 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेल सकती है. वैक्यूम (निर्वात) की परिस्थिति में भी ये सही समय बताती है. 40G तक ग्रैविटेशनल फोर्स के झटके सह सकती है. 1.6 वायुमंडलीय दाब पर भी काम करती है. साथ ही इस घड़ी में कभी जंग भीनहीं लगता.
Ax4 मिशन पर जाने वाले हर एस्ट्रोनॉट को दो ओमेगा स्पीडमास्टर घड़ियां दी जाएंगी. पहली- ‘स्पीडमास्टर X33 स्काईवॉकर’ होगी, जो अंतरिक्ष यान के अंदर पहनने के लिए बनाई गई है. वहीं दूसरी घड़ी ‘स्पीडमास्टर प्रोफेशनल मूनवॉच’ है. एस्ट्रोनॉट इसे ‘स्पेसवॉक’ माने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान पहनेंगे.
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