AMCA की राह में नया कांटा आ गया, अब और देरी से मिलेगा पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट
China ने पांचवी पीढ़ी का J-20 और J-35 फाइटर जेट बना लिया है. वो अपने दोस्त पाकिस्तान को भी ये जेट्स देगा. ऐसे में जरूरी है कि भारत के बेड़े में भी ऐसे जेट्स हों जो रडार से बचते हुए इन जेट्स का मुकाबला कर सकें. इसीलिए भारत अपना खुद का स्टेल्थ जेट AMCA बना रहा है. लेकिन इसके Mk2 वेरिएंट में देरी हो सकती है.

भारत के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) का इंतजार पूरे देश को है. जेट्स की कम संख्या के बीच यह जरूरी है कि भारत के पास जल्द से जल्द एक पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ विमान हो. लेकिन एक खबर आई है जिससे लगता है कि इंडियन एयरफोर्स को अब AMCA-Mk2 के लिए 2040 तक का इंतजार करना पड़ सकता है. AMCA के रोडमैप में एक बड़ा बदलाव आया है और नए अनुमानों के अनुसार AMCA-Mk2, 2040 से पहले सर्विस में नहीं आ पाएगा.
क्या है देरी की वजह?एयरफोर्स को चीन और पाकिस्तान के खतरों को काउंटर करने के लिए एक स्टेल्थ फाइटर जेट की जरूरत है. वजह, चीन का दावा है कि उसने पांचवीं पीढ़ी का J-20 और J-35 फाइटर जेट बना लिया है. खबरें हैं कि चीन अपने दोस्त पाकिस्तान को भी ये जेट्स देगा. ऐसे में जरूरी है कि भारत के बेड़े में भी ऐसे जेट्स हों जो रडार से बचते हुए इन जेट्स का मुकाबला कर सकें. इसीलिए भारत अपना खुद का स्टेल्थ जेट AMCA बना रहा है. लेकिन Defence.in के मुताबिक AMCA के मार्क 2 वेरिएंट, जो कि एक 5.5 जेनरेशन का विमान हो सकता है, उसके लिए 2040 तक का इंतजार करना पड़ सकता है. यह संभावित देरी स्वदेशी 120 kN इंजन प्रोग्राम की बदली हुई टाइमलाइन के कारण हो सकती है. इस इंजन को जो फ्रांस की Safran और भारत के गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) जॉइंट वेंचर के तहत बना रहे हैं.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत और फ्रांस के बीच यह सहयोग रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. सूत्रों का कहना है कि इंजन डील के लिए औपचारिक मंजूरी अब 2026 में ही मिलने की उम्मीद है. इस बदलाव से AMCA-Mk2 के शामिल होने के शेड्यूल पर अनिश्चितता छा गई है. टाइमलाइन के हिसाब से देखें यह एडवांस्ड वेरिएंट 2030 के दशक के मध्य में एक हाई-थ्रस्ट प्रोपल्शन सिस्टम के साथ लॉन्च होने वाला था.

प्रोग्राम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नए हाई-थ्रस्ट टर्बोफैन का डेवलपमेंट पहले की उम्मीद से लंबे और मुश्किल दौर में जा रहा है. नए इंजन का पहला ग्राउंड रन, जिसमें 'ड्राई कोर' कॉन्फिगरेशन का इस्तेमाल किया जाएगा, अब 2032 में होने की उम्मीद है. इसके बाद 2032 या 2033 की शुरुआत में 'ड्राई' और 'वेट' दोनों प्रोटोटाइप इंजनों के ट्रायल होंगे, जो असली प्रोपल्शन वैलिडेशन की शुरुआत होगी. हालांकि, एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये शुरुआती टेस्ट एक सख्त सर्टिफिकेशन प्रोसेस की सिर्फ शुरुआत है. क्योंकि इससे सिर्फ ये तय होगा कि इंजन का प्रोपल्शन कैसा होगा. Mk 2 वेरिएंट के लिए प्रोपल्शन काफी अहम है क्योंकि इसे सुपरक्रूज क्षमता से लैस किया जाना है. सुपरक्रूज वो क्षमता है जिससे फाइटर जेट्स बिना आफ्टरबर्नर का इस्तेमाल किए ही सुपरसॉनिक रफ्तार पर जा सकते हैं.
ग्राउंड इवैल्यूएशन यानी जमीन पर कई टेस्ट्स होने के बाद, इंजन के हवाई ट्रायल्स होंगे. इनमें ये देखा जाएगा कि इंजन कितान थर्मल स्ट्रेस यानी गर्मी झेल सकता है. लेकिन बात यहीं पर नहीं रुकती. अगर इंजन का टेस्ट सफल भी रहा तो AMCA के फ्रेम के साथ उसकी फिटिंग आदि करना भी बड़ी चुनौती है. आमतौर पर ये कई बार के प्रयासों में ही सफल हो पाता है. अगर कोई दिक्कत न आए, तब भी इन सभी टेस्ट्स का 2037-38 से पहले पूरा करना एक चुनौती है. और सब होने के बाद जब ये विमान प्रोडक्शन के लिए फाइनल होगा, तो उसमें 1-2 साल लग ही जाते हैं. ऐसे में AMCA-Mk2 2040 से पहले इंडक्ट हो जाए, इसकी संभावना कम ही है.

फरवरी 2025. बेंगलुरू में एशिया के सबसे बड़े एयर शो, एयरो इंडिया 2025 का आयोजन हुआ. अमेरिका और रूस से आए 5th जेनरेशन विमान F-35 Lightning और Sukhoi Su-57 ने इसमें हिस्सा लिया. इस एयर शो में भारतीय वायुसेना के विमानों ने भी अपना दम दिखाया. भारतीय पायलट्स और उनके हुनर ने खूब तारीफें हुईं. पर सवाल खड़ा हुआ कि आखिर भारत के बेड़े में पांचवीं पीढ़ी का विमान कब शामिल होगा? हालांकि इस दौरान पहली बार AMCA का एक फुल स्केल मॉडल सामने आया और उम्मीद जगी कि अब जल्द ही भारत को अपना खुद का 5th जेनरेशन स्टेल्थ विमान मिल जाएगा. तो जानते हैं कि भारत के इस फाइटर जेट में क्या फीचर्स हो सकते हैं?
- AMCA एक पांचवींं पीढ़ी का विमान होगा इसलिए ये स्टेल्थ फीचर से लैस होगा.
- AMCA बनने के बाद इसका मार्क 2 वर्जन भी आएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्क 2 वर्जन को 5.5 जेनरेशन विमान की तरह डेवलप किया जाएगा.
- मार्क 1 के इंजन के मुकाबले मार्क 2 वेरिएंट में ज्यादा शक्तिशाली इंजन लगाया जाएगा.
- इस विमान में इंटर्नल फ्यूल टैंक और इंटर्नल वेपन बे (Weapon Bay) होगा जिससे इसके रडार पर दिखने की संभावना में कमी आएगी.
- AMCA को इस तरह बनाया जा रहा है जिससे ये ‘लॉयल विंगमैन’ या ‘स्मार्ट विंगमैन’ के प्लेटफॉर्म पर भी काम कर सके.
- इस विमान के साइड में एयर इंटेक बनाए जाएंगे जिससे टर्बोफैंस को छुपाया जा सके. इससे विमान को रडार की पकड़ में आने से बचाया जा सकेगा. रडार पर दिखने का सबसे बड़ा कारण फाइटर जेट्स में लगे ये टर्बोफैंस ही होते हैं. ये हीट माने गर्मी छोड़ते हैं जिससे रडार इन्हें डिटेक्ट कर लेता है.
- AMCA अधिकतम 24 टन माने 24 हजार किलो का वजन लेकर टेक-ऑफ कर सकेगा.
- AMCA को एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (रडार जाम करना, कम्युनिकेशन ध्वस्त करना) जैसे मिशंस में इस्तेमाल किया जाएगा.
- यह फाइटर जेट 2 इंजनों से लैस होगा जिसके साथ 2 आफ्टरबर्नर होंगे.
- इस जेट की सर्विस सीलिंग 60 हजार फीट होगी. माने ये विमान 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
- AMCA मैक 1.8 से मैक 2.15 (1 Mach में 1234.8 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार पर उड़ान भर सकेगा. हालांकि विमान की असली रफ्तार क्या होगी, ये विमान के पूरी तरह बनने के बाद ही सामने आएगा.

AMCA से जुड़ी हालिया अपडेट्स देखें तो समझ में आता है कि रेस में बने रहने के लिए भारत ने कुछ समय से इस प्रोजेक्ट पर ध्यान देना शुरू हुआ है. पर सबकुछ होने के बाद भी जो सबसे बड़ी समस्या है, वो है प्रोडक्शन और डिलीवरी में देरी. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पास इस क्षेत्र में अनुभव तो काफी है, पर तेजस विमान के मामले में HAL के ट्रैक रिकॉर्ड और प्रोडक्शन लाइन में धीमेपन को ध्यान में रखते हुए सरकार किसी प्राइवेट कंपनी से भी कोलैब के ऑप्शन तलाश रही थी.
(यह भी पढ़ें: AMCA के लिए DRDO ने जो 'मॉर्फिन विंग' तकनीक खोजी है, वो चीन- पाकिस्तान की हवा टाइट कर देगी)
लेकिन मई 2025 में एक्जीक्यूशन मॉडल को मिली मंजूरी के साथ ये साफ है कि इस प्रोजेक्ट में प्राइवेट प्लेयर्स की भी एंट्री होगी. इससे प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलने की उम्मीद है. HAL और एक प्राइवेट फर्म जॉइंट वेंचर के तहत AMCA का निर्माण कर सकते हैं. इसके अलावा प्राइवेट फर्म को आगे के डेवलपमेंट का काम भी दिया जा सकता है. इंजन को लेकर साफरान का नाम सबसे आगे है. उम्मीद जताई जा रही है कि 2026 में फ्रेंच कंपनी से इसके लिए डील फाइन हो जाएहगी.
वीडियो: HAL के MD ने फाइटर जेट तेजस के क्रैश पर क्या कहा?

.webp?width=60)

