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वो पल जब संसद में राहुल गांधी को जवाब देने खुद अमित शाह और पीएम मोदी उतर आए

10 दिसंबर 2025 को राहुल गांधी और अमित शाह के बीच तेज बहस छिड़ गई. राहुल गांधी ने वोट चोरी पर की गई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर सीधी बहस की चुनौती दी. जवाब में अमित शाह बोले कि उनकी बात किस क्रम में रखी जाएगी, ये कोई दूसरा तय नहीं कर सकता.

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incidents of heated debates between rahul gandhi amit shah and bjp led nda government in parliament
अमित शाह और राहुल गांधी के संसद में बीच तीखी बहस हुई (PHOTO-India Today)
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मानस राज
11 दिसंबर 2025 (Published: 01:09 PM IST)
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नेता विपक्ष राहुल गांधी के ही संसद में तीखी बहस देखने को मिली. राहुल गांधी ने अमित शाह को चैलेंज दिया कि वो उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर डिबेट करें. राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में कथित अनियमितताओं को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस बात पर अमित शाह ने तीखे अंदाज में उन्हें जवाब देते हुए कहा कि 'कोई ये तय नहीं करेगा कि वो किस क्रम में अपनी बातों को रखेंगे.' इस बहस के अलावा भी राहुल गांधी कई बार सरकार पर संसद में इस तरह के हमले कर चुके हैं. 2023 में महिला आरक्षण के मुद्दे से लेकर, 2024 में नेता विपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के बयान के बाद भी तीखी बहस देखने को मिली थी.

2023: महिला आरक्षण, ओबीसी कोटा 

20 सितंबर 2023 की तारीख को संसद का सत्र चल रहा था. आम चुनावों में एक साल से भी कम का समय बचा था इसलिए पक्ष और विपक्ष, दोनों एक-दूसरे पर पूरी ताकत से हमलावर थे. लोकसभा में 19 सितंबर को महिला आरक्षण बिल (Women reservation bill) पर बहस शुरू हुई. बिल को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक' नाम दिया गया. संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिल पर अपनी बात रखी. राहुल ने कहा कि वो महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हैं. साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना की भी मांग की. बिल पर चर्चा के दौरान बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा,

महिलाओं को सत्ता हस्तांतरण में पंचायती राज बहुत बड़ा कदम था. महिला आरक्षण दिया जाना एक और बड़ा कदम है.

राहुल ने आगे कहा कि महिला आरक्षण बिल को एक बात अधूरा बनाती है. इसमें OBC आरक्षण भी शामिल किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा,

मैंने सवाल पूछा कि जो 90 सचिव हैं, जो हिंदुस्तान की सरकार चलाते हैं, इनमें से OBC कितने हैं. लेकिन इसके जवाब से मैं हैरान रह गया. 90 में सिर्फ 3 सचिव OBC हैं.

राहुल ने आगे कहा,

सरकार इस बिल को लागू करे. परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है, बस महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दे दीजिए.

सरकार की ओर से इसका जवाब देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह आगे आए. अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि ये उनके लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है. उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा,

19 सितंबर का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. पीएम ने मातृ शक्ति को सम्मानित किया है. बिल से महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित की जाएंगी.

उन्होंने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएंगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेंगी. शाह ने बताया,

पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है. पीएम मोदी के लिए मान्यता का सवाल है. किसी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आंकलन करना है, तो कोई एक घटना से फैसला नहीं हो सकता.

अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया. उस वक्त उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए दिया गया. इसके लिए कोई कानून नहीं था.

जुलाई 2024; राहुल गांधी की 'हिंदू टिप्पणी', माफी की मांग

2024 के आम चुनावों के बाद संसद का सत्र शुरू हुआ. विपक्ष के नेता के तौर पर संसद में ये राहुल गांधी का पहला संबोधन था. अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा,

हमारे सभी महान लोगों ने अहिंसा और डर खत्म करने की बात कही है. लेकिन जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे सिर्फ हिंसा, नफरत, झूठ की बात करते हैं. आप हिंदू हो ही नहीं.

राहुल गांधी के इस बयान को बीजेपी ने लपक लिया और सोशल मीडिया से लेकर सदन तक पूरी भाजपा उन पर हमलावर हो गई. भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहा है. सरकार की ओर से पहले खुद पीएम मोदी और फिर गृह मंत्री अमित शाह ने इसका जवाब दिया. इस बयान पर इतना हंगामा हुआ कि खुद PM मोदी सामने आए. 2014 में सांसद बनने के बाद यह उनका पहला दखल था. संसद में हंगामे के बीच उन्होंने कहा, 

पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर आरोप है.

इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया, 

पीएम मोदी, भाजपा-आरएसएस ही पूरे हिंदू समुदाय नहीं हैं.

पीएम मोदी के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मांग की कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने विवादित बयान के लिए माफी मांगें. गृह मंत्री ने कहा कि 'इस देश में लाखों लोग खुद को हिंदू कहते हैं. क्या वे हिंसा करते हैं?' उन्होंने कहा किसी भी धर्म के साथ हिंसा की भावना को जोड़ना गलत है, और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

वीडियो: अमित शाह ने वोट चोरी मुद्दे पर ऐसा क्या कहा कि पूरा opposition एक साथ walkout कर गया?

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