मां-बाप ज्यादा धार्मिक नहीं थे, मार डाला... सिविल इंजीनियर हुमायूं कबीर की कहानी अब सामने आई
Humayun Kabir ने 28 मई को कथित तौर पर पूर्वी बर्धमान के मेमारी स्थित अपने घर में अपने बुजुर्ग माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी थी. पकड़े जाने के बाद उसकी स्टोरी पता लगी है.

अपने परिवार में धार्मिक गतिविधियों की कमी से परेशान. एकांत और धार्मिक साहित्य में रमा रहने वाला ‘रोहिंग्या समर्थक’ शख्स, जो म्यांमार भागने की तैयारी में था. पुलिस की जांच में अपने माता-पिता की हत्या करने वाले बेरोजगार सिविल इंजीनियर हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) की यही पहचान सामने आई है. कबीर को पिछले महीने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व बर्धमान (Purba Bardhaman) से गिरफ्तार किया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जादवपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुमायूं कबीर ने 28 मई को कथित तौर पर पूर्व बर्धमान के मेमारी स्थित अपने घर में अपने बुजुर्ग माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी थी. इसके बाद वो अपने माता पिता के शव को घसीटते हुए सड़क पर लाया.
फिर वहां से भागकर लगभग 107 किलोमीटर दूर बोनगांव के एक अनाथालय में पहंचा. और वहां के चार कर्मचारियों पर चाकू से हमला कर दिया. 29 मई को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अभी वह प्रेसीडेंसी जेल में न्यायिक हिरासत में है.
हुमांयू कबीर के पिता पूर्व बर्धमान के मेमारी शहर में गिफ्ट की एक दुकान चलाते थे. उनके परिवार के पास खेती की काफी जमीन थी. साल 2012 में कबीर ने जादवपुर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. और इसके बाद मुंबई, दिल्ली और नोएडा में काम किया.
इस मामले की जांच से जुड़े लोगों ने बताया कि करीब छह साल पहले कबीर का तलाक हुआ था. इसके बाद से उसके व्यक्तित्व में बदलाव आने लगा. वह धीरे-धीरे खुद को दूसरों से अलग-थलग करने लगा. इसी दौरान उसकी नौकरी भी चली गई. एक जांचकर्ता ने बताया,
इस साल की शुरुआत में वह कई महीनों तक गायब रहा था. वो हिमाचल प्रदेश चला गया था. उसके पिता ने काफी मशक्कत के बाद उसे ढूंढा. और वापस मेमारी ले आए. अगले कुछ महीनों में उसके बिहेवियर में काफी बदलाव आ गया. उसने कथित तौर पर धार्मिक और जिहादी साहित्य को खंगालना शुरू कर दिया. इस दौरान उसने अपने माता पिता की धार्मिक गतिविधियों में कम रुचि होने के चलते नाराजगी जताना शुरू कर दिया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह चाहता था कि उसके माता पिता को जन्नत मिले. जल्द ही उसने उनकी हत्या की योजना बनानी शुरू कर दी. और 28 मई को अपनी योजना को अंजाम दे दिया.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पहले उसने अपने पिता मुस्तफिजुल की कलाई काट दी. और फिर जब चीख सुनकर उसकी मां आई तो उन्हें भी मार दिया. इसके बाद कथित तौर पर कबीर रानाघाट गया. और वहां से ट्रेन पकड़कर बोनगांव पहुंच गया. जो कि भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से छह किलोमीटर दूर स्थित है. यहां से उसकी म्यांमार भागने की तैयारी थी. लेकिन स्थानीय अनाथालय में चार लोगों पर हमला करने के चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया. और उसकी योजना विफल हो गई.
वीडियो: बंगाल के 24 परगना में 2 समुदायों के बीच हिंसा, पुलिसवाले भी घायल