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5 सांपों का सूप, कोबरा डिश... होटल में रोज लगती खाने वालों की लाइन, इस स्नेक क्वीन की बात हर कोई कर रहा

Snake Soup Snake Dishes: हांगकांग की एक महिला शाऊ का-लिंग पिछले 50 सालों से सांपों का सूप और अलग-अलग डिश बनाती आई हैं. पिता चाहते थे कि शाऊ सिलाई का काम सीखें, लेकिन शाऊ को कुछ और ही करना था.

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Hong Kong's chau ka ling Snake Queen has been preparing famous snake soups since 5 decades
मां की मदद से शाऊ ने की शुरुआत. (फोटो: सोशल मीडिया)
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25 जनवरी 2025 (Published: 01:18 PM IST)
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हांगकांग की एक महिला शाऊ का-लिंग को सांपों में बड़ी दिलचस्पी (Chau Ka Ling Hong Kong Snake) है. पिछले 50 सालों से वे सांपों का सूप (Snake Soup) और सांपों की अलग-अलग डिश (Snake Dish) बनाती आई है. बचपन से ही सांपों में बड़ी रूचि रखने का परिणाम है कि आज वे दुनिया भर में मशहूर हैं.

वे शिया वोंग हिप होटल की मालकिन है, जो 5 सांपों से बने एक सूप और कोबरा से बनी डिश के लिए जाना जाता है. शाऊ बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले 1971 में सांप को छुआ था, तब वे 13 साल से भी कम उम्र की थीं.

सांपों से शाऊ की दोस्ती इतनी गहरी हुई कि वे जहरीले सांप पकड़ने में सरकार की मदद करने लगीं. पुलिस की लिस्ट में शाऊ का नाम सांप पकड़ने वाले प्रोफेशनल्स में लिखा गया. इसके बाद उन्हें "स्नेक क्वीन" के खिताब से भी नवाजा गया.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, शाऊ ने आगे बताया है कि उनके पिता भी सांपों को पकड़ने में एक्सपर्ट थे. लेकिन, वे शाऊ को सांप पकड़ना सिखाने के खिलाफ थे. वे चाहते थे कि उनकी बेटी सिलाई का काम सीखे. पिता के इनकार करने पर शाऊ अपनी मां के पास गईं. शाऊ ने कहा कि वे इस काम में जी-जान लगा कर मेहनत करेंगी. मां की मदद से शाऊ ने यह हुनर सीखना शुरू किया.

शाऊ कई दशकों से यही व्यापार कर रही हैं. इस बुधवार को सांपों का नया साल शुरू होगा. जिसमें शाऊ अपने व्यापार को और आगे बढ़ाएंगी. शिया वोंग हिप उन 30 होटलों में से एक है, जहां सांपों से डिश बनती हैं. यह माना जाता है कि ये डिश इम्यूनिटी को मजबूत करती है.

सांपों से बना सूप, जिसे खाने के लिए टुरिस्ट आते है
सांपों से बना सूप, जिसे खाने के लिए टूरिस्ट भी आते है. (फोटो: सोशल मीडिया)

रिपोर्ट बताती है कि शाऊ ने धीरे-धीरे सांपों से जुड़ा हर हुनर सीखा. इस दौरान उन्होंने सांपों का गॉल ब्लैडर निकालने की मुश्किल कला भी सीख ली. लेकिन, शाऊ के लिए यह काफी नहीं था. उन्होंने सांपों के फनों को निकालने की कला सीखने का संकल्प किया. ऐसा करना काफी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि फन निकालते वक्त सांप का जहर आंखों में भी जा सकता है.

शाऊ के पिता उन्हें ऐसा करते हुए देखते, तो उन्हें डांट देते. लेकिन, पिता की डांट शाऊ की लगन को खत्म नहीं कर सकी. और आखिर में शाऊ इस हुनर में भी निपुण हो गईं.

इस बीच शाऊ ने सांप पकड़ना भी सीख लिया था. वे बताती है कि उनकी सबसे प्यारी याद कोबरा को पकड़ने से जुड़ी है. वे साई कुंग मरीन पुलिस बेस में नांव पर सवार होकर सांप पकड़ने गई थीं. उनके साथियों ने कहा था कि वह सांप एक पाइथन है. लेकिन, जब शाऊ ने उसे पकड़ा तो पता चला कि वह एक कोबरा था.  

शाऊ के पास सांप पकड़ने के लिए 3 पॉइंट का एक प्लान था. वह प्लान था कि वे सांप को जिंदा पकड़ेंगी, उससे लड़ने के लिए कोई हथियार जैसी चीज अपने साथ रखेंगी, और अगर वो ऐसा करने में सफल नहीं होती हैं तो समंदर में कूद जाएंगी.

ऐसे पकड़ती हैं सांप

सांप जब शांत होता है तो शाऊ उस पर अपना हाथ रखती हैं. जैसे ही सांप उनका हाथ हटाने के लिए सिर हिलाता है, वैसे ही शाऊ उसको गर्दन से पकड़कर उसे बाहर निकाल लेती हैं. शाऊ ने यह भी बताया कि एक बार सांप के काटने पर वे मौत के मुंह से वापिस आई थीं. तब उन्हें अस्पताल मे 1 महीने तक रहना पड़ा था.

2003 में SARS बीमारी के आने पर हांगकांग की सरकार ने जंगली जानवरों को खाने पर रोक लगा दी थी. तब शाऊ ने चीन की जगह मलेशिया से सांप मंगवाना शूरू किया था.

शाऊ ने देखा कि बहुत से टूरिस्ट उनके होटल पर खास सांपों से बनी डिश खाने के लिए आते हैं. वे सर्दियों के मौसम में हर दिन 600-700 बाउल स्नेक सूप बेचती हैं. इसके लिए कम से कम 36-42 किलो मीट की जरूरत पड़ती है. वहीं, मार्च से सितंबर के बीच हर दिन 50-100 बाउल सूप की बिक्री होती है.

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शाऊ बताती है कि वे सांपों को उबालकर और उनकी खाल उतार कर उनका मीट निकलती है. फिर उसे चिकन, अदरक, सांपों की हड्डियों, और चीनी हर्ब्स के साथ मिलाकर उनकी डिश बनाती हैं.

हर तरह की मुसीबतों का सामना करने के बाद शाऊ आने वाले साल के लिए भी उत्साह से भरी हैं. शाऊ ने कहा है कि वे आशा करती है कि हांगकांग के लोग पैसे कमाते रहें. जिससे वो खाने-पीने पर और ज्यादा खर्च कर पाएंगे. ऐसा होने से शाऊ भी और पैसे कमा सकेंगी और ज्यादा खर्च कर पायेंगी. 

(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं मेघा ने लिखी है)

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