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रूस सेना में शामिल होकर यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा था भारतीय नागरिक, तीन दिन में किया सरेंडर

गुजरात के मोरबी का रहने वाला है साहिल मोहम्मद हुसैन. यूक्रेनी सेना की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने उसका एक वीडियो भी जारी किया है. इसमें वह कथित तौर पर स्वीकारता हुआ दिख रहा है कि वह जेल की सजा से बचने के लिए रूसी सेना में भर्ती हुआ था.

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Gujarat Indian Man Fighting In Russian Military Surrendered To Ukraine Forces
गुजरात का रहना वाला है मजोती साहिल मोहम्मद हुसैन. (फोटो- इंडिया टुडे)
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रिदम कुमार
8 अक्तूबर 2025 (Published: 09:03 AM IST)
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रूस और यूक्रेन के बीच साल 2022 से युद्ध जारी है. इस युद्ध में कई भारतीयों के भी शामिल होने की खबर आई थी. ताजा खबर है कि 22 वर्षीय के भारतीय नागरिक मझोती साहिल मोहम्मद हुसैन इस युद्ध में रूस की ओर से लड़ रहा था. युद्ध में सिर्फ तीन दिन बिताने के बाद उसने यूक्रेनी सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. दावा है कि वह जेल की सजा से बचने के लिए रूसी सेना में शामिल हुआ था.

इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हुसैन गुजरात के मोरबी का रहने वाला है. यूक्रेनी सेना ने अपने टेलीग्राम पोस्ट में आरोप लगाया कि वह शुरुआत में पढ़ाई के लिए रूस गया था. लेकिन बाद में उसे ड्रग्स से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में उसे 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई. लेकिन जेल जाने से बचने के लिए वह युद्ध में शामिल हो गया. 

वीडियो भी आया है सामने

यूक्रेनी सेना की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने भारतीय नागरिक का एक वीडियो भी जारी किया है. इसमें वह कथित तौर पर स्वीकारता हुआ दिख रहा है कि वह जेल की सजा से बचने के लिए रूसी सेना में भर्ती हुआ था. वीडियो में वह रूसी भाषा में कहता है, 

“मैं जेल में नहीं रहना चाहता था, इसलिए मैंने ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए. लेकिन अब मैं वहां से निकलना चाहता हूं.”

क्या थी सरेंडर की वजह 

वीडियो में हुसैन बताता है कि 1 अक्टूबर को अग्रिम मोर्चे पर भेजे जाने से पहले उसे सिर्फ 16 दिनों का बेसिक ट्रेनिंग मिली थी. अपने कमांडर से झगड़े के बाद उसने सरेंडर करने का फैसला किया. वीडियो में वह कहता है, 

“मैं लगभग 2-3 किलोमीटर दूर एक यूक्रेनी खाई में पहुंचा. मैंने तुरंत अपनी राइफल नीचे रख दी और कहा कि मैं लड़ना नहीं चाहता. मुझे मदद की जरूरत है.”

रूस वापस नहीं लौटना चाहता

हुसैन का दावा है कि लड़ने के बदले जो पैसे दिए जाने का वादा किया गया था, वे उसे कभी नहीं मिले. उसका कहना है कि रूस लौटने की बजाय वह यूक्रेन की जेल में जाना पसंद करेगा. 

पूरे प्रकरण को लेकर फिलहाल यूक्रेनी पक्ष से कोई औपचारिक जानकारी नहीं मिली है. खबर है कि यूक्रेन में मौजूद भारतीय मिशन पूरे मामले की सच्चाई का पता लगा रहा है.

वीडियो: रूस ने यूक्रेन की कैबिनेट बिल्डिंग उड़ा दी, फिर यूक्रेन ने की जवाबी कार्रवाई

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