यूपी में बिक रहा नकली आलू, केमिकल से रंगा जा रहा, 500 क्विंटल हुए जब्त, ऐसे करें पहचान
शुरुआती जांच में आलू में केमिकल पाया गया. अधिकारियों ने दोनों ट्रकों का माल जब्त कर लिया और सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया. उन्होंने बताया कि इस आलू को खाने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. अधिकारियों ने मंडी से दो ट्रक हानिकारक आलू जब्त किए हैं, जिन्हें लाल, चमकदार और फ्रेश दिखाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा था. टीम ने आलू के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिए हैं. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आजतक से जुड़े गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि गोरखपुर के नवीन महेवा मंडी में केमिकल वाला आलू बेचा जा रहा है. रविवार, 28 सितंबर को टीम अचानक छापा मारने पहुंची और दो ट्रक आलू जब्त कर लिए, जिनमें करीब 500 क्विंटल आलू लदे हुए थे. ये आलू तमिलनाडु के वेल्लौर और उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से मंगाए गए थे. कुछ ड्राइवर, ट्रक छोड़कर फरार हो गए और जिन व्यापारियों ने माल मंगाया था, वे भी वहां से रफूचक्कर हो गए.
शुरुआती जांच में आलू में केमिकल पाया गया. अधिकारियों ने दोनों ट्रकों का माल जब्त कर लिया और सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया. सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक माल सीज रहेगा. अगर रिपोर्ट में केमिकल की पुष्टि हुई तो आलू को नष्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह आलू हानिकारक होता है और इसे खाने से स्किन प्रॉब्लम, किडनी और हार्ट से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक, केमिकल वाला आलू, सामान्य आलू से करीब 5 से 10 रुपये प्रति किलो महंगा बिकता है. दुकानदार इसे ताजा और बढ़िया आलू बताकर बेचता है. डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी और कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से ये आलू गोरखपुर की मंडी में आ रहे हैं. कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने के बाद उन्हें केमिकल में रंगा जाता है. उसके बाद अलग-अलग जिलों के बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है.
खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसकी प्रारंभिक जांच की थी. पानी में आलू डालते ही पानी का रंग लाल हो गया. खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मंडी सचिव के साथ मिलकर थोक व्यापारियों से बात की और उन्हें इस तरह की सब्जियां न मंगाने के लिए जागरूक किया.
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