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गोधरा कांड के गवाहों की सुरक्षा हटाई गई, 14 लोगों की हिफाजत कर रहे थे CISF के 150 जवान

Godhra Riots Witnesses Security Withdrawn: कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है, 'गवाहों को फुल प्रूफ़ सुरक्षा देना सरकार की ज़िम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा किन परिस्थितियों में वापस ली, वो जानें.'

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Godhra Riots Witnesses Security Withdrawn
सुरक्षा वापस हटाए जाने पर प्रमोद तिवारी ने भी रिएक्शन दिया है. (फ़ाइल फ़ोटो - इंडिया टुडे)
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हरीश
5 मार्च 2025 (Published: 01:16 PM IST)
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गुजरात के गोधरा में हुए दंगों के 14 गवाहों की सुरक्षा वापस ले ली गई है. इन गवाहों की सुरक्षा में लगे 150 CISF जवानों को हटा दिया है. गृह मंत्रालय ने SIT की रिकमेंडेशन रिपोर्ट के आधार पर ये फ़ैसला लिया है (Godhra Riots Witnesses Security Withdrawn). वहीं, इस फ़ैसले पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) ने आपत्ति जताई है.

प्रमोद तिवारी ने कहा है,

गोधरा कांड को लंबा अरसा बीत चुका है. कोर्ट ने अपना फ़ैसला भी सुना दिया है. लेकिन गवाहों को फुल प्रूफ़ सुरक्षा देना सरकार की ज़िम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा किन परिस्थितियों में वापस ली, वो जानें. लेकिन जहां संवेदनशीलता हो, धार्मिक उन्माद हो. वहां सुरक्षा दी जानी चाहिए. ये वापस क्यों लिया गया, इसका जवाब तो केंद्र सरकार दे.

बता दें, गोधरा कांड पर स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) गठित की गई थी. इस SIT ने 10 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट में सुरक्षा हटाए जाने की बात कही गई थी.

ये भी पढ़ें - गोधरा कांड से जुड़ी हर बारीक जानकारी

इन गवाहों की सुरक्षा हटाई गई

जिनकी सुरक्षा वापस हटाई गई, उनमें ये गवाह शामिल हैं-

1. हबीब रसूब सैयद
2. अमीनाबेन हबीब रसूल सैयद
3. अकिलाबेन यासिनमिन
4. सैयद यूसुफ भाई
5. अब्दुलभाई मरियम अप्पा
6. याकूब भाई नूरान निशार
7. रजतभाई अख्तर हुसैन
8. नाजिमभाई सत्तार भाई
9. माजिदभाई शेख यानुश मोहम्मद
10. हाजी मयूद्दीन
11. समसुद्दीन फ़रीदाबानू
12. मदीनाबीबी मुस्तफा
13. भाई लालभाई चंदूभाई राठवा
14. समदुद्दीन मुस्तफा इस्माइल

Godhra Kand की कहानी

बता दें, गोधरा कांड ने पूरे गुजरात को हिलाकर रख दिया था. 27 फरवरी 2002. गुजरात के गोधरा स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्सप्रेस में आग लगा दी गई. राम जन्मभूमि आंदोलन का दौर था. ये ट्रेन अयोध्या से कारसेवकों को लेकर लौट रही थी. कोच नंबर S6 में लगी आग से 59 लोग ज़िंदा जल गए. इनमें 27 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे. इसके अलावा साबरमती ट्रेन में सवार 48 अन्य यात्री भी घायल हो गए. 

इस घटना के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे. केंद्र सरकार को स्थिति को कंट्रोल करने के लिए राज्य में सेना भेजनी पड़ी थी. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक़, ये भारत की सबसे भीषण सांप्रदायिक हिंसाओं में से एक थी. इसमें 790 मुस्लिम और 254 हिंदुओं समेत 1044 लोग मारे गए थे.

वीडियो: गोधरा कांड के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दी, गुजरात सरकार ने क्या आपत्ति जताई?

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