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गोवा में घट गए पर्यटक, हालत खराब... दुकान लगाने वालों ने 'असली बात' अब बताई है

Goa tourism in decline: एक झोपड़ी मालिक का कहना है, 'अब यहां बहुत कम विदेशी पर्यटक आते हैं. मैंने 30 दिसंबर को सिर्फ़ 1,000 रुपये कमाए. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हम घाटे में चले जाएंगे.'

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Goa shack owners say buzz from tourists is missing
गोवा में झोपड़ियों के मालिकों ने टूरिस्ट ना पहुंचने पर चिंता जताई है. (फ़ोटो - PTI)
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हरीश
1 जनवरी 2025 (Published: 12:56 PM IST) कॉमेंट्स
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नया साल, यानी छुट्टियों का दौर. इन छुट्टियों में बहुत संभव है कि आप कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे होंगे (छुट्टी नहीं मिल रही, घूमने नहीं जा पा रहे? कोई बात नहीं, होता है!). ऐसी ही एक घूमने की जगह है, गोवा. कई लोग इसे ‘पर्यटन राजधानी’ तक कहते हैं. लेकिन ख़बर है कि यहां बीते दिनों पर्यटकों (Tourists) की संख्या में कमी आई है. विदेशी पर्यटक और ज़्यादा खर्च करने वाले पर्यटक काफ़ी हद तक नदारद हैं (Goa buzz from tourists is missing). ये कहना है कि गोवा में समुद्र के किनारे शैक यानी झोपड़ियां लगाने वालों का.

गोवा के पर्यटन विभाग ने अगस्त, 2024 समुद्र के किनारे अस्थायी तौर पर झोपड़ियां बनाने के लिए लाइसेंस जारी किया था. ये झोपड़ियां आमतौर पर बांस, लकड़ी के खंभों और ताड़ के पत्तों जैसे पर्यावरण-अनुकूल सामानों से बनाई जाती हैं. सरकार गोवा के बेरोजगार लोगों को 1 सितंबर से 31 मई तक के ‘चरम पर्यटन सीजन’ के दौरान समुद्र तट पर ये अस्थायी झोंपड़ियां चलाने की मंजूरी देती है.

लेकिन झोपड़ी मालिकों का कहना है कि इस लाइसेंस के बावजूद, तटीय क्षेत्र में झोपड़ियों में अपेक्षाकृत कम लोग रह रहे हैं. इसे लेकर गोवा में झोपड़ियों के मालिकों की वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष (Goa Shack Owners Welfare Society) क्रूज़ कार्डोज़ो ने भी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने बताया,

पहले क्रिसमस का समय काफ़ी व्यस्त रहता था. हमें ज़्यादा पर्यटकों की उम्मीद थी... हालांकि पिछले कुछ दिनों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन फिर भी ये पहले जैसी नहीं है. ओज़रान बीच पर, ऑक्यूपेंसी सिर्फ़ 30 प्रतिशत के क़रीब है. लोग शायद थाईलैंड, श्रीलंका और वियतनाम जाना पसंद कर रहे हैं, जो अपेक्षाकृत सस्ती जगहें हैं. ये चिंताजनक है.

पहले गोवा की ये झोपड़ियां विदेशी पर्यटकों से गुलज़ार रहती थीं. लेकिन क्रूज़ कार्डोज़ो का कहना है कि बीते कुछ सालों में ‘घरेलू पर्यटकों’ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन घरेलू पर्यटकों के साथ दिक़्क़त ये है कि कुछ पर्यटक दूसरे राज्य से जीप में गोवा आते हैं. वो होटल बुक नहीं करते हैं और समुद्र तट पर एक दिन बिताने के बाद चले जाते हैं. इसलिए उनसे बहुत ज़्यादा कारोबार नहीं मिलता.

GSOWS अध्यक्ष क्रूज़ कार्डोज़ो ने आगे बताया कि पर्यटकों के दृष्टि से 2021 में गोवा में शानदार मौसम रहा. क्योंकि महामारी संबंधी प्रतिबंध हटने लगे थे. लेकिन बाद के सालों मेें ये संख्या धीरे-धीरे कम होती चली गई. ओजरान बीच गोवा में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है. यहां 'लकी झोपड़ी' चलाने वाले श्रीधर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

अब यहां बहुत कम विदेशी पर्यटक आते हैं. मैंने 30 दिसंबर को सिर्फ़ 1,000 रुपये कमाए. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हम घाटे में चले जाएंगे.

हालांकि, कुछ-एक झोपड़ियों के मालिकों का कहना है कि ‘कुछ इंफ्लूएंसर्स’ सोशल मीडिया पर गोवा के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे हैं. कैंडोलिम में एक ऐसे ही झोपड़ी के मालिक सेबेस्टियन डिसूजा ने बताया,

हालांकि, सीजन की शुरूआत में कारोबार धीमा था. लेकिन नए साल के जश्न के साथ लोगों की संख्या बढ़ गई है और अब पूरी तरह से लोग आ चुके हैं. कुछ यूट्यूबर और इंफ्लूएंसर्स गोवा को बदनाम करने के लिए अभियान चला रहे हैं. वो थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम और श्रीलंका जैसी जगहों का प्रचार कर रहे हैं.

वहीं, कई सालों से झोपड़ी मालिकों के कल्याण समाज से जुड़े हुए जॉन लोबो कहते हैं,

गोवा को बेहतर इंफ़्रास्ट्रक्चर देकर पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखना चाहिए. इसके लिए अच्छे शौचालय, चेंजिंग रूम, बिजली, और सड़कें, जैसी बेहतर सुविधाएं समुद्र तटों पर पर होनी चाहिए.

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पर्यटन को लेकर पोस्ट करने पर केस

बीते दिनों, गोवा सरकार के पर्यटन विभाग ने एक बिजनेसमैन के ख़िलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक़, बिज़नेसमैन ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए ‘पर्यटन को लेकर ग़लत डेटा’ शेयर किया था. आरोप लगाया कि इससे स्थानीय व्यापारियों को काफ़ी नुक़सान हुआ. दरअसल, बिजनेसमैन ने जो पोस्ट किया था, उसके बाद कई दूसरे यात्रियों ने भी अपने ख़राब अनुभवों के बारे में बताया था.

जिस पोस्ट की बात की जा रही है उसमें लिखा है,

विदेशी पर्यटक पहले ही गोवा छोड़ चुके हैं. 2019 और 2023 के आंकड़ों पर गौर करें, तो जो रूसी और ब्रिटिश पर्यटक आते थे, अब उन्होंने श्रीलंका को पर्यटन के लिए चुना है. भारतीय पर्यटक अभी भी यहां आते हैं, लेकिन जल्द ही वो भी यहां आना छोड़ देंगे. क्योंकि ये बात फैल गई है कि पर्यटकों का शोषण किया जा रहा है. जबकि विदेशों में तुलनात्मक रूप से कई सस्ती जगहें घूमने लायक हैं.

रामानुज के पोस्ट में एक चार्ट भी है, जिसमें बताया गया कि गोवा में विदेशी पर्यटकों की संख्या घट रही है. शिकायत दर्ज होने के बाद भी रामानुज मुखर्जी की प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा कि आलोचना को रोकने के लिए कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है. पोस्ट में सिर्फ़ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा को शेयर किया गया.

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