The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Future wars will be won by innovators not importers indigenous aero engine and meher baba Air Marshal AK Bharti

तेजस से AMCA तक: एयरफोर्स की धीमी रफ्तार पर एयर मार्शल भारती बोले- दुख होता है

Indian Air Force के उप-प्रमुख और Operation Sindoor के दौरान सेनाओं की प्रेस ब्रीफिंग से चर्चा में आए Air Marshal A K Bharti ने FICCI के कार्यक्रम में सवालों के जवाब देते हुए डिफेंस प्रोजेक्ट्स, खासकर एयरफोर्स के प्रोजेक्ट्स में देरी पर चिंता जाहिर की.

Advertisement
Future wars will be won by innovators not importers indigenous aero engine and meher baba Air Marshal AK Bharti
एयर मार्शल एके भारती ने भविष्य के वॉरफेयर पर बात की है (PHOTO-X)
pic
मानस राज
1 अक्तूबर 2025 (Updated: 1 अक्तूबर 2025, 02:52 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

'हमें चिप्स से लेकर कम्युनिकेशन सिस्टम्स, हाइपरसॉनिक्स, हवाई प्लेटफार्मों और अंतरिक्ष में बेस्ड अपने असेट्स तक, सभी महत्वपूर्ण तकनीकों में रणनीतिक आजादी हासिल करने की जरूरत है. स्वदेशीकरण ही हमारी भविष्य की क्षमताओं की कुंजी है. इस दिशा में काफी काम चल रहा है. स्वदेशीकरण की दिशा में कोई संदेह भी नहीं है. हालांकि, आइडिया से लेकर अस्तित्व में आने तक की रफ्तार बेहद धीमी है और यही हमारी 'पीड़ा' है. उत्पादों की डिलीवरी में देरी होती है, काफी देरी होती है. यह क्रूज़ सेटिंग काम नहीं आएगी. आफ्टर-बर्नर की जरूरत है क्योंकि यह अब कोई विकल्प नहीं है.'  ये शब्द हैं इंडियन एयरफोर्स के उप-प्रमुख और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान सेनाओं की प्रेस ब्रीफिंग से चर्चा में आए एयर मार्शल एके भारती (Air Marshal A K Bharti) के. एयर मार्शल भारती 30 सितंबर को नई दिल्ली में 'फिक्की' (FICCI) द्वारा आयोजित 'एयरो टेक इंडिया 2025' (Aero Tech India 2025) को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने सवालों के जवाब देते हुए डिफेंस प्रोजेक्ट्स, खासकर एयरफोर्स के प्रोजेक्ट्स में देरी पर चिंता जाहिर की. साथ ही उन्होंने भविष्य की लड़ाइयों, ड्रोन वॉरफेयर और भारत के स्टेल्थ (Stealth) प्रोग्राम पर भी बात की.

Future wars will be won by innovators, not importers: Air Marshal AK Bharti  sets goal on indigenous aero engine | India Sentinels – India Defence News  and Updates
FICCI कार्यक्रम के दौरान एयर मार्शल एके भारती (PHOTO-ANI)
कोई दूसरा हमेशा तकनीक नहीं देगा, खुद मेहनत करनी होगी 

अपने संबोधन के दौरान एयर मार्शल भारती ने विदेश से डिफेंस टेक्नोलॉजी और तमाम कंपोनेंट्स के इम्पोर्ट पर भी बात की. ये सच है की भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, लेकिन फिर भी पूरी तरह से हम आज भी आत्मनिर्भर नहीं हैं. आज भी कई अहम तकनीकों के लिए अपने विदेशी पार्टनर्स पर निर्भर हैं. और इसी की बात एयर मार्शल भारती भी कर रहे थे. उन्होंने कहा

भविष्य के युद्ध जीतने के लिए आत्मनिर्भरता अनिवार्य है. हमारे वैश्विक साझेदार हमेशा हमें अहम, संवेदनशील और अत्याधुनिक तकनीक नहीं दे पाएंगे. हमें यह काम अपने दम पर ही करना होगा. उन्होंने कहा कि हमें अपने इनोवेशन को आफ्टरबर्नर पर लगाना होगा, क्रूज़ मोड काम नहीं करेगा. 

यहां हमने दो शब्द सुने, आफ्टरबर्नर और क्रूज़ मोड. ये दोनों शब्द एयरफोर्स में विमानों की उड़ान के दौरान इस्तेमाल किए जाते हैं. हमने विमान के पीछे एक नोजल लगा देखा है. जब विमान फुल स्पीड पर एक्सेलरेटर लेता है तो पिछले हिस्से में से आग सी निकलती दिखाई देती है. विमान को फुल स्पीड पर ले जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसी को आफ्टरबर्नर कहते हैं. जबकि नॉर्मल स्पीड पर चलने के दौरान पिछला हिस्सा शांत सा रहता है. इसे क्रूज़ मोड कहा जाता है. अब एयर मार्शल भारतीय चूंकि एयरफोर्स के व्यक्ति हैं, इसलिए रफ्तार के लिए उनका मतलब आफ्टरबर्नर है. और एयरफोर्स का तेजस प्रोजेक्ट पहले से ही धीरे चल रहा है. ऐसे में एयरफोर्स के जेट्स की संख्या लगातार घट रही है. एयर मार्शल भारती कहते हैं कि फिलहाल सबसे बड़ी प्राथमिकता जेट्स की कमी को पूरा करना है.

sukhoi afterburner
फुल आफ्टरबर्नर के सााथ टेकऑफ करता सुखोई Su30-MKI (PHOTO- Instagram/neel385)
छठी पीढ़ी का फाइटर जेट 

भारत का पड़ोसी चीन 6th जेनरेशन का फाइटर जेट बना चुका है. सोशल मीडिया पर इस जेट की तस्वीरें वायरल हैं. एयर मार्शल भारती ने कहा की हमें यानी भारत को भी अमेरिका की तरह छठी पीढ़ी के फाइटर जेट विकसित करने पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा की हमें न सिर्फ विमान पर बल्कि उसमें लगने वाले रडार, सेंसर्स जैसी चीजों के मामले में भी आत्मनिर्भर बनना होगा. एयर मार्शल कहते हैं की हम ये कर सकते हैं. तेजस, आकाश, ALH यानी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और ब्रह्मोस जैसी तकनीक ये दिखाती है की हम में क्षमता है. लेकिन हमें इस क्षमता के साथ रफ्तार भी डेवलप करनी होगी.

amca
भारत का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट AMCA अभी डेवलपमेंट स्टेज में है (PHOTO-X)
100 प्रतिशत स्वदेशीकरण से ही बदलेगी सूरत

एयर मार्शल भारती ने कहते हैं की भारत में स्वदेशीकरण हो रहा है. लेकिन 50 से 60 प्रतिशत स्वदेशीकरण पर्याप्त नहीं है. अगर किसी छोटी सी चिप या पंप के लिए भी हम विदेशियों पर निर्भर हैं तो आत्मनिर्भरता अधूरी ही है. उन्होंने कहा की अगर रिसर्च और डेवलपमेंट करने वाले संस्थान, डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (DPSU), सब साथ आएं तो बहुत कुछ संभव है. एयर मार्शल के मुताबिक आज इंडियन एयरफोर्स कई सारे उद्योगों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर काम कर रही है. लेकिन अभी भी प्रगति की रफ्तार काफी धीरे है. इसे तेज करने की जरूरत है.

The Man behind the legend – Mehar Singh – Indian Air Force
एयर कमोडोर मेहर सिंह (PHOTO-Wikipedia)
मेहर बाबा प्रोजेक्ट

इंडियन एयरफोर्स के लीजेंड माने जाने वाले एयर कमोडोर मेहर सिंह के नाम पर एयरफोर्स ने एक प्रतियोगिता शुरू की.  एयर कमोडोर मेहर सिंह को प्यार और सम्मान से मेहर बाबा कहा जाता है. उन्हीं के नाम पर एयरफोर्स ने मेहर बाबा कंपटीशन शुरू किया था. इस कंपटीशन में अनमैन्ड एरियल व्हीकल (Unmanned Aerial Vehicle) माने मानव रहित विमानों और ड्रोन्स का डेवलपमेंट किया जाता है. इस प्रोग्राम के तहत भारत के उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और डिफेंस सेक्टर से जुड़े लोग एक साथ, एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर तकनीक के विकास में योगदान देते हैं. एयर मार्शल भारती ने इस पर जानकारी देते हुए कहा कि मेहर बाबा प्रतियोगिता-3 (एमबीसी-3) का शुभारंभ रक्षा राज्य मंत्री द्वारा 11 फरवरी 2025 को एयरो इंडिया-2025 के दौरान येलहंका एयरफोर्स स्टेशन में किया गया था. 

एमबीसी-3 का विषय है ड्रोन आधारित निगरानी करने रडार रखा गया है. आइडिया यह है कि कई ड्रोन आधारित निगरानी रडार एक-दूसरे के साथ सहयोग से काम करें. जैसे वो एक दूसरे से पेयर रहें जैसे एक ब्लूटूथ डिवाइस एक-दूसरे से पेयर होता है. इन ड्रोन्स का नेटवर्क एक पूरे क्षेत्र को कवर करेगा. इनके माध्यम से, जमीन पर बैठा कंट्रोलर सभी गतिविधियों को अंजाम देगा. उनके छोटे आकार के कारण उनका पता लगाना मुश्किल होगा. एयर मार्शल भारती ने बताया कि इस आइडिया पर भी काम किया जा रहा है.

स्वदेशी जेट इंजन

भारत अपना स्वदेशी जेट इंजन कब बनाएगा? क्या तेजस के इंजन के लिए अमेरिका पर निर्भरता कभी खत्म होगी? इस सवाल के जवाब में एयर मार्शल भारती कहते हैं

हम स्वदेशी इंजन उत्पादन की संभावनाएं तलाश रहे हैं. संभवतः 10-12 सालों के अंदर हमारे पास स्वदेशी इंजन होगा. यही हमारा लक्ष्य है. अगर हम इस दिशा में कोशिश करते हैं और अगर उद्योग भी इसमें अपना योगदान देते हैं, तो यह निश्चित रूप से हासिल होगा.

एयर मार्शल भारती की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अमेरिकी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ मिलकर लाइट कॉम्बैट (LCA) तेजस एयरक्राफ्ट Mk-1 के लिए GE-404 इंजन हासिल करने पर काम कर रहा है.

वीडियो: कहानी एयर मार्शल एके भारती की जिन्होंने पाकिस्तान को करारा जवाब दे दिया

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स

Advertisement

Advertisement

()